नेपाल हिंसा में 3 पूर्व PM बेघर हुए:नेताओं के लिए किराए का घर ढूंढ़ रहे समर्थक; Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने आवास जलाया था

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हिंसा के बाद नेपाल के तीन पूर्व PM केपी शर्मा ओली, शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल प्रचंड बेघर हो गए हैं। Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने 9 सितंबर को इनके घरों को फूंक डाला था। फिलहाल ये सभी आर्मी के कैंपों में रह रहे हैं। लेकिन इनके समर्थक अपने नेताओं के लिए किराए के मकान ढूंढ़ने में जुटे हुए हैं। पता चला है कि फिलहाल ये नेता कुछ दिन काठमांडू से बाहर के शहरों जैसे पोखरा में रहना चाहते हैं। ताकि फिर से जेन-जी के गुस्से का सामना नहीं करना पड़े। वहीं नेपाल बार काउंसिल ने राष्ट्रपति के संसद को भंग करने के कदम का विरोध किया है। काउंसिल ने कहा-संविधान के अनुच्छेद 132 (2) के तहत किसी भी सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को अंतरिम PM नहीं बना सकते हैं। नेपाल में जेन-जी के नाम ही तय नहीं, कैबिनेट विस्तार टला नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की कैबिनेट का विस्तार शनिवार को टल गया। बताया जा रहा है कि जेन-जी की ओर से कैबिनेट के लिए नाम ही तय नहीं किए जा सके हैं। आंदोलन में लगभग एक दर्जन जेन-जी संगठन शामिल थे। सूत्रों के अनुसार सुदन गुरुंग के ‘हामी नेपाल’ को छोड़कर कोई भी जेन-जी संगठनात्मक रूप से अस्तित्व में नहीं है। बाकी जेन-जी युवाओं के ग्रुप ज्यादा हैं। ऐसे में कैबिनेट के लिए किसके साथ बात की जाए, ये साफ नहीं हो पा रहा है। अब रविवार तक कैबिनेट विस्तार की बात की जा रही है। Gen-Z नेता बोले थे- सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन निगरानी करेंगे कल राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने कल संसद भंग करने का भी ऐलान किया था। पूर्व पीएम केपी ओली की कम्युनिस्ट पार्टी (UML) ने इस फैसला का विरोध किया है। UML महासचिव शंकर पोखरेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की है। वहीं, Gen-Z नेताओं ने इस सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन सरकार के कामकाज की निगरानी करेंगे। PM मोदी- कार्की महिला सशक्तिकरण का प्रतीक PM मोदी ने शनिवार को कहा कि सुशीला कार्की की नेपाल की अंतरिम पीएम के रूप में नियुक्ति महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। नेपाल की जनता ने मुश्किल समय में लोकतंत्र में भरोसा रखा, भारत हमेशा उनके साथ है। अब नेपाल के पुनर्निमाण में युवाओं को जुटना होगा। पूर्व PM ओली पर हिंसा के दौरान हमले करवाने पर FIR दर्ज हिंसा थमने के बाद नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ शनिवार को राजधानी काठमांडू में FIR दर्ज की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओली पर आरोप है कि 8 सितंबर को जब आंदोलन शुरू हुआ था, तब उन्होंने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर हमले करने का आदेश दिया था। ओली ने भारी दबाव के बीच 9 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद से ही वो आर्मी की सुरक्षा में हैं। वहीं, सुशीला कार्की ने शुक्रवार को ही नेपाल के अंतरिम पीएम पद की शपथ ली है। उन्हें 5 मार्च, 2026 तक संसदीय चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई है। नेपाल में सामान्य हो रहे हालात 6 दिनों की हिंसा के बाद काठमांडू के कई इलाकों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। नेपाल में अब हालात सामान्य हो रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट कल से शुरू किया गया। साथ ही भारत-नेपाल सीमा पर भी आवाजाही शुरू की गई। हालांकि, काठमांडू के 6 जगहों पर अब भी कर्फ्यू जारी है। यहां 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने, भूख हड़ताल, धरना, घेराव, जुलूस और सभा करने पर रोक लगा दी गई है। नोटिस में कहा गया है कि यह आदेश दो महीने तक लागू रहेगा। ———————————– ये खबर भी पढ़ें… नेपाल हिंसा- PM पद छोड़ने वाले ओली पर FIR: आरोप- पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर ज्यादती का आदेश दिया; अभी अज्ञात जगह छिपे हैं नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ शनिवार को राजधानी काठमांडू में FIR दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओली पर आरोप है कि 8 सितंबर को जब आंदोलन शुरू हुआ था, तब उन्होंने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर हमले और ज्यादती का आदेश दिया था।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

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