छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया है। नगरीय निकाय चुनावों में अब मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। यानी पार्षद के साथ ही मेयर और अध्यक्ष के लिए भी जनता ही वोट करेगी। 6 दिन में दूसरी बार सोमवार को साय कैबिनेट की बैठक हुई है। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद नियम बदला गया था। इसमें मेयर चुनने का हक पार्षदों को दिया गया था। हालांकि भूपेश कार्यकाल से पहले जनता ही पार्षदों के साथ मेयर को चुनती थी। दिग्विजय सिंह ने दिया था महापौर चुनने का अधिकार मध्यप्रदेश शासन काल में 1999 में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने राज्य में महापौर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता के हाथ में दिया था। तब से लेकर 2018 तक ये अधिकार छत्तीसगढ़ की जनता के पास था। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद संशोधन हुआ और हक पार्षदों को मिल गया था। कैबिनेट बैठक के कुछ और फैसले राज्यपाल और सीएम साय के बीच चर्चा वहीं मंत्रालय जाने से पहले मुख्यमंत्री प्रदेश के राज्यपाल रामेन डेका से मिलने पहुंचे थे। सूत्रों ने बताया कि निकाय चुनाव को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई। 14 दिन बाद प्रदेश की विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने को है। इसमें सरकार अहम प्रस्ताव पास कर सकती है। माना जा रहा है कि ये मुलाकात इसी से जुड़ी है। हालांकि सरकार की ओर से CM और राज्यपाल के बीच अचानक हुई इस खास मीटिंग को लेकर कुछ पुख्ता कहा नहीं गया। इसे सामान्य भेंट ही बताया गया है। सरकार को अब एक साल पूरे होने को है। 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद 13 दिसंबर को भाजपा सत्ता में आई थी। चर्चा है कि कुछ नई योजनाओं की शुरुआत सरकार कर सकती है। चूंकि 6 दिन पहले ही कैबिनेट की बैठक हुई थी फिर ये बैठक हो रही है, इसलिए बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है। साय कैबिनेट की पिछली बैठक के फैसले हाउसिंग बोर्ड के प्लॉट में डायवर्सन और पेनाल्टी शुल्क छूट 26 नवंबर को हुई बैठक में सरकार ने 5वीं-8वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम लेने का फैसला किया था। इसके अलावा हाउसिंग बोर्ड के प्लॉट पर डायवर्सन शुल्क को लेकर फैसला लिया गया था। पिछली बैठक में तय किया गया था जिससे हाउसिंग बोर्ड के मकान लेने वालों को फायदा होगा। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल में आवासीय उपयोग में आने वाली जमीन में डायवर्सन, फाइन और लैंड रेवेन्यू में छूट देने का फैसला लिया गया है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की ओर से फ्री-होल्ड किए गए आवासीय जमीनों पर डायवर्सन शुल्क में छूट दी जाएगी। राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े 54 केस होंगे वापस बैठक में ये भी तय किया गया था कि प्रदेश में राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े 54 केस कोर्ट से वापस लिए जाएंगे, इसके लिए आगे की कार्रवाई होगी। मंत्रिपरिषद की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य में हाउसिंग एण्ड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (हुडको) से आवास, शहरी विकास एमओयू किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य को हुडको ने आगामी 5 सालों में एक लाख करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता, कंसलटेंसी, क्षमता विकास सेवाएं देने का प्रपोजल दिया है। ——————– साय कैबिनेट की बैठक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें 1. हाउसिंग बोर्ड के प्लॉट में डायवर्सन और पेनाल्टी शुल्क छूट:छत्तीसगढ़ में 5वीं और 8वीं क्लास की परीक्षा होगी सेंट्रलाइज्ड; साय कैबिनेट का फैसला छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट बैठक में आज 9 अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें हाउसिंग बोर्ड के आवासीय प्लॉट से जुड़ा एक फैसला है। इसके मुताबिक फ्री होल्ड किए गए आवासीय प्लॉट के डायवर्सन और पेनाल्टी शुल्क में छूट दी जाएगी। पढ़ें पूरी खबर 2. नक्सलियों को मकान देगी छत्तीसगढ़ सरकार:जिन्होंने नक्सल हादसों में अपनों को खोया उन्हें भी मिलेगा घर; केंद्र से 15 हजार आवास को मंजूरी छत्तीसगढ़ के नक्सलियों को रहने के लिए सरकार घर देगी। इसके लिए नक्सलियों को सरेंडर करना होगा। नक्सलवाद छोड़ने वालों को फिर से नई जिंदगी शुरू करने के लिए सरकार ये नई सुविधा देने जा रही है। ऐसे परिवार जिन्होंने नक्सल हादसों में अपनों को खोया है, उन्हें भी घर मिलेगा। इसके लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए 15 हजार आवास स्वीकृत किए हैं। पढ़ें पूरी खबर