रूसी राष्ट्रपति पुतिन 7 मंत्रियों के साथ भारत पहुंचे:PM मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे, 25 से ज्यादा समझौतों पर लगेगी मुहर

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे। उनके साथ 7 मंत्रियों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी आया है। मोदी और पुतिन के बीच आज दो अहम बैठकें होने वाली हैं। इनमें से एक बैठक बंद कमरे में होगी। दोनों नेताओं की द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान भारत और रूस के बीच 25 से ज्यादा समझौतों पर मुहर लगेगी। पुतिन का आज सुबह 9 बजे राष्ट्रपति भवन में राजकीय स्वागत किया जाएगा। इसके बाद वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। सुबह 11 बजे हैदराबाद हाउस में भारत-रूस की 23वीं सालाना समिट होगी। मोदी और पुतिन आज शाम बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे। रात में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में स्टेट डिनर देंगी। इससे पहले कल शाम प्रधानमंत्री मोदी खुद पुतिन को एयरपोर्ट पर रिसीव करने पहुंचे। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया। मोदी और पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। पुतिन के भारत दौरे से जुड़ीं 7 तस्वीरें… रूस-भारत के बीच 9 अहम समझौते संभव भारत को SU-57 जेट देने को तैयार रूस रूस अपना Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट और उसकी तकनीक बिना शर्त के भारत को देने के लिए तैयार है। रूसी Su-57 जेट्स को अमेरिका के F-35 का तोड़ माना जाता है। Su-57 की तरह F-35 भी 5वीं जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह दुश्मन के रडार को चकमा दे सके। रूस का कहना है कि Su-57 की तकनीक पर कोई रोक नहीं होगी। इसमें इंजन, रडार, स्टेल्थ तकनीक और आधुनिक हथियारों की जानकारी भी दी जा सकती है। रूस ने यह भी कहा कि अगर भारत चाहे तो Su-57 को भारत में ही बनाया जा सकता है।रूस ने भारत को टू-सीटर Su-57 बनाने की जॉइंट प्लानिंग का भी प्रस्ताव दिया है भारत और रूस में स्पेशल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप भारत और रूस के बीच ‘स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ साझेदारी है। इसके तहत दोनों देश लंबे समय से एक-दूसरे से हथियार, तकनीक और रक्षा सहयोग करते आए हैं। इसी रिश्ते के तहत Su-57 और S-500 जैसे आधुनिक हथियारों पर बात आगे बढ़ाई जा सकती है। भारतीय एयरफोर्स इस समय फाइटर जेट्स की कमी झेल रही है और उसके पास पहले से ही 200 से ज्यादा रूसी फाइटर जेट हैं। ऐसे में नेक्स्ट जेनरेशन के रूसी लड़ाकू विमान को अपनाना उसके लिए आसान होगा। सूत्रों का कहना है कि Su-57 में इतनी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं कि भारत की ताकत काफी बढ़ जाएगी। इसके अलावा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहले से ही रूसी विमानों की मरम्मत और देखभाल करती रही है, इसलिए Su-57 जैसे नए जेट की सर्विसिंग भी भारत में आसानी से हो सकेगी। S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर भी भारत की दिलचस्पी बढ़ी है, क्योंकि यह लंबी दूरी से आने वाली मिसाइलों और हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी रोक सकता है। भारत-रूस ट्रेड 100 अरब डॉलर करने का टारगेट पुतिन आज 23वीं भारत-रूस समिट में भाग लेंगे। ये भारत और रूस के बीच होने वाली सालाना बैठक का हिस्सा है। हर साल दोनों देश बारी-बारी से इस बैठक की मेजबानी करते हैं। इस बार भारत की बारी है। इस समिट का मकसद है कि दोनों देश 2030 तक अपने व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाएं। इस फोरम में एनर्जी, इन्वेस्टमेंट, तकनीक और इंडस्ट्री जैसे कई सेक्टर में नई साझेदारियों पर बात होगी। इंडियन वर्कर्स के लिए रूस में नौकरी पर समझौता संभव भारत और रूस स्पेस, न्यूक्लियर एनर्जी, साइंस-टेक्नीक, व्यापार और पोर्ट्स के विकास पर भी बातचीत करने वाले हैं। भारत रूस की मदद से कुडनकुलम (तमिलनाडु) में न्यूक्लियर पावर प्लांट चला रहा है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने को लेकर भी बात हो सकती है। दोनों देश एक स्किल डेवलपमेंट समझौते पर भी बात कर सकते हैं। रूस में युद्ध के बाद कई क्षेत्रों में वर्कर्स की कमी हो गई है। रूस चाहता है कि भारत से तकनीकी एक्सपर्ट, मेडिकल स्टाफ, इंजीनियर और दूसरे ट्रेंड वर्कर्स वहां काम करने आएं। भारत के लिए भी यह बड़ा अवसर हो सकता है, क्योंकि इससे भारतीयों को विदेश में नौकरी के नए मौके मिलेंगे। भारत से 10 लाख स्किल्ड वर्कर्स को रूस में रोजगार देने के लिए मोबिलिटी पैक्ट होने की संभावना है। ये इसलिए भी अहम है कि भारत के अब तक जर्मनी और इजराइल के साथ ही मोबिलिटी पैक्ट हैं। सिविल न्यूक्लियर डील भी अमेरिका और फ्रांस के साथ ही है। नया पेमेंट सिस्टम बनाने पर बात हो सकती है पुतिन की आज की बैठक में एनर्जी भी एक बड़ा मुद्दा रहेगा। रूस, भारत को सस्ता क्रूड ऑयल बेच रहा है, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देशों के दबाव के कारण पेमेंट में मुश्किलें आती रही हैं। दोनों देश एक नया पेमेंट सिस्टम बनाने पर सहमत हो सकते हैं, जिससे व्यापार बिना रुकावट चलता रहे। इसमें रुपया-रूबल ट्रेड, डिजिटल भुगतान या किसी तीसरे देश के बैंक का इस्तेमाल जैसे सिस्टम शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही रूस, भारत को आर्कटिक रीजन की एनर्जी परियोजनाओं में निवेश का मौका भी दे सकता है, जहां रूस दुनिया के बड़े तेल-गैस भंडार डेवलप कर रहा है। ——————– यह खबर भी पढ़ें… भारत पहुंचे पुतिन, मोदी ने अपने आवास पर मेजबानी की:रूसी भाषा में लिखी भगवत गीता भेंट की, आज दोनों द्विपक्षीय बातचीत करेंगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव किया। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया। मोदी और पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने पुतिन के सम्मान में प्राइवेट डिनर रखा था। पढ़ें पूरी खबर…

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