ज्योतिष शास्त्र में बताया है कि यदि पितृ प्रसन्न न हों तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं आ सकती हैं। पितृ दोष होने पर इससे जुड़े कुछ संकेत भी दिखाई देने लगते हैं। यदि आपको भी ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो यह पितृ दोष का संकेत हो सकता है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि पितृ दोष की पहचान कैसे की जाए और उससे मुक्ति पाने के क्या उपाय हैं।
कैसे संकते मिलते हैं
– परिवार में हमेशा में किसी- न-किसी व्यक्ति का बीमार बने रहना।
– घर में बिना किसी वजह से लड़ाई-झगड़ा होना है।
– कारोबार में लगातार घाटा होना या आर्थिक संकट से परेशानी सामना करना।
– अचानक से घर में पीपल का पौधा उग जाना।
– बहुत कोशिशों के बाद भी विवाह में अड़चन आना।
– परिवार में दुर्घटनाओं की स्थिति बने रहना।
– संतान प्राप्ति में बाधा आना।
यह काम जरुर करें
यह माना जाता है कि पितृ दोष से प्रभावित व्यक्ति को पितरों की शांति के लिए विधिवत तर्पण और श्राद्ध करना चाहिए, क्योंकि इसे पितृ दोष निवारण का सबसे प्रभावी उपाय माना गया है। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना तथा घर में श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करवाना भी पितृ दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक माना जाता है।
पितृ दोष से राहत नहीं मिलेंगी
रोजाना भगवान शिव की उपासना करना भी आपकी स्थिति में सुधार ला सकता है। इसके लिए प्रतिदिन जल में थोड़ा-सा गंगाजल और काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही, पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए लगातार 21 सोमवार तक गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना लाभदायक माना जाता है। इससे पितृ दोष के प्रभाव में कमी आ सकती है।
ये उपाय करें
दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है, इसलिए घर में इसी दिशा में पितरों की तस्वीर स्थापित करनी चाहिए। प्रतिदिन इस दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ माना गया है। साथ ही जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर अर्घ्य देना भी लाभकारी होता है। आप चाहें तो पितरों की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी तस्वीर के सामने रोजाना धूप, अगरबत्ती और फूलमाला अर्पित कर सकते हैं। इन उपायों से पितृ दोष में राहत मिलने की मान्यता है।
