छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली प्रवक्ता और DKSZCM (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर) सदस्य रूपेश ने आत्मसमर्पण कर दिया है। माड़ डिवीजन और इंद्रावती एरिया कमेटी इलाके में एक्टिव रूपेश अपने 100 से 130 साथियों के साथ बीजापुर पुलिस के पास पहुंचा है। सभी इंद्रावती नदी के उसपरी घाट पहुंचे। यहां से उन्हें बोट के जरिए बीजापुर पुलिस के पास लाया गया है। इस पूरे इलाके में पुलिस बल को तैनात किया गया है। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा जगदलपुर पहुंच गए हैं। कल शुक्रवार को सीएम विष्णुदेव साय के समक्ष सभी नक्सली आधिकारिक तौर पर सरेंडर करेंगे। रूपेश नक्सलियों का प्रवक्ता है। हार्डकोर नक्सली है। रूपेश के साथ आए लोगों में 1 सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM), 2 दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर (DKSZCM), 15 डिविजनल कमेटी मेंबर (DVCM) कैडर के माओवादी शामिल हो सकते हैं। इससे पूरा माड़ डिवीजन खाली हो जाएगा। बता दें कि एक दिन पहले 15 अक्टूबर को कांकेर जिले में करीब 50 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया। इनमें टॉप लीडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल है। जंगलों से बाहर आकर इन नक्सलियों ने कामतेड़ा BSF कैंप में हथियार डाले हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार नक्सलियों के छिपने की कोई जगह नहीं छोड़ रहे हैं। देश में अब नक्सली प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 रह गई है। 31 मार्च, 2026 तक भारत नक्सलवाद के खतरे से मुक्त हो जाएगा। पहले देखिए ये तस्वीरें- अब देश में 3 जिले ही नक्सलियों से सबसे ज्यादा प्रभावित केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर बताया कि देश में अब नक्सली प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 रह गई है। इसमें भी जो सबसे ज्यादा प्रभावित जिले थे। उनकी संख्या 6 से 3 रह गई है। अब केवल छत्तीसगढ़ का बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर ही 3 ऐसे जिले रह गए हैं। जो नक्सलियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कांकेर में 50 से ज्यादा नक्सलियों ने किया सरेंडर 15 अक्टूबर को उत्तर बस्तर स्थित कांकेर जिले में 50 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया। इनमें टॉप लीडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल है। जंगलों से बाहर आकर इन नक्सलियों ने कामतेड़ा BSF कैंप में हथियार डाले हैं। सभी नक्सलियों को बस के जरिए कैंप लाया गया। सुरक्षा कारणों के चलते BSF कैंप को हाई अलर्ट पर रखा गया था। इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के मुख्यधारा में लौटने से इलाके में नक्सलवाद के खात्मे की उम्मीदें बढ़ गई हैं। फिलहाल, कांकेर पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों की पहचान करने में जुटी हुई है। संभावना है कि इन्हें जल्द ही जिला मुख्यालय या संभागीय मुख्यालय में मीडिया के सामने पेश किया जाएगा। नक्सलियों के सरेंडर का सिलसिला जारी इससे एक दिन पहले नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने भी हिंसा का रास्ता छोड़ा और अपने अन्य 60 साथियों के साथ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सरेंडर किया। जिसके बाद से अब छत्तीसगढ़ में भी सरेंडर का सिलसिला लगातार जारी है। डेढ़ करोड़ का इनामी था भूपति दरअसल, भूपति नक्सल संगठन में पोलित ब्यूरो मेंबर है। यह तेलंगाना के करीब नगर का रहने वाला है। 80 के दशक से माओवाद संगठन के साथ जुड़कर काम कर रहा था। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश ओडिशा, समेत अन्य राज्यों में यह मोस्ट वांटेड था। छत्तीसगढ़ सरकार ने भूपति पर करीब 1 से डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम रखा था। अन्य राज्यों को मिलाकर ये 6 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनामी है। शाह की डेडलाइन, 2026 तक करेंगे नक्सलवाद का खात्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे। वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की है कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं। महासचिव समेत कई बड़े कैडर के नक्सली मारे जा चुके हैं। बड़ी संख्या में माओवादी हथियार छोड़ कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। 20 महीने में 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि पिछले 20 महीनों में अब तक 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ ले रहे हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में और भी माओवादी इस सकारात्मक रास्ते को अपनाएंगे। …………………………………. इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें… बस्तर IG बोले-20 महीनों में 1,876 नक्सलियों ने सरेंडर किया:कांकेर में 100,सुकमा में 27 माओवादियों ने डाले हथियार, बस से BSF कैंप लाए गए छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर स्थित कांकेर जिले में करीब 100 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। इनमें टॉप लीडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना शामिल है। जंगलों से बाहर आकर इन नक्सलियों ने कामतेड़ा BSF कैंप में हथियार डाले हैं। सभी नक्सलियों को बस के जरिए कैंप लाया गया। सुरक्षा कारणों के चलते BSF कैंप में हाई अलर्ट जारी किया गया है। पढ़ें पूरी खबर…