राजस्थान में जिन बच्चों की मौत डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड कफ सिरप पीने से हुई थी, उसी कंटेंट वाला कफ सिरप छत्तीसगढ़ की औषधि प्रयोगशाला में जांच के दौरान नकली पाया गया है। बाजार में ये सिरप बेस्टो कॉफ के नाम से बिकती है। मेडिकल स्टोर से नकली सिरप की बिक्री का रैकेट चल रहा था। 21 जुलाई को राजिम स्थित कुलेश्वर मेडिकल एंड जनरल स्टोर से डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड कफ सिरप का सैंपल कलेक्ट किया गया था। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि कफ सिरप नकली है। औषधि प्रशासन विभाग ने दवा निर्माताओं को पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी। निर्माताओं ने भी कफ सिरप के सैंपल के नकली होने की पुष्टि की है। लेकिन इस बात से इनकार कर दिया गया कि ये सिरप उनका है। जांच में कफ सिरप की बोतल पर आज्ञा बायोटैक दवा कंपनी का नकली लेबल चिपका है, जो हरिद्वार (उत्तराखण्ड) की है। जिस बोतल का सैंपल हुआ था, इसमें बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट दर्ज नहीं हैं। कफ सिरप में 15MG डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक सिरप में यह सिर्फ 9MG है। सिरप के नकली होने की पुष्टि होने के बाद सप्लाई चैनल तलाशी जा रही है। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से 50 से ज्यादा कफ सिरप के सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजे गए हैं। मेडिकल स्टोर संचालक ने खरीदी-ब्रिक्री की गलत जानकारी दी ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालक सीताराम साहू के पास सिरप की खरीद-बिक्री के बिल नहीं मिले। उन्होंने बताया कि सिरप की खरीदी रायपुर की KPS फर्म से की गई है। लेकिन रायपुर, गरियाबंद की संयुक्त टीम की जांच में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। स्टोर संचालक ने जाे बिल दिए थे वे उक्त सिरप के नहीं थे। अब KPS फर्म ने सिविल लाइन थाने में मेडिकल संचालक के ही खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है। एक्सपायर हो चुके सिरप का लेबल बदले रहे थे
औषधि प्रशासन की जांच रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपायर सिरप बेचे जाने का लगातार इनपुट था। छापे के बाद सैंपल लेकर जांच में डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड कफ सिरप नकली साबित हुआ है। 800 एमएल का सैंपल लिए। सिरप के 3 स्थानों से नकली होने की पुष्टि हुई है। ये सिरप किसने सप्लाई किए थे, इसकी जांच
किसने सप्लाई की इसकी जांच जारी औषधि प्रशासन विभाग ने डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड कफ सिरप बनाने वाली आज्ञा बायोटैक (हरिद्वार) व कफ सिरप बनवाने वाली मार्केटर दवा कंपनी को पत्र लिखा था। दोनों कंपनियों ने पत्र लिखकर सैंपल के नकली होने की पुष्टि की है। पहली बार… कफ सिरप के नकली होने की पुष्टि हुई
कफ सिरप अमानक होने की पहले भी रिपोर्ट सामने आती रही है। लेकिन, नकली कफ सिरप की पुष्टि पहली बार हुई है। जो बेहद ही चिंताजनक है। औषधि प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से 100 से ज्यादा कफ सिरप के सैम्पल कलेक्ट किए हैं। नकली सिरप की सप्लाई के लिंक तलाश रहे लैब रिपोर्ट आ गई है। इस सिरप की सप्लाई के तार कहां से जुड़े हैं, इसकी जांच की जा रही है। संबंधित दवा कंपनियों को भी पत्र लिखा जा चुका है। विवेचना पूरी होते ही दोषियों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -बेनी राम साहू, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर, औषधि प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़