दिग्विजय सिंह भी परोक्ष रूप से कमल नाथ के साथ रहे। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का भी उन्हें समर्थन मिला। लगातार दो चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी ने कमल नाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर जीतू पटवारी को बागडोर सौंपी थी। इसके बाद कमल नाथ ने स्वयं को मध्य प्रदेश की राजनीति से दूर कर लिया था।
