‘तुम पूछते हो हमारा मकसद क्या है। उसका जवाब सिर्फ एक शब्द है—जीत। हर कीमत पर जीत। दहशत के बीच भी जीत। चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो, हमें चाहिए जीत।’ यही शब्द थे विंस्टन चर्चिल के, जब उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौर में बतौर ब्रिटिश प्रधानमंत्री पहली बार संसद को संबोधित किया था। रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप फाइनल में भारत की स्थिति भी कुछ वैसी ही थी। पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद बने माहौल में हार का सवाल ही नहीं उठता था। फाइनल में पाकिस्तान से हार भारतीयों के लिए असहनीय होती। जीतना ही एकमात्र विकल्प था। और यही जीत दिलाई 22 साल के युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा ने, जिन्होंने पूरे दबाव के बीच खुद को नायक साबित किया। तिलक के करियर की सबसे कीमती पारी के बारे में आगे विस्तार से बात करते हैं। पहले देखिए मैच का ब्रीफ स्कोर… 20 रन पर गिर गए थे 3 विकेट
भारतीय टीम 147 रन के टारगेट का पीछा करते हुए 20 रन पर तीन विकेट गंवा चुकी थी। फाइनल से पहले हर मैच में धूम मचाने वाले अभिषेक शर्मा 5 रन बनाकर आउट हो गए। कप्तान सूर्यकुमार यादव 1 रन ही बना सके। शुभमन गिल भी 12 के आंकड़े से आगे नहीं बढ़े। इसके बाद तिलक वर्मा ने पहले संजू सैमसन के साथ 57 रन की और फिर शिवम दुबे के साथ 60 रन की पार्टनरशिप कर भारत की जीत की सुनिश्चित कर दी। बहरहाल, जीत का तिलक टूर्नामेंट में पहला मैच खेल रहे रिंकू सिंह के बल्ले से लगा। उन्होंने आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर चौका लगाया और भारत को वह जीत दिला दी जो टीम को हर हाल में चाहिए ही थी। धोनी जैसा संयम और विराट जैसी फिनिशिंग
तिलक वर्मा की इस पारी में भारत के दो पूर्व दिग्गजों महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की छाप दिखी। जब क्रीज पर टिकने की जरूरत थी तब उन्होंने धोनी जैसा संयम दिखाया। एक बार जब पांव क्रीज पर जम गए तो विराट कोहली की तरह टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया। तिलक ने अपनी पारी की शुरुआती 26 गेंदों पर सिर्फ 24 रन बनाए थे। लेकिन अगली 27 गेंदों पर उन्होंने 45 रन बना दिए। जब हालात मुश्किल थे तब उन्होंने सिंगल-डबल से स्कोर आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने 33 रन सिंगल और डबल से बनाए। वहीं, 36 रन चौके और छक्के से भी बनाए। पहले 12 ओवर में लगा मैच हाथ से निकल गया
भारत ने इस मैच में टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पाकिस्तान ने पावरप्ले में भारत को कोई विकेट नहीं दिया। 12 ओवर में पाकिस्तान का स्कोर 1 विकेट पर 107 रन हो गया था। टी-20 क्रिकेट में माना जाता है कि 12 ओवर के बाद जितना स्कोर होता है टीम 20 ओवर में उसे डबल कर देती है। पाकिस्तान 200 रन के पार जाता हुआ दिख रहा था। यहां से भारतीय स्पिन तिकड़ी का खेल शुरू हुआ। कुलदीप यादव ने 13वें ओवर की पांचवीं गेंद पर सईम अयूब का विकेट लिया। यहां से विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया और हर ओवर में एक के बाद एक पाकिस्तानी बल्लेबाज सरेंडर करता चला गया। कुलदीप ने 17वें ओवर में तीन विकेट निकाल लिए। आखिरकार पाकिस्तान 19.1 ओवर में 146 रन पर ऑलआउट हो गया। जिसने प्लेन क्रैश का इशारा किया वह खुद क्रैश हुआ
सुपर-4 मुकाबले के बाद पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हारिस रऊफ ने भारतीय खिलाड़ियों और प्रशंसकों को चिढ़ाने के लिए प्लेन क्रैश का इशारा किया था। पाकिस्तानी पिछले चार महीने से यह अफवाह फैलाने में लगे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसने भारत के 6 प्लेन गिरा दिए थे। रऊफ का इशारा इसी को लेकर था। बहरहाल फाइनल मैच में भारत के सामने खुद रऊफ क्रैश हो गए। वे इस मैच के सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए। उन्होंने 3.4 ओवर में ही 50 रन खर्च कर डाले। इससे पहले पाकिस्तान की पारी में रऊफ को जसप्रीत बुमराह ने बोल्ड किया था। विकेट लेने के बाद बुमराह ने प्लेन क्रैश का इशारा कर रऊफ को तगड़ा जवाब दे दिया था। बाद में भारतीय बल्लेबाजों में भी उनकी जमकर कुटाई कर रही-सही कसर भी पूरी कर दी। अभिषेक शर्मा प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
भारत के युवा ओपनर ओपनर अभिषेक शर्मा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। अभिषेक ने टूर्नामेंट में 200.00 के स्ट्राइक रेट से 3 फिफ्टी के सहारे 314 रन बनाए। वे एक टी-20 एशिया कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए हैं। अभिषेक ने इस टूर्नामेंट की 7 पारियों में से 6 में 30 रन से ज्यादा का स्कोर किया। पाकिस्तान पर लगातार आठवीं जीत
यह इंटरनेशनल क्रिकेट में टीम इंडिया की पाकिस्तान पर लगातार आठवीं जीत है। भारतीय टीम 2022 एशिया कप के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ कोई मुकाबला नहीं हारी है। अब टी-20 वर्ल्ड कप में होगी भिड़ंत
भारत और पाकिस्तान की अगली भिड़ंत अगले साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में होगी। भारत इस टूर्नामेंट का मेजबान है लेकिन पाकिस्तान के मैच भारतीय ग्राउंड्स पर नहीं खेले जाएंगे। पाकिस्तान के सारे मुकाबले श्रीलंका में होंगे और टीम इंडिया वहीं जाकर उसका मुकाबला करेगी।