जॉली LLB 3 की शुरुआत कवि ‘मुक्तिबोध’ की तस्वीर से:मृत्‍यु के बाद छपी पहली कविता, एम.एफ. हुसैन ने फिर कभी जूते नहीं पहने

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छप्पर टपकता रहा मेरा फिर भी मैंने बारिश की दुआ की मेरे दादा को परदादा से पिता को दादा से और मुझे पिता से जो विरासत मिली वही सौंपना चाहता था मैं अपने बेटे को देना चाहता था थोड़ी-सी जमीन और एक मुट्ठी बीज की सबकी भूख मिटाई जा सके इसलिए मैंने यकीन किया उनकी हर एक बात पर भाषण में कहे जज्बात पर मैं मुग्ध होकर देखता रहा आसमान की तरफ उठे उनके सर और उन्होंने मेरे पैरों के नीचे से जमीन खींच ली मुझे अन्नदाता होने का अभिमान था यही अपराध था मेरा कि मैं एक किसान था। यह कविता जॉली LLB 3 के शुरुआत में इस्तेमाल की गई जिसकी फिल्म के रिलीज होने के बाद काफी चर्चा हो रही है। इस सीन में किसान जब अपनी किताब के पन्ने पलटता है तो पन्नों के बीच रखी एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो नजर आती है। फोटो किसी आदमी की है जो सिगरेट सुलगा रहा है। फिल्म के ट्रेलर में भी यह तस्वीर देखने को मिलती है। यह कोई रैंडम फोटो नहीं है। यह तस्वीर है हिंदी साहित्य जगत के एक जाने-माने कवि गजानन माधव मुक्तिबोध की है। लेकिन आखिर मेकर्स ने मुक्तिबोध की तस्वीर का इस्तेमाल क्यों किया? क्या इसका फिल्म से कोई लेना-देना है और क्या इसके जरिए मेकर्स कोई मैसेज देना चाहते हैं? मुक्तिबोध की फिलॉसफी से प्रेरित है फिल्म- क्रिटिक फिल्म क्रिटिक मुबारक अली कहते हैं, ‘जॉली एल.एल.बी. 3 फिल्म पूंजीवाद का विरोध करती नजर आती है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह एक व्यापारी मजबूर किसानों का फायदा उठा रहा है। व्यापारी के खिलाफ कुछ किसान आवाज उठाते हैं जिसमें कानपुर का जॉली और मेरठ का जॉली मदद करते हैं।’ मुबारक आगे कहते हैं कि गजानन माधव मुक्तिबोध की फिलॉसफी भी कुछ ऐसी ही है। वो एक ऐसे कवि रहे हैं जिन्होंने पूंजीवाद के खिलाफ बड़ी मुखरता से लिखा है। उनकी कविताओं में किसानों, मजदूरों और आदिवासियों के हक की बात कही गई है। पूरी फिल्म का थीम ही मुक्तिबोध की फिलॉसफी से प्रेरित लगती है और उनकी तस्वीर के जरिए मानो मेकर्स कवि को ड्यू क्रेडिट दे रहे हैं। ऐसी ही और खबरें पढ़ें… जस्टिस पवनकुमार बजंथरी पटना हाईकोर्ट के 46वें चीफ जस्टिस बने:कर्नाटक PSC के स्टैंडिंग काउंसल रहे, 25 साल वकालत अनुभव; जानें कंप्लीट प्रोफाइल जस्टिस पवनकुमार भीमप्पा बजंथरी ने रविवार, 21 सितंबर को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। वो उच्च न्यायालय के 46वें चीफ जस्टिस बने हैं। पटना स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें शपथ दिलाई। पूरी खबर पढ़ें…

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