छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय हो गया है। रायपुर में देर रात से सुबह तक तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 3 घंटे 15 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यहां गरज-चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है। बिजली गिर सकती है। 60 किमी की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं प्रदेश के उत्तरी हिस्सों के 7 जिलों और 26 अन्य जिलों में गरज चमक के साथ बिजली गिरने का यलो अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक हफ्तेभर बारिश की एक्टिविटी जारी रहेगी। उत्तरी हिस्से के 7 और 15 जिले में ऑरेंज अलर्ट उत्तर छत्तीसगढ़ के 7 जिले मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर रामानुजगंज, सरगुजा, जशपुर और रायगढ़ में यलो अलर्ट है। वहीं अगले 3 घंटे सुबह 7 से 10 बजे तक बलौदा बाजार, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कोंडागांव, रायपुर, कांकेर, बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली, कबीरधाम, खैरागढ़, राजनांदगांव और मोहला-मानपुर में अंधड़ चलेगी, बौछारें पड़ेंगी। कोरिया में 70 मिलीमीटर बरसा पानी पिछले 24 घंटे की बात करें तो 24 से अधिक जिलों में 78 से ज्यादा जगहों पर बारिश हुई है। औसतन बारिश 26.03 MM दर्ज की गई है। सबसे अधिक बारिश 70 MM कोरिया जिले में हुई है। वहीं सबसे अधिक तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस रायपुर माना का रहा। सामान्य से 32% कम बरसा पानी 1 जून से अब तक यानी 26 जून तक प्रदेश में एक्चुअल बारिश 93.01 मिलीमीटर दर्ज की गई है। जबकि सामान्य तौर पर इस महीने में अब तक 136.2 MM बारिश हो जानी चाहिए थी। इस लिहाज से करीबन 32% कम पानी प्रदेश में बरसा है। लेकिन पिछले एक सप्ताह की बात करें तो प्रदेश में 59.9 MM बारिश हुई है। नॉर्मल कंडीशन में 19 जून से लेकर 25 जून तक 66.6 MM बारिश प्रदेश में होनी चाहिए। यानी आखिरी 7 दिन में सिर्फ 10% ही कम बारिश हुई है। पूरे महीने के अनुपात में यह आंकड़ा बेहतर है। ऐसे में कहा जा सकता है कि पिछले 7 दिनों में मानसून ने रफ्तार पकड़ी है। मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था। पिछले साल के मुकाबले तापमान कम हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था। पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था। लंबा रह सकता है मानसून मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है। प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए इसलिए बिजली गिरती है दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ