राम मंदिर के लिए चंदा संग्रहण के दौरान हुए सांप्रदायिक विवाद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा प्रस्तुत जनहित याचिका में गुरुवार को अंतिम बहस हुई। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने उपस्थित होकर खुद बहस की। उन्होंने करीब 20 मिनट तक याचिका को लेकर अपने तर्क रखे।
