छत्तीसगढ़ कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चल रहा संगठन सृजन अभियान अब अंतिम चरण में है। राज्य के लगभग 80% जिलों में चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि शेष जिलों में दीपावली तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, जिलाध्यक्षों की सूची अब बिहार विधानसभा चुनाव के बाद ही जारी हो पाएगी। दो अहम बैठकें, रायपुर के दावेदारों से सीधे चर्चा
संगठन सृजन अभियान को लेकर कांग्रेस में आज दो महत्वपूर्ण बैठकें हुईं। पहली बैठक ऑनलाइन थी, जिसमें एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, पीसीसी चीफ दीपक बैज और सभी पर्यवेक्षक शामिल हुए। इसमें प्रदेशभर में चल रहे संगठन सृजन अभियान की समीक्षा की गई। दूसरी बैठक में रायपुर शहर के दावेदारों के साथ पर्यवेक्षक प्रफुल्ल गडाधे ने सीधी चर्चा की। उन्होंने दोपहर तक अलग-अलग दावेदारों से मुलाकात कर उनकी पृष्ठभूमि, पार्टी में अब तक निभाई गई भूमिका और आपराधिक रिकॉर्ड जैसे विषयों पर जानकारी ली। एक दिन पहले वे रायपुर ग्रामीण के दावेदारों और अन्य संगठनों से जुड़े लोगों से भी मिल चुके हैं। 17 पर्यवेक्षक तैयार करेंगे पैनल
प्रदेश में 41 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए 17 पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। ये सभी पर्यवेक्षक अपने-अपने जिलों के लिए 6-6 नामों का पैनल तैयार करेंगे, जिसे कांग्रेस हाईकमान को भेजा जाएगा। पैनल की समीक्षा के बाद अंतिम सूची तय होगी। इन नेताओं को मिली पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी
पर्यवेक्षकों में शामिल हैं: सप्तगिरि उल्का, अजय कुमार लल्लू, सुबोध कांत सहाय, उमंग सिंगार, आरसी खूंटिया, राजेश ठाकुर, विवेक बंसल, नितिन राउत, श्याम कुमार बर्वे, प्रफुल्ल गडाधे, चरण सिंह सप्रे, विकास ठाकरे, हिना कावरे, रीता चौधरी, रिहाना रियाज चिश्ती, अजमतउल्लाह हुसैनी और सीताराम लांबा। हाईकमान की मुहर के बाद ही होगा ऐलान
एआईसीसी द्वारा नियुक्त सभी पर्यवेक्षक फील्ड विज़िट, इंटरव्यू और मूल्यांकन के बाद रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इनमें दावेदारों की मजबूती, जनाधार, संगठनात्मक अनुभव और विवादों का लेखा-जोखा शामिल होगा। अंतिम फैसला हाईकमान की सहमति के बाद ही लिया जाएगा।