रूस ने यूक्रेन पर 700 हवाई हमले किए:जंग रोकने के लिए यूक्रेन-अमेरिका बातचीत बेनतीजा; फ्रांसीसी राष्ट्रपति बोले थे- धोखा दे सकता है अमेरिका

0
2

यूक्रेन में आर्म्ड फोर्सेज डे से पहले रूस ने शनिवार को बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया। यूक्रेन एयरफोर्स के मुताबिक रूस ने 29 ठिकानों पर 653 ड्रोन और 51 मिसाइल दागीं। इनमें से 585 ड्रोन और 30 मिसाइल मार गिराई गईं। देशभर में 8 लोग घायल हुए। कई ऊर्जा स्टेशन और रेलवे ढांचे को नुकसान पहुंचा। जापोरिज्झिया न्यूक्लियर पावर प्लांट कुछ समय के लिए ऑफ-साइट पावर से कट गया, हालांकि रिएक्टर बंद होने के कारण कोई बड़ा खतरा नहीं हुआ। रूस ने भी यूक्रेन पर हवाई हमलें करने का आरोप लगाया है। हमले के बाद यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच तीन दिनों की वार्ता बिना किसी सफलता के समाप्त हो गई। जेलेंस्की ने ट्रम्प के शांति दूत स्टीव विटकॉफ और अमेरिकी राष्ट्रपति के दामाद जेरेड कुशनर के साथ फोन पर बातचीत की थी। वहीं, यूरोपीय नेता सोमवार को लंदन में मिलने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अमेरिका के नीयत को लेकर आशंका जता चुके हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका, यूक्रेन को धोखा दे सकता है।
यूक्रेन ने रूसी तेल रिफाइनरियों पर हमले बढ़ाए रूस ने भी दावा किया कि उसने रात भर में 116 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए। साथ ही यूक्रेन ने रूस के रयाजान तेल रिफाइनरी पर लंबी दूरी के ड्रोन से हमला किया। यूक्रेनी सेना और रूसी क्षेत्रीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की। पिछले कुछ महीनों से यूक्रेन रूस के तेल रिफाइनरियों पर लगातार हमले कर रहा है ताकि रूस की तेल निर्यात आय कम हो। रूस भारत जैसे देशों को बड़े पैमाने पर तेल बेचता है। यूक्रेन-अमेरिका का आरोप है कि रूस यहीं तेल बेचकर जंग के लिए हथियार और मिसाइल बनाता है। जेलेंस्की बोले- रूस ने बिजली स्टेशन को निशाना बनाया राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि हमले का टारगेट बिजली स्टेशन और ग्रिड से जुड़े ढांचे थे। हमलों के कारण कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट हुए। फास्टिव (कीव के पास) में एक ड्रोन हमले ने रेलवे स्टेशन को पूरी तरह नष्ट कर दिया। IAEA के अनुसार, ज़ापोरिज़्झिया प्लांट रात में कुछ समय के लिए बाहरी बिजली से कट गया। रिएक्टर बंद हैं, लेकिन ईंधन को ठंडा रखने के लिए पावर जरूरी है। प्लांट पर अभी भी रूसी सेना का कब्ज़ा है। यूक्रेन-अमेरिका वार्ता बिना ठोस नतीजा खत्म हमले के बाद यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच तीन दिनों की वार्ता बिना किसी सफलता के समाप्त हो गई। ये वार्ताएं फ्लोरिडा में हो रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूत और सलाहकार स्टीव विटकॉफ और ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर भी इसमें शामिल हैं। जेलेंस्की ने कहा कि विटकॉफ और कुशनर से उन्होंने फोन पर बातचीत की। जेलेंस्की ने बातचीत को सकारात्मक बताया। दोनों पक्षों ने सुरक्षा गारंटी के ढांचे पर सहमति जताई, लेकिन कोई ठोस समझौता अभी नहीं हुआ। जेलेंस्की ने कहा, “असली शांति तभी होगी जब रूस गंभीरता दिखाएगा।” रूस को हत्याएं बंद करनी होगी अमेरिकी और यूक्रेनी पक्ष ने कहा कि युद्ध खत्म करने के लिए रूस को हत्याएं बंद करनी होगी और डी-एस्केलेशन के कदम उठाने होंगे। अभी तक रूस ने कोई बड़ी रियायत नहीं दी है और लगातार बड़े हमले कर रहा है। जेलेंस्की ने बताया कि जंग कैसे खत्म किया जाए इस पर बात हुई, संभावित समझौतों पर भी चर्चा हुई। साथ ही जेलेंस्की ने बताया कि वह अमेरिका के साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यूरोपीय नेता सोमवार को लंदन में मिलेंगे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सोमवार को लंदन में मिलने की तैयारी कर रहे हैं। ये चारों नेता यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी और अमेरिका के नेतृत्व वाली शांति प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे। फ्रांसीसी राष्ट्रपति बोले- रूस शांति नहीं चाहता मैक्रों ने रूसी हमलों की कड़ी निंदा की और कहा, “रूस शांति नहीं चाहता, वह लगातार उकसावा बढ़ा रहा है। हमें रूस पर और दबाव डालना होगा ताकि वह शांति के लिए मजबूर हो।” मैक्रों ने जेलेंस्की से फोन पर बात कर एकजुटता जताई। ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि यूक्रेन अपना भविष्य खुद तय करेगा और शांति सेना यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी देने में अहम भूमिका निभाएगी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पहले ही कह दिया है कि यूक्रेन में तैनात कोई भी विदेशी सैनिक हमले का शिकार हो सकते हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति बोले थे- अमेरिका यूक्रेन को मजबूर कर सकता फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका, यूक्रेन को धोखा दे सकता है। जर्मन अखबार डेर श्पीगल के मुताबिक 1 दिसंबर को यूरोपीय नेताओं की एक सीक्रेट वीडियो कॉल लीक हो गई थी। जिसमें जर्मनी के चांसलर फेडरिक मर्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब, नाटो के महासचिव मार्क रूटे, पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की शामिल थे। इस दौरान मैक्रों ने शक जताया था कि अमेरिका बिना मजबूत सुरक्षा गारंटी दिए यूक्रेन को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर कर सकता है। इस कॉल की लिखित रिकॉर्डिंग अखबार के पास पहुंची है। नेताओं ने साफ कहा कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दो खास लोगों अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ और ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर पर जरा भी भरोसा नहीं है। जर्मनी के चांसलर मर्ज ने जेलेंस्की से कहा, “आने वाले दिनों में बहुत सावधान रहिए, आपके साथ और हमारे साथ खेल खेला जा रहा है।” फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब और नाटो चीफ रूटे ने भी यही बात दोहराई कि जेलेंस्की को इन दोनों अमेरिकियों के साथ अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने इस पूरी खबर को झूठी और गलत जानकारी बताया है। पुतिन बोले थे- हम यूरोप से जंग के लिए तैयार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मंगलवार को यूरोपीय देशों को कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि अगर यूरोप ने रूस के खिलाफ युद्ध शुरू किया, तो रूस पूरी तरह से जवाब देने के लिए तैयार है। पुतिन ने कहा कि रूस यूरोप से युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर यूरोप युद्ध शुरू करता है तो मामला इतना जल्दी खत्म होगा कि बातचीत करने वाला कोई नहीं बचेगा। पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन में रूस पूरी तरह युद्ध नहीं लड़ रहा है, बल्कि सर्जिकल ऑपरेशन जैसी सीमित कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यूरोप के साथ सीधा युद्ध हुआ तो हालात अलग होंगे और रूस पूरी ताकत से जवाब देगा। ​​​​​​2022 से जारी रूस-यूक्रेन जंग रूस-यूक्रेन जंग फरवरी, 2022 में शुरू हुआ। दोनों देशों के बीच जंग की बड़ी वजह रूस का यूक्रेनी जमीन पर कब्जा है। रूस ने यूक्रेन के लगभग 20% क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है। युद्ध के कारण हजारों नागरिक और सैनिक मारे गए हैं, और लाखों यूक्रेनियन विस्थापित हुए हैं। जून 2023 तक, लगभग 8 मिलियन यूक्रेनियन देश छोड़कर भाग गए। ट्रम्प ने युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के साथ बैठक की हैं। हाल ही में, उन्होंने पुतिन के साथ अलास्का में बैठक की, जो 80 वर्षों में किसी रूसी नेता की पहली अलास्का यात्रा थी। ————————- ये खबर भी पढ़ें…
राष्ट्रपति भवन में पुतिन ने खाई कश्मीरी अखरोट की चटनी: मेन्यू में झोल मोमो और दाल तड़का भी; PM मोदी ने गिफ्ट किया चांदी का घोड़ा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में 5 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में भव्य स्टेट डिनर का आयोजन किया। यह डिनर पुतिन के दो दिवसीय भारत दौरे के अंत में हुआ। पूरी खबर पढ़ें…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here