जयशंकर बोले- भारत-रूस संबंध अंतरराष्ट्रीय स्थिरता का आधार:दोनों के विकास में विश्व का फायदा; ट्रम्प रूस से तेल खरीदने के कारण 50% टैरिफ लगा चुके

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भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को रूस की राजधानी मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। बैठक के दौरान जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस संबंध लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्थिरता की वजह रहे हैं। जयशंकर ने कहा- भारत और रूस का विकास न केवल दोनों देशों का आपसी हित है, बल्कि यह विश्व के हित में भी है। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच कई द्विपक्षीय समझौते, परियोजनाएं और नई पहलें अंतिम चरण में हैं, जिनसे ‘स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ और मजबूत होगी। जयशंकर के बयान को सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए भारत के मैसेज के तौर पर देखा जा रहा है। ट्रम्प ने इस साल अगस्त में रूस से क्रूड ऑयल यानी कच्चा तेल खरीदने के कारण भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया था। हालांकि, भारत ने ट्रम्प की बार-बार आपत्तियों के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। जयशंकर बोले- दोनों देशों में नए समझौतों पर अंतिम चरण में चर्चा जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री के साथ बैठक के दौरान बताया कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार, निवेश, अंतरिक्ष, विज्ञान और रक्षा सहित कई क्षेत्रों में नए समझौते और प्रोजेक्ट चर्चा के अंतिम चरण में हैं। दोनों देश जटिल वैश्विक हालात, जैसे यूक्रेन संघर्ष, पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान की स्थिति पर भी खुलकर चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि जयशंकर PM नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अगले महीने नई दिल्ली में होने वाले 23वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारी को लेकर मॉस्को दौरे पर हैं। वे 18 नवंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की बैठक में भारत का नेतृत्व करेंगे। रूसी PM मिखाइल मिशुस्तिन इसकी मेजबानी करेंगे। ट्रम्प बोले- रूस से तेल आयात में कटौती पर टैरिफ घटाएंगे डोनाल्ड ट्रम्प ने 17 नवंबर को कहा था कि अमेरिका भारत पर टैरिफ कम कर सकता है क्योंकि उसने रूस से अपने तेल आयात में कटौती की है। ट्रम्प ने कहा- भारत और अमेरिका एक नए व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गए हैं। अब भारत ने रूसी तेल की खरीद बहुत कम कर दी है, इसलिए अमेरिका धीरे-धीरे टैरिफ कम करेगा। ट्रम्प का यह बयान ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद आया, जिसमें दावा किया गया था कि भारत ने दिसंबर महीने की डिलीवरी के लिए रूस से कच्चे तेल की खरीद में बड़ी कटौती की है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 5 प्रमुख रिफाइनरी कंपनियों ने दिसंबर के लिए कोई नया ऑर्डर नहीं दिया है। रिलायंस ,BPCL, HPCL ने नहीं दिए रूस को तेल के ऑर्डर रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, मंगलौर रिफाइनरी और एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी ने दिसंबर के लिए रूस को नया ऑर्डर नहीं दिया। ये कंपनियां इस साल अब तक भारत के रूसी आयात का दो-तिहाई हिस्सा रही हैं। इंडियन ऑयल (IOC) और नयारा एनर्जी ही दिसंबर के लिए रूसी तेल खरीद रही हैं। IOC गैर-प्रतिबंधित सप्लायर्स से खरीद कर रही है, जबकि नयारा जिसमें रूस की रोसनेफ्ट की 49% हिस्सेदारी है, पूरी तरह रूसी सप्लाई पर निर्भर है। भारत अक्टूबर में​​​​​​​ रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बना भारत ने अक्टूबर में रूस से 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 22.17 हजार करोड़ रुपए) वैल्यू का कच्चा तेल खरीदा, जिससे वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। यह जानकारी हेलसिंकी स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने अपनी रिपोर्ट में दी है। CREA के अनुसार, चीन 3.7 बिलियन डॉलर (करीब 32.82 हजार करोड़ रुपए) के इम्पोर्ट के साथ पहले नंबर पर रहा। कुल मिलाकर, रूस से भारत का फॉसिल फ्यूल आयात 3.1 बिलियन डॉलर (करीब ₹27.49 हजार करोड़) पहुंच गया है। वहीं, चीन का कुल आंकड़ा 5.8 बिलियन डॉलर (करीब ₹51.44 हजार करोड़) रहा। चीन रूसी कोयले का भी सबसे बड़ा खरीदार बना रहा। उसने 760 मिलियन डॉलर का कोयला खरीदा। वहीं, भारत ने अक्टूबर में 351 मिलियन डॉलर मूल्य का रूसी कोयला और 222 मिलियन डॉलर मूल्य के ऑयल प्रोडक्ट इम्पोर्ट किए। भारत पर 50% टैरिफ में रूस से तेल खरीदने पर 25% ​​​​​​​पेनल्टी ट्रम्प भारत पर अब तक कुल 50% टैरिफ लगा चुके हैं। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पेनल्टी है। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से और पेनल्टी 27 अगस्त से लागू हुआ था। अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रम्प कई बार यह दावा कर चुके हैं कि, भारत के तेल खरीद से मिलने वाले पैसे से रूस, यूक्रेन में जंग को बढ़ावा देता है। —————————- भारत-अमेरिका से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प अगले साल भारत आ सकते हैं:बोले- PM मोदी ने न्योता दिया, वह अच्छे इंसान, रूस से तेल खरीदना भी कम किया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगले साल भारत आ सकते हैं। उन्होंने 6 नवंबर को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बातचीत बहुत अच्छी चल रही है और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा आगे बढ़ रही है। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत में ट्रम्प ने एक बार फिर PM मोदी को अपना दोस्त और अच्छा इंसान बताया। पूरी खबर पढ़ें…

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