आज यानी 18 अक्टूबर को पूरे देश में धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। धनतेरस से ही दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धनतेरस पर सोना-चांजी, नए बर्तन और नई वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन नई वस्तुएं खरीदकर सकारात्मक ऊर्जा और वैभव का वास होता है। लेकिन धनतेरस पर हर एक चीज खरीदना भी शुभ नहीं होता है। इससे घर में धन की कमी होने लगती है और परेशानियां भी आने लगती है। आइए आपको बताते हैं धनतेरस पर क्या चीजें नहीं खरीदें।
नाजुक या फिसलन वाली वस्तुएं
ऐसी वस्तुएं जो अस्थिर या शीघ्र टूटने वाली मानी जाती है, जैसे कि कांच या शीशे की वस्तुएं, तेल और घी, प्लास्टिक के सामान, खाली बर्तन और दवाइयां। कांच और प्लास्टिक की चीजें अस्थिरता और असुरक्षा के संकेत देती है। तेल और घी को फिसलन और क्षय का प्रतीक माना जाता है। इन्हें खरीदने से आर्थिक और मानसिक तनाव उत्पन्न करते हैं। इसके अलावा, खाली बर्तन खरीदना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह रोग और कष्ट को बढ़ा देते हैं।
नुकीली वस्तुएं खरीदें
धनतेरस पर किसी भी प्रकार की नुकीली , काटने और धारदार वाली वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। चाकू, कैंची, ब्लेड, नेल, कटर, लोहे के औजार और कोयले जैसी वस्तुओं को भूलकर भी न खरीदें। यह वस्तुएं नकारात्म ऊर्जा और दुर्भाग्य का प्रतीक माने जाते हैं। इन नुकीली और धारदार वस्तुओं को खरीदने से घर का सौभाग्य कटने लगता है। लोहे की वस्तुएं शनि ग्रह से जुड़ी होती हैं और शनि के प्रभाव के कारण इस दिन इन वस्तुओं को खरीदने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता है।
अशुभ रंग, पुरानी और नकली वस्तुएं
धनतेरस पर शुभ चीजों को खरीदा जाता है। इस दिन पुरानी, नकली या अशुभ रंग की वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। आपको काले रंग के कपड़े, बैग, जूते, पुराना या सेकंड हैंड फर्नीचर, नकली जूलरी, टिन जैसी धातुएं, कचरा साफ करने की वस्तुएं और लकड़ी या ईधन संबंधी सामग्री बिल्कुल न खरीदें। काला रंग शनि से जुड़ा होता है इसको नकारात्मक ऊर्जा का संकेत भी माना जाता है। पुरानी या नकली समान घर में अशुभता लाते है। इसी तरह झाड़ू या कचरा साफ करने की वस्तुएं लक्ष्मी के घर से जाने का प्रतीक मानी जाती है, इसलिए इन्हें भी इस दिन नहीं खरीदें।