पंजाब के संगीतकार चरणजीत सिंह आहूजा की अंतिम अरदास आज (3 अक्टूबर) को मोहाली दुल्लत रिसॉर्ट में हो रही है। इस मौके सिंगर जरनैल जेली, दलविंदर दयालपुरी समेत पंजाब म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़ी कई हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रही हैं। आहूजा का 21 सितंबर को निधन हो गया था। वे 74 साल के थे और लीवर के कैंसर से पीड़ित थे। उनका इलाज पीजीआई से चल रहा था। उनका अंतिम संस्कार मोहाली स्थित श्मशान घाट पर किया गया था। कई कलाकारों को दिलाई पहचान चरणजीत आहूजा को “पंजाबी संगीत का शिल्पकार” कहा जाता है। वह पंजाबी संगीत जगत के एक स्तंभ माने जाते हैं। उनकी बनाई धुनें आज भी लोकगीतों, शादी-ब्याह और सांस्कृतिक आयोजनों में गूंजती हैं। उनकी धुनों ने 1980 और 1990 के दशक में पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री को नई पहचान दिलाई। सुरजीत बिंदराखिया, कुलदीप माणक, गुरदास मान, चमकीला, गुरकिरपाल सूरापुरी, सतविंदर बुग्गा समेत कई लोकगायकों को आहूजा की धुनों से नाम मिला। कुछ गायकों की तो शुरुआत ही इनके संगीत के साथ हुई, जिनमें से कुछ सुपरस्टार भी बन गए। चरणजीत आहूजा अपने पीछे 4 बेटे छोड़ गए हैं, जो म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं।