रायपुर में रातभर बरसा पानी…28 जिलों में अलर्ट:रायगढ़-गरियाबंद में बिजली गिरने से 6 लोगों की मौत; 15 अक्टूबर के बाद लौट सकता है मानसून

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छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे के दौरान सभी संभागों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। रायपुर सहित कई क्षेत्रों में रातभर वर्षा होती रही और शुक्रवार सुबह से ही रुक-रुक कर बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक राज्य में बारिश का यह दौर जारी रह सकता है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताई गई है। बारिश के आंकड़ों की बात करें तो सबसे अधिक वर्षा पखांजूर में 60 मिमी दर्ज की गई है। वहीं, राजनांदगांव में अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री सेल्सियस और सबसे कम न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री पेंड्रारोड में रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विभाग ने आज (शुक्रवार) कोरिया, मुंगेली और बलौदाबाजार जिलों में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा बालोद, दुर्ग, सरगुजा, बस्तर, धमतरी, रायगढ़ समेत 25 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहने की संभावना है। बारिश के बीच बिजली गिरने की घटनाओं में जनहानि की खबरें भी सामने आई हैं। बुधवार को प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर बिजली गिरने से छह लोगों की मौत हो गई। इनमें से दो महिलाएं गरियाबंद में और चार युवकों की मौत रायगढ़ जिले में हुई है। बताया जा रहा है कि सभी लोग तेज बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे खड़े थे या खेत से लौट रहे थे, तभी यह हादसे हुए। देखिए तस्वीरें- छत्तीसगढ़ में 15 अक्टूबर के बाद मानसून लौटने के आसार मौसम विभाग के मुताबिक, 30 सितंबर तक हुई बारिश को मानसून की बारिश माना जाता है, जबकि इसके बाद की बारिश को ‘पोस्ट मानसून’ यानी मानसून के बाद की बारिश माना जाता है। फिलहाल देश के कई हिस्सों से मानसून की वापसी शुरू हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में आमतौर पर 5 अक्टूबर के आसपास सरगुजा की तरफ से मानसून लौटना शुरू करता है, लेकिन इस बार वापसी में देरी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार प्रदेश में मानसून करीब 15 अक्टूबर के बाद लौटेगा, यानी सामान्य से करीब 10 दिन देर। बेमेतरा में सबसे कम बरसा पानी प्रदेश में अब तक 1167.4 मिमी औसत बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में अब तक 524.5 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास हुई है। जबकि बलरामपुर में 1520.9 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 52% ज्यादा है। ये आंकड़े 30 सितंबर तक के हैं। जानिए क्यों होती है खंड वर्षा जानिए क्यों गिरती है बिजली बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।

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