रायपुर में रविवार को दिनभर उमस रही। इसके बाद शाम करीब 4:45 बजे अचानक घने काले बादल छा गए और गरज चमक के साथ मूसलाधार बारिश होने लगी। महज 40 मिनट में 29 मिली पानी गिर गया। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना एक मजबूत सिस्टम लगातार आगे बढ़ रहा है। यह 24 घंटे के दौरान आगे बढ़ते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट की ओर पहुंचेगा। इसके कारण प्रदेश में सोमवार को भी भारी से अतिभारी बारिश की संभावना है। प्रदेश में रेड अलर्ट जारी है। इस बीच, प्रदेश में मानसून को तीन महीने पूरे हो गए। 8 जून को मानसून बस्तर में आया। इस दौरान प्रदेश में अब तक 1014 मिमी पानी गिर चुका है। यह औसत से एक फीसदी ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार इस अवधि का औसत 1008.2 मिमी है। मानसून सीजन 30 सितंबर तक रहेगा। सीजन खत्म होने में अभी 22 दिन बाकी हैं। छत्तीसगढ़ की सीजनल बारिश 1139.4 मिमी है। करीब 126 मिमी बारिश की जरूरत है। इतना पानी गिरने पर राज्य में मानसून का कोटा पूरा हो जाएगा। दरअसल, सोमवार तक खाड़ी में बना सिस्टम ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट तक पहुंचकर एक गहरे अवदाब (अधिक मजबूत सिस्टम) में बदल जाएगा। इससे तटीय राज्यों के साथ दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में भारी बारिश होगी। भारी बारिश यानी 24 घंटे की में 64.5 से 115.5 तथा अतिभारी बारिश यानी 115.6 से 204.4 मिमी पानी गिर सकता है। तट को पार करने के बाद सिस्टम की तीव्रता में कमी आने लगती है। इसलिए मंगलवार को भी प्रदेश में बारिश होगी, लेकिन हल्की से मध्यम और एक-दो जगहों पर हो सकती है। उधर, कुदरत का कहर: बारिश से बचने पेड़ के नीचे खड़े थे 10 लोग बलौदाबाजार में बिजली ने ली 7 की जान जिले में आकाशीय बिजली गिरने से सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। तीन लोग घायल हैं। बताया गया है कि मोहतरा गांव के नवा तालाब के किनारे बैठकर कुछ बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान अचानक मौसम बदला और बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए वे पास ही महुआ पेड़ के नीचे खड़े हो गए। इसी दौरान बिजली गिरी। इसकी चपेट में ये सभी 10 लोग आ गए। इनमें से सुरेश साहू, संतोष साहू, पप्पू साहू, पोखाराम विश्वकर्मा, थानेश्वर साहू, देवदास एवं रसेडा गांव के विजय साहू की मौके पर ही मौत हो गई। कुदरत का कहर ऐसा था कि सभी शव काले पड़ गए। संतोष साहू एवं पोखाराम विश्वकर्मा 80 प्रतिशत तक झुलस गए थे जबकि बाकी 5 लोग भी 60 से 70 प्रतिशत तक झुलस गए थे। वहीं चेतन साहू, बिंदराम साहू और बिसंभर साहू घायल है, जिनका इलाज अस्पताल में जारी है। सरकार मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए देने की बात कही है। भास्कर एक्सपर्ट – डॉ. गायत्री वाणी कांचिभ, मौसम विज्ञानी बादल गरजे तो छत के नीचे जाएं
बारिश के दौरान सबसे ज्यादा मौतें बिजली गिरने से होती है। खुले मैदान या खेतों में बिजली सबसे पहले ऊंचे सरफेस यानी पेड़ पर सबसे पहले गिरती है। इसलिए पेड़ों के नीचे नहीं जाना चाहिए। बचाव के लिए घने काले बादल दिखने और गरजना शुरू होने पर लोगों को सबसे पहले आसपास किसी पक्के छत के नीचे चले जाना चाहिए। यदि छत नहीं है तो किसी समतल जमीन के कम ऊंचाई वाले हिस्से में जाकर उखड़ू बैठ जाना चाहिए। हर किसी को दामिनी एप डाउनलोड करना चाहिए। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजन के साथ हैं। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। जिला प्रशासन द्वारा घायलों को त्वरित इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। बेहतर इलाज की व्यवस्था करने के आवश्यक निर्देश दिए हैं। -विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री