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Tuesday, January 7, 2025

जॉर्ज सोरोस को अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देंगे बाइडेन:व्हाइट हाउस बोला- उन्होंने दुनियाभर में लोकतंत्र को मजबूत किया; कुल 19 लोग होंगे सम्मानित

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन आज शनिवार को व्हाइट हाउस में 19 लोगों को प्रतिष्ठित प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करेंगे। यह अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इनमें विवादित जॉर्ज सोरोस का नाम भी शामिल है। सोरोस के अलावा इस लिस्ट में पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, फुटबॉल सुपरस्टार लियोनल मेस्सी, फैशन डिजाइनर राल्फ लॉरेन, एक्टर डेंजेल वॉशिंगटन जैसे दिग्गजों का भी नाम है। जिन लोगों को पुरस्कार मिला है वे राजनीति, खेल, एंटरटेनमेंट, ह्यूमन राइट्स, LGBTQ+, विज्ञान जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं। इस लिस्ट में सोरोस का नाम जोड़ने के पीछे व्हाइट हाउस ने सफाई भी दी है। जॉर्ज सोरोस को इसलिए सम्मानित किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने दुनियाभर में ऐसे संगठन का समर्थन किया है जो लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय को मजबूत करते हैं। जॉर्ज सोरोस अमेरिकी अरबपति और वामपंथी विचारक हैं। उन पर भारत सरकार को अस्थिर करने के लिए विपक्ष के साथ साजिश रचने का आरोप लग चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के विरोधी रहे हैं जॉर्ज सोरोस जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। जॉर्ज पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप है। सोरोस की संस्था ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ ने 1999 में पहली बार भारत में एंट्री की। 2014 में इसने भारत में दवा, न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और विकलांग लोगों को मदद करने वाली संस्थाओं को फंड देना शुरू किया। 2016 में भारत सरकार ने देश में इस संस्था के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी। अगस्त 2023 में जॉर्ज का म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में दिया बयान बेहद चर्चा में रहा। जब उन्होंने कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। सोरोस ने CAA, 370 पर भी विवादित बयान दिए सोरोस ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर भी PM मोदी पर निशाना साधा था। सोरोस ने दोनों मौकों पर कहा था कि भारत हिंदू राष्ट्र बनने की तरफ बढ़ रहा है। दोनों ही मौकों पर उनके बयान बेहद तल्ख थे। किन लोगों को दिया जाता प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम सम्मान व्हाइट हाउस के मुताबिक यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने अमेरिका की समृद्धि, मूल्यों, वैश्विक शांति या या फिर सामाजिक, सार्वजनिक क्षेत्रों अहम योगदान दिया है।
इस मामले में व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा- उन्हें इसलिए चुना गया है क्योंकि वे अच्छे लोग हैं जिन्होंने अपने देश और विश्व के लिए असाधारण योगदान दिया है। इस साल सम्मानित होने वाले और लोगों में एक एनजीओ के संस्थापक जोस एंड्रेस और पर्यावरणविद रिसर्चर जेल गुडॉल का नाम शामिल है। हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की विेदेश मंत्री रह चुकी है। उन्होंने साल 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था। उस दौरान वो हार गईं थीं। चार लोगों को मरणोपरांत पुरस्कार मिलेगा चार पदक मरणोपरांत दिए जाने हैं। इनमें डेमोक्रेटिक नेता फैनी लू हैमर, पूर्व अटॉर्नी जनरल रॉर्बट कैनेडी, मिशिगन गवर्नर जॉर्ज रोमनी और पूर्व रक्षा सचिव ऐश कार्टर शामिल हैं।

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