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Wednesday, February 5, 2025

नक्सल मोर्चे पर 3 स्तरों पर काम:युवाओं को नक्सलियों से दूर करने पुलिस बांट रही दवाई-कपड़े; खेल भी करा रही, फिलहाल वार्ता नहीं

छत्तीसगढ़ के बस्तर को नक्सलमुक्त करने के लिए तीन मोर्चे पर एक साथ काम चल रहे हैं। इसमें सबसे अहम कानूनी कार्रवाई यानी ऑपरेशन है, जिसमें लगभग 200 नक्सली मार गिराए गए हैं। यह ऑपरेशन और तेज होने जा रहा है। इसके अलावा नक्सलियों को स्थानीय युवाओं से दूर करने के लिए भी पुलिस और सुरक्षा बल के जवान मुहिम छेड़े हुए हैं। इसके तहत बाकायदा खेल गतिविधियां कराई जा रही हैं। तीसरे मोर्चे पर विकास कार्यों को तेज किया जा रहा है। नक्सल मोर्चे पर चल रहे ऑपरेशन से मिली सफलता ने सुरक्षा बलों के साथ प्रशासन का भी उत्साहवर्धन किया है। इसके चलते अब यह तय किया गया है कि बारिश के बाद ऑपरेशन को और तेज किया जाएगा। बड़ा इलाका नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए भीतर जंगल में ऑपरेशन चलाए जाएंगे। वैसे अब तक 600 से अधिक गांवों को नक्सलियों से मुक्त कराने की बात सामने आ रही है। नक्सल इलाकों में अब फोर्स का डामिनेंस बढ़ता जा रहा है इस कारण फिलहाल सरकारी स्तर पर वार्ता की पहल भी नहीं हो रही है। और इसकी संभावना भी कम ही है क्योंकि वार्ता की पहल करने पर ऑपरेशन का दबाव कम हो जाएगा, जो कि रणनीतिक मोर्चे पर अच्छा नहीं होगा। इस कारण सरकार की ओर से आ रहे बयानों में भी इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है। मसलन, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बयान दिया कि सरकार चाहती है कि नक्सली हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करें और मुख्य धारा से जुड़ें। उन्होंने इस बात की सावधानी बरती कि सरकार की ओर से वार्ता की पहल की बात न की जाए। इसी प्रकार राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने ऑपरेशन में मिली सफलता के तत्काल बाद सुरक्षा बलों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया और उनके साथ समय बिताया। उन्होंने भी वार्ता की बात करने से परहेज किया। रणनीतिक मोर्चे पर काम कर रहे लोगों ने इस बात की सावधानी बरती है कि प्रशासन और सुरक्षा बलों का दबाव बराबर बना रहे। स्थानीय युवकों का पहले जिस प्रकार रुझान नक्सलियों के प्रति होता था, उसमें कमी लाने की कोशिशें भी रंग ला रही। स्थानीय युवकों को देश और दुनिया में चल रही गतिविधियों से अवगत कराने उन्हें दिल्ली, जयपुर और रायपुर जैसे शहरों की सैर कराई जा रही है। उन्हें यह बताया जा रहा है कि नक्सली नहीं चाहते कि बस्तर के युवा दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह जिंदगी बिताएं। इसके लिए बाकायदा उनको साहित्य देने के अलावा प्रशासन द्वारा कैम्प लगातार जागृति लाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि किस प्रकार नक्सली भय का वातावरण बनाकर युवकों को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं। खेलों का आयोजन कर युवाओं को अपने से जोड़ने का काम किया जा रहा है। स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में जरूरी सामान पहुंचाकर बच्चों और महिलाओं को शासन की मंशा से अवगत कराया जा रहा है। छात्रों को विभिन्न परीक्षाओें की तैयारी में भी मदद की जा रही है। बजट की कमी नहीं, जहां जरूरी हो विकास करें बस्तर की जनता में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए विकास कार्यों में भी तेजी लाई जा रही है। राज्य सरकार की ओर से बाकायदा संबंधित जिलों से कहा गया है कि बजट की कोई कमी नहीं आएगी, वहां जितने कार्य संभव हो पा रहे हैं, वे कराए जाएं। इससे प्रशासन के प्रति आम जनता में विश्वास बढ़ेगा।

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