21.1 C
Bhilai
Monday, December 23, 2024

ट्रम्प की एरिजोना समेत सभी 7 स्विंग स्टेट्स में जीत:पूरे नतीजे आए, 312 सीटें मिलीं; बुधवार को डोनाल्ड व्हाइट हाउस में बाइडेन से मिलेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के सभी नतीजे सामने आ गए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को अमेरिकी राज्य एरिजोना में भी जीत हासिल कर ली। इसके साथ ही उन्होंने सभी 7 स्विंग स्टेट्स में जीत लिए हैं। एरिजोना की 11 सीटें (इलेक्टोरल वोट) भी उनके खाते में आ गई हैं। राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने 50 राज्यों की 538 में से 312 सीटें जीती हैं। वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस ​​कड़ी टक्कर देने के बावजूद 226 सीटें ही जीत पाई हैं। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 538 सीटें होती हैं। बहुमत के लिए 270 का आंकड़ा जरूरी होता है। एरिजोना की गिनती अमेरिका के स्विंग स्टेट्स में होती है। यहां जीत का अंतर बेहद कम होता है। हालांकि पिछले 70 सालों में डेमोक्रेटिक पार्टी यहां सिर्फ दो बार ही जीत पाई है। 2020 में जो बाइडेन ने एरिजोना में जीत हासिल की थी। बाइडेन से व्हाइट हाउस में मिलेंगे ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार, 13 नवंबर को अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे। दोनों के बीच ये मुलाकात भारतीय समयानुसार रात 9:30 बजे होगी। व्हाइट हाउस ने इसकी जानकारी शनिवार देर रात दी। अमेरिका में ये परंपरा रही है कि वर्तमान राष्ट्रपति चुनाव के बाद अगले राष्ट्रपति के साथ व्हाइट हाउस में औपचारिक मुलाकात करते हैं। इस मुलाकात को सत्ता सौंपने की प्रकिया की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है। हालांकि जब डोनाल्ड ट्रम्प 2020 में जो बाइडेन के हाथों राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे, तो उन्होंने बाइडेन को मुलाकात के लिए आमंत्रित नहीं किया था। बाइडेन बोले- ट्रम्प को शांतिपूर्वक सत्ता सौंपेंगे राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद बुधवार को ही राष्ट्रपति बाइडेन ने ट्रम्प को फोन पर जीत के बधाई दी थी। इसके एक दिन बाद यानी गुरुवार को बाइडेन में चुनाव में हुई पर बयान दिया। इस बयान में बाइडेन ने बताया कि उन्होंने ट्रम्प को शांति पूर्वक सत्ता सौंपने का आश्वासन दिया है। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि ट्रम्प के सत्ता सौंपने में पूरी तरह मदद की जाए। ये अमेरिकी जनता का हक है। डोनाल्ड ट्रम्प 4 साल बाद दूसरी बार सत्ता में वापसी करने जा रहे हैं। उन्होंने बुधवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति चुनाव में हराया। डोनाल्ड ट्रम्प ग्रोवर क्लीवलैंड के बाद पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्होंने हार के बाद सत्ता में वापसी की है। इससे पहले 1892 के चुनाव में ग्रोवर क्लीवलैंड ने भी हार के बाद दोबारा सत्ता में वापसी की थी। अब अमेरिकी चुनाव नतीजों को विस्तार से समझिए… ऊपरी और ताकतवर सदन सीनेट में ट्रम्प की पार्टी को बहुमत अमेरिका में राष्ट्रपति पद के साथ संसद के दोनों सदन सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के भी चुनाव हुए हैं। सीनेट भारत की राज्य सभा और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव लोकसभा की तरह है। सीनेट ऊपरी सदन है। इसकी 100 सीटों में हर राज्य के लिए 2 सीटों की हिस्सेदारी है। सीनेट की एक तिहाई सीटों पर हर 2 साल में चुनाव होते हैं। इस बार 34 सीटों पर चुनाव हुए। ताजा नतीजों के साथ रिपब्लिकन पार्टी ने 52 सीटें हासिल कर ली हैं, जो बहुमत के बराबर हैं। इससे पहले उसके पास 49 सीटें थीं। अमेरिका में सीनेट ज्यादा ताकतवर है, क्योंकि इसे महाभियोग और विदेशी समझौतों जैसे अहम मसलों को मंजूर या नामंजूर करने का अधिकार होता है। इसके सदस्य सीनेटर कहलाते हैं, जो 6 साल के लिए चुने जाते हैं, जबकि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मेंबर सिर्फ दो साल के लिए चुने जाते हैं। निचले सदन में भी बहुमत के करीब पहुंच रही ट्रम्प की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में भी बहुमत के करीब है। इसकी 435 सीटों के लिए हर 2 साल में चुनाव होते हैं। इन्हें मिड टर्म इलेक्शन कहा जाता है। हाउस में बहुमत के लिए 218 सीटें जरूरी होती हैं। रिपब्लिकन पार्टी 213 और डेमोक्रेटिक पार्टी 202 सीटें हासिल कर चुकी है। हालांकि, ऊपरी सदन यानी सीनेट ताकतवर है, लेकिन सरकार चलाने में दोनों सदनों की एक जैसी भूमिका है। संसद के दोनों सदनों में से किसी एक में भी बहुमत से किसी विधेयक को पारित कराया जा सकता है। दोनों सदनों में बहुमत होने से ट्रम्प को नीतियां बनाने और बड़े पदों पर नियुक्तियां करने के लिए फ्री हैंड मिलेगा। लोग सीधे राष्ट्रपति को वोट नहीं देते, इलेक्टर चुने जाते हैं अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में सीधा उम्मीदवारों को वोट नहीं किया जाता है। उनकी जगह इलेक्टर्स चुने जाते हैं, जो राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चुनाव लड़ते हैं। हर राज्य में इलेक्टर्स की संख्या तय होती है। अमेरिका के हर राज्य में आबादी के आधार पर इलेक्टोरल वोट तय हैं। 50 राज्यों में कुल 538 इलेक्टोरल वोट हैं। 270 वोट पाने हासिल करने वाला राष्ट्रपति निर्वाचित होता है। मतदाता राज्य में इलेक्टर को वोट करते हैं। ये इलेक्टर रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक पार्टी के होते हैं। आमतौर पर जिस राज्य में राष्ट्रपति प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, वहां की सारी सीटें उसी को मिल जाती हैं। इसे एक उदाहरण से समझें। जैसे पेन्सिलवेनिया में 19 इलेक्टोरल वोट्स हैं। अगर रिपब्लिकन पार्टी ने 9 वोट्स और डेमोक्रेटिक पार्टी ने 8 वोट्स हासिल किए तो ज्यादा वोट्स लाने की वजह से सभी 19 इलेक्टोरल वोट्स रिपब्लिकन पार्टी के हो जाएंगे। अमेरिका के 48 राज्यों में यही चलन है। हालांकि नेब्रास्का और मेन राज्यों में अलग व्यवस्था है। इन राज्यों में जो पार्टी जितने इलेक्टोरल वोट्स हासिल करते हैं, उन्हें उतनी ही सीटें मिलती हैं। जैसे कि इस चुनाव में मेन राज्य से ट्रम्प को 1 और कमला हैरिस को 1 इलेक्टोरल वोट यानी 1-1 सीट हासिल हुई है। ……………………………………………………. अमेरिकी चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… ट्रम्प को सत्ता कैसे ट्रांसफर करेंगे बाइडेन:नतीजों के बाद शपथ ग्रहण में 75 दिन, इस दौरान क्या-क्या होगा डोनाल्ड ट्रम्प फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्हें 50 राज्यों की 538 में से 295 सीटें मिली हैं, बहुमत के लिए 270 सीटें जरूरी होती हैं। नतीजे भले क्लियर हो गए, लेकिन ट्रम्प के शपथ ग्रहण में अभी 75 दिन लगेंगे। 20 जनवरी 2025 के इनॉगरेशन डे से पहले क्या होगा। जानने के लिए पूरी खबर यहां पढ़ें…

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles