ट्रम्प ने माइक वॉल्ट्ज को NSA बनाया:चीन विरोधी हैं, भारत से दोस्ती रखने के हिमायती; पिछली बार ट्रम्प ने 4 NSA बदले थे

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज को देश का नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) नियुक्त करने का फैसला किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस फैसले से परिचित दो सूत्रों ने ये जानकारी दी है। माइक वॉल्ट्ज को चीन-ईरान का विरोधी और भारत समर्थक माना जाता है। वे चीन पर अमेरिका की निर्भरता कम करने से जुड़े कई विधेयकों का समर्थन कर चुके हैं। वॉल्ट्ज अमेरिकी सेना की स्पेशल यूनिस फोर्स में ‘ग्रीन बेरेट कमांडो’ रह चुके हैं और तालिबान के साथ अफगानिस्तान में जंग भी लड़ चुके हैं। उन्होंने अफगानिस्तान से बाइडेन सरकार की सैन्य वापसी का कड़ा विरोध किया था। वे मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में चार NSA बदले थे। पहले सलाहकार जनरल मैकमास्टर सिर्फ 22 दिन ही पद पर रह पाए थे। इंडिया कॉकस क्या है, जिससे वॉल्ट्ज जुड़े हैं इंडिया कॉकस अमेरिकी सांसदों का एक ग्रुप है, जो भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए काम करता है। इसका गठन 2004 में न्यूयॉर्क की तत्कालीन सीनेटर हिलेरी क्लिंटन (डेमोक्रेट्स) और विदेश मंत्री जॉन कॉर्निन (रिपब्लिकन) ने किया था। इंडिया कॉकस अमेरिकी संसद में भारत के मामलों पर चर्चा करने और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा मंच बन चुका है। इंडिया कॉकस में फिलहाल 40 मेंबर हैं। इंडिया कॉकस में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के नेता शामिल होते हैं। इसके सदस्य नियमित रूप से भारतीय नेताओं से मिलते हैं और अमेरिकी सरकार को भारत से जुड़े मामलों में सलाह देते हैं। वॉल्ट्ज इंडिया कॉकस के को-चेयर हैं और भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखने के पक्ष में हैं। साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के जॉइंट सेशन को संबोधित किया था। उनके इस भाषण की व्यवस्था में वॉल्ट्ज का बड़ा रोल था। उन्होंने ही हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मोदी को आमंत्रित करने की अपील की थी। अमेरिका में NSA बहुत अहम पद, नियुक्ति के लिए सीनेट की परमिशन जरूरी नहीं अमेरिका में NSA एक अहम पद होता है। इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। इसके लिए सीनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है। इसका काम टॉप राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना और राष्ट्रपति की नीतियों को लागू करना होता है। फिलहाल जैक सुलिवन इस पद पर हैं वॉल्ट्ज ऐसे दूसरे रिपब्लिकन हैं, जिन्हें ट्रम्प प्रशासन में पद मिला है। इससे पहले ट्रम्प ने न्यूयॉर्क की सांसद एलिस स्टेफैनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की अगली राजदूत के रूप में चुना था। स्टेफैनिक ट्रम्प की वफादार समर्थक रही हैं। उन्होंने हार्वर्ड से पढ़ाई की है और पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में भी उनके प्रशासन में काम कर चुकी हैं। ट्रम्प ने अपने पुराने सहयोगी स्टीफन मिलर को अपने नए प्रशासन में नीति मामलों का डिप्टी चीफ बनाया है। वे ट्रम्प के पहले कार्यकाल में उनके सलाहकार के पद पर थे। वे अवैध प्रवासियों पर कठोर रुख रखने के लिए जाने जाते हैं। ………………………. ट्रम्प प्रशासन में नियुक्तियों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… ट्रम्प सरकार में काश पटेल बन सकते हैं CIA चीफ:ट्रम्प के वफादारों में होती है गिनती; विवेक रामास्वामी को भी मिल सकती है जगह काश पटेल को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) चीफ की जिम्मेदारी मिल सकती है। वे इस पद के लिए शीर्ष दावेदार बताए जा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प पहले ही पटेल को CIA चीफ बनाने का मन बना चुके हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें… ट्रम्प प्रशासन में पूर्व विदेशमंत्री माइक पोम्पियो को जगह नहीं:निकी हेली भी शामिल नहीं, ट्रम्प के खिलाफ प्राइमरी चुनाव लड़ी थीं डोनाल्ड ट्रम्प अपने प्रशासन में पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और साउथ कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली को शामिल नहीं करेंगे। ट्रम्प ने कहा कि मुझे पिछली बार उनके साथ काम करके अच्छा लगा। मैं देश सेवा के लिए उनकी सराहना करता हूं और धन्यवाद देता हूं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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