दीपावली पर बिगड़ी मध्य प्रदेश की आबोहवा, ग्वालियर में 400 के पार पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक

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पटाखों के बाद जो धुंआ उठता है, उसमें कई तरह के खतरनाक रसायन होते हैं। इसमें कार्बन मोनो आक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, ओजोन, स्ट्राइकीन और क्लोरीन जैसी गैसों के साथ पीएम 2.5 जैसे धूल और बारूद के ऐसे कण भी हैं, जो नग्न आंखों से सामान्य तौर पर दिखते भी नहीं। इनकी वजह से सांस की नली, फेफड़ों का संक्रमण हो सकता है।

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