नगरीय निकाय चुनाव के लिए गुरुवार को एक नगर निगम समेत 5 पालिकाओं और पांच नगर पंचायतों के वार्डों का आरक्षण हुआ। परिसीमन होने से राजधानी के सभी 70 वार्डों का लॉटरी से आरक्षण हुआ और पूरा गणित ही बदल गया। इस आरक्षण का 39 वार्डों पर असर दिखेगा। महापौर एजाज ढेबर का वार्ड महिला सामान्य आरक्षित हो गया। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का वार्ड ओबीसी महिला आरक्षित हो गया। यानी दोनों अपने वार्ड से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसके अलावा निगम के कुछ और दिग्गज नेताओं का वार्ड बदल गया है। आरक्षण में एससी-एसटी वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में करीब 17% कोटा मिला है। इस अनुपात से 70 में 12 वार्ड उनके लिए आरक्षित किए गए। एससी-एसटी का 17% घटाने के बाद करीब 33% आरक्षण ओबीसी को दिया गया। इस अनुपात से 23 वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए। बाकी बचे 35 वार्ड अनारक्षित रह गए, जो कुल वार्डों के 50% हैं। आरक्षण में हर वर्ग में 33% वार्ड महिलाओं को दिए गए। एससी के तीन, एसटी के एक, ओबीसी के 8 और अनारक्षित के 11 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हुए। शहीद स्मारक भवन में कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकार गौरव कुमार, निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा और अपर आयुक्त यूएस अग्रवाल, राजेंद्र गुप्ता समेत अधिकारियों ने रायपुर निगम के वार्डों का आरक्षण किया। कलेक्टर ने आरक्षण के नियम और प्रक्रिया की जानकारी दी। सुबह करीब 11 बजे आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुताबिक नगरीय निकाय क्षेत्र में ओबीसी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने के आदेश थे। इसलिए राज्य में ओबीसी का सर्वे कराया गया। 50% आरक्षण से रायपुर ननि ओबीसी का आरक्षण लॉटरी से,महापौर की आपत्ति खारिज एसटी-एससी के बाद शेष 58 में 23 वार्ड ओबीसी आरक्षित किए गए। इनका आरक्षण लॉटरी से किया गया। महापौर एजाज ढेबर ने इस पर आपत्ति की। उन्होंने कहा कि जैसे एससी-एसटी वार्डों काे उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किया गया, उसी तरह ओबीसी वार्डों का आरक्षण भी लॉटरी से नहीं किया जाना चाहिए। उनकी आपत्ति खारिज कर दी गई।