नेपाल में भ्रष्टाचार, नेपोटिज्म और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ आंदोलन के बाद Gen-Z ने अमेरिकी डिस्कॉर्ड ऐप पर वोटिंग के जरिए देश का नया PM चुना। यह दुनिया में पहली बार है जब किसी लोकतांत्रिक देश में इस तरह से नेता चुना गया हो। नेपाल में हुई इस क्रांति को युवा-नेतृत्व वाले डिजिटल लोकतंत्र की ओर पहला कदम माना जा रहा है। इस ऑनलाइन हडल का आयोजन नेपाल की युवा संगठन ‘हामी नेपाल’ ने किया था। यह एक Gen-Z ग्रुप हैं, जिसमें 160,000 से अधिक सदस्य हैं। हामी नेपाल ने डिस्कॉर्ड पर ‘यूथ अगेंस्ट करप्शन’ चैनल शुरू किया, जिसमें 10 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। विदेशों में रहने वाले नेपाली भी इस बहस में शामिल हुए। जब ऐप के सर्वर में लोड बढ़ने के कारण जगह कम पड़ी, तो यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की गई, जिसमें 6 हजार और लोग जुड़े। Gen-Z में पॉपुलर होने के कारण डिस्कॉर्ड पर हुई चर्चा डिस्कॉर्ड पर वोटिंग के जरिए 5 नाम फाइनल किए युवाओं ने डिस्कॉर्ड पर वोटिंग के जरिए 5 नामों को चुना, जिनमें पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की, सामाजिक कार्यकर्ता हरका सम्पांग, महाबीर पुन, सागर ढकाल और रास्त्र बिमोचन तिमल्सिनाशामिल थे। काठमांडू के मेयर और रैपर बालेन शाह का नाम भी चर्चा में था, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए। बाद में उन्होंने सोशल मीडिया पर कार्की का समर्थन किया। वोटिंग में शामिल Gen-Z बोले- मिलकर हल निकाला 25 साल की लॉ ग्रेजुएट रेजिना बेसनेट, जो उस समय डिस्कॉर्ड बहस में शामिल हुई थीं, ने कहा, ‘लोग आगे बढ़ते हुए सीख रहे थे। हममें से कई लोग नहीं जानते थे कि संसद भंग करने या अंतरिम सरकार बनाने का क्या मतलब होता है। लेकिन हम सवाल पूछ रहे थे, विशेषज्ञों से जवाब ले रहे थे और मिलकर इसका हल निकालने की कोशिश कर रहे थे।’ 26 साल के प्रदर्शनकारी विशाल सपकोटा ने एबीसी ऑस्ट्रेलिया को बताया, ‘यह विरोध प्रदर्शन था – कोई संगठित आंदोलन नहीं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सच कहूं तो, प्रदर्शनकारियों को उम्मीद नहीं थी कि सरकार सिर्फ दो दिनों में गिर जाएगी, इसलिए वे इस तेज सफलता के लिए कुछ हद तक तैयार नहीं थे।’ पत्रकार प्रणय राणा ने कहा कि डिस्कॉर्ड जैसे प्लेटफॉर्म ने युवाओं को खुलकर बोलने का मौका दिया, लेकिन फर्जी खातों और गलत सूचनाओं का खतरा भी रहा। प्रदर्शनकारी लीडर ने ‘फैक्ट चेक’ सब-रूम बनाकर फर्जी खबरों को रोकने की कोशिश की। कुछ लोगों ने राजशाही की वापसी की मांग भी उठाई, लेकिन यह अल्पमत में रही। सर्वर पर आम सहमति से सुशीला को Gen-Z ने चुना 10 सितंबर तक, सर्वर पर आम सहमति बनी। नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अगला नेता चुना गया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कार्की के 50% मतों तक पहुंचने से पहले 7,713 वोट पड़े। इसके बाद सुशीला का नाम PM पद के लिए फाइनल किया गया। इन्हें 12 सितंबर को राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई थी। वे 220 सालों के इतिहास में देश की पहली महिला पीएम बनी हैं। ————————————————— ये खबर भी पढ़ें… Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने नेपाली पीएम सुशीला कार्की का इस्तीफा मांगा: कहा- जिस कुर्सी पर बैठाया, हटाने में समय नहीं लगेगा; बिना सलाह के मंत्री चुनने का आरोप नेपाल में Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम पीएम सुशीला कार्की का इस्तीफा मांगा है। वे कैबिनेट विस्तार को लेकर नाराज हैं। प्रदर्शनकारियों ने रविवार रात पीएम आवास के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी की। पूरी खबर पढ़ें… नेपाल में तख्तापलट के 6 दिन 12 ग्राफिक्स में: Gen-Z आंदोलन में संसद जली, प्रधानमंत्री भागे, पूर्व PM पिटे; पहली बार महिला PM बनी नेपाल में 8 सितंबर को सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेनरेशन Z का प्रदर्शन शुरू हुआ, जो हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी ‘ऑफिस सिंह’ दरबार को आग के हवाले कर दिया था। यहां PM ऑफिस भी था। पूरी खबर पढ़ें…