अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिकी इतिहास में सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें आज यानी शुक्रवार को पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने के मामले से जुड़े 34 आरोपों में सजा सुनाई गई। न्यूयॉर्क की मैनहेटन कोर्ट ने ट्रम्प को बिना किसी शर्त बरी कर दिया है। पिछले साल मई में मैनहेटन की कोर्ट ने ट्रम्प को दोषी घोषित किया था। इसके बाद ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए थे। अमेरिकी मीडिया हाउस NYT के मुताबिक ट्रम्प वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के सामने पेश हुे। कोर्ट रूम में 4 बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं, ट्रम्प सजा सुनाए जाने के दौरान इन पर नजर दिखाई दिए। ट्रम्प को उनके शपथ ग्रहण से ठीक 10 दिन पहले सजा सुनाई जाएगी। उन्हें ये सजा पिछले साल जुलाई में ही सुनाई जानी थी, जिसका खामियाजा उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ता। इसके चलते वे बार-बार सजा को टलवाते रहे। ट्रम्प ने 6 नवंबर को हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में जीती हासिल हुई थी और वे 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं। ट्रम्प ने सजा से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हालांकि कोर्ट ने गुरुवार को उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। सुनवाई के वक्त क्या-क्या बातें हुईं… सजा सुनाने के दौरान जज जोशुआ स्टीनग्लास ने कहा कि ट्रम्प ने सुनवाई के दौरान कोर्ट पर जिस तरह के आरोप लगाए उनसे न्यायिक व्यवस्था की छवि को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, ट्रम्प ने अपने किए पर पछताने की बजाए कोर्ट के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया। ये सुनकर ट्रम्प ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया बस ना में सिर हिलाया। ट्रम्प के वकील ने कहा वे जज स्टीनग्लास की इन बातों से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। स्टीनग्लास के अपनी बात पूरी करने के बाद ट्रम्प ने कहा- ये बहुत बुरा अनुभव है, ये न्यूयॉर्क और उसके कोर्ट सिस्टम के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। ट्रम्प ने नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत का जिक्र भी किया। उन्होंने जस्टिस डिपोर्टमेंट पर मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- मैं निर्दोश हूं, मेरे साथ भेदभाव हुआ है। कोर्ट ने ट्रम्प को शपथ के 10 दिन पहले ही सजा सुनाने का फैसला क्यों लिया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जज जुआन मर्चेन ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसके बाद ट्रम्प को राष्ट्रपति को मिलने वाली कानूनी छूटों का फायदा मिल सकता है। इस कारण राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ट्रम्प की सजा का ऐलान करना जरूरी है। अमेरिका के संविधान के आर्टिकल 2 के सेक्शन 4 के मुताबिक, राष्ट्रपति को उनके पद पर रहते हुए किसी भी आपराधिक मामले में सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रपति कानूनी प्रक्रिया से ऊपर हैं, बल्कि वे अपने पद पर रहते हुए किसी भी आपराधिक मामले में दोषी नहीं बन सकते। अगर राष्ट्रपति को किसी तरह की क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो उन्हें केवल इम्पीचमेंट यानी महाभियोग के जरिए पद से हटाया जा सकता है। अगर वे पद से हटा दिए जाते हैं, तो उन्हें आम लोगों की तरह सामान्य कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। इसमें अभियोजन, सजा और अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल हैं। हश मनी मामले में दोषी होने से ट्रम्प के राष्ट्रपति कार्यकाल पर क्या असर पड़ेगा?
JNU के रिटायर्ड प्रोफेसर और विदेश मामलों के जानकार ए के पाशा का कहना है कि 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही, अमेरिका के पहले दोषी करार राष्ट्रपति बन जाएंगे। ट्रम्प से पहले के किसी भी राष्ट्रपति पर आपराधिक आरोप नहीं लगे। ऐसे में ट्रम्प पर सजा तय होने से उन्हें कानूनी तौर पर कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन उनकी राजनीतिक छवि खराब हो सकती है। ट्रम्प पर कौन से 34 आरोप लगे थे? अमेरिकी राष्ट्रपति को सजा दिलाने वाले सरकारी वकील- एल्विन ब्रैग
NYT के ंमुताबिक इतिहास में पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति को सजा दिलाने का कारनामा प्रोसीक्यूटर एल्विन ब्रैग ने किया है। प्रोसीक्यूटर सरकारी वकील होता है, जो सरकार की तरफ से केस को पेश करता है। प्रोसीक्यूटर की जिम्मेदारी होती है कि वो संदिग्ध अपराधी के खिलाफ (जो इस केस में ट्रम्प थे) आरोप तय करें। जब केस कोर्ट पहुंचता है तो प्रोसीक्यूटर को आरोपों के पक्ष में बहस कर ये साबित करना पड़ता है कि क्राइम हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस केस के चलते एल्विन ब्रैग की सरकारी वकील के तौर पर साख दांव पर लगी थी। कुछ लोग इसे जॉम्बी यानी मरा हुआ केस मान रहे थे। केस को नतीजे तक पहुंचा कर एल्विन ने अमेरिकी इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वो पहले प्रोसीक्यूटर हैं जिनकी दलीलों से कोई अमेरिकी राष्ट्रपति दोषी साबित हुआ बल्कि सजा भी मिली। सुनवाई के बाद ब्रैग ने कहा था, ‘मैनें सिर्फ अपना काम किया है।’ 5 पॉइंट में समझिए पोर्न स्टार को पैसे देने का पूरा मामला 1. पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने का मामला 2006 का है। तब डोनाल्ड ट्रम्प एक रियल एस्टेट कारोबारी थेे। पोर्न स्टार स्टार्मी डेनियल्स तब 27 साल की थीं और ट्रम्प 60 साल के। जुलाई 2006 में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। 2. स्टॉर्मी ने अपनी किताब ‘फुल डिस्क्लोजर’ में इस मुलाकात का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि जब ट्रम्प से उनकी मुलाकात हुई, तब उनकी तीसरी पत्नी मेलेनिया ने बेटे बैरन को जन्म दिया था। बैरन को जन्म लिए महज 4 महीने ही हुए थे। 3. अपनी किताब में स्टॉर्मी ने बताया कि ट्रम्प के बॉडीगार्ड्स ने उन्हें एक नए स्टार के पेंटहाउस में डिनर के लिए बुलाया था। किताब में उन्होंने ट्रम्प के साथ बने संबंधों और उनकी शारीरिक बनावट का भी जिक्र किया था। इसके बाद दोनों के बीच अफेयर शुरू हो गया था। 4. आरोप हैं कि 2016 में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ट्रम्प ने स्टॉर्मी को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। ट्रम्प के वकील ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि उसने ट्रम्प की तरफ से पोर्न स्टार को 1 लाख 30 हजार डॉलर (करीब 1 करोड़ 7 लाख रुपए) दिए थे। 5. ट्रम्प की ओर से पोर्न स्टार को दिए गए पेमेंट का खुलासा जनवरी 2018 में वाल स्ट्रीट जर्नल ने किया था। इसी के आधार पर ट्रम्प के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने का फैसला किया गया। वे अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनपर आपराधिक मुकदमा चलने वाला है।