वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज Vs नदीम:थोड़ी देर में शुरू होगा जेवलिन थ्रो का फाइनल, दोनों 90 मीटर मार्क हासिल कर चुके हैं

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खेल प्रेमियों को आज फिर भारत Vs पाकिस्तान मुकाबला देखने को मिलेगा, लेकिन इस बार चौके और छक्के नहीं लगेंगे, बल्कि भाले फेंके जाएंगे। मंच होगा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का। यहां भारत के वर्ल्ड चैंपियन नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के ओलिंपिक चैंपियन अरशद नदीम बाहुबल दिखाएंगे। इवेंट दोपहर 3:53 बजे शुरू होगा। बुधवार को दोनों ने अपने-अपने ग्रुप से फाइनल के लिए क्वालिफाई किया है। क्वालिफिकेशन राउंड के ग्रुप-ए में नीरज चोपड़ा ने 84.50 मीटर से ज्यादा दूर भाला फेंका और फाइनल में जगह पक्की की। ग्रुप बी में अरशद नदीम ने 85.28 मीटर स्कोर किया। भारत के सचिन यादव ने 83.67 मीटर के बेस्ट स्कोर के साथ टॉप-12 में जगह बनाई। नीरज डिफेंडिंग वर्ल्ड चैंपियन हैं। उन्होंने 2023 में हंगरी में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में 88.17 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड जीता था। वहीं, अरशद ने पेरिस ओलिंपिक में 92.97 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड जीता था। तब नीरज ने सिल्वर जीता था। इस स्टेडियम में ओलिंपिक गोल्ड जीत चुके हैं नीरज जेवलिन थ्रो इवेंट टोक्यो के जापान नेशनल स्टेडियम में हो रहा है। इसी स्टेडियम में नीरज ने 2020 टोक्यो ओलिंपिक का गोल्ड जीता था। तब उनका बेस्ट थ्रो 87.58 मीटर का रहा था। अरशद उस इवेंट में 84.62 मीटर थ्रो के साथ पांचवें नंबर पर रहे थे। 90 मीटर का बैरियर तोड़ चुके हैं नीरज नीरज पिछले साल तक करियर में कभी 90 मीटर या इससे ऊपर का थ्रो नहीं कर पाए थे। इस साल फरवरी में दोहा डायमंड लीग में पहली बार वे 90 मीटर पार करने में सफल हुए थे। तब उन्होंने 90.23 मीटर का थ्रो फेंका था। गोल्ड के दावेदार ऐसा नहीं है कि सिर्फ नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम ही इस बार गोल्ड के दावेदार हैं। जर्मनी के जूलियन वेबर इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। उन्होंने नीरज को पछाड़कर जुलाई में हुई डायमंड लीग का खिताब जीता था। दो बार के वर्ल्ड चैंपियन ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स और पूर्व ओलिंपिक चैंपियन त्रिनिदाद एंड टोबैगो केशहॉर्न वाल्कॉट भी गोल्ड की रेस में होंगे। कैसे होगा जेवलिन थ्रो फाइनल वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के लिए दुनिया के टॉप-12 जेवलिन थ्रोअर्स ने क्वालिफाई किया है। इसमें हर कैंडिडेट को 6 प्रयास मिलेंगे। पहले तीन प्रयासों के बाद प्रतिभागियों की संख्या कम होने लगेगी। 3 राउंड के बाद आखिरी के 4 प्लेयर मेडल रेस से बाहर हो जाएंगे। यहां प्रतिभागियों की संख्या 8 हो जाएगी। बचे हुए 8 एथलीटों को तीन और थ्रो करने का मौका मिलेगा। इनमें से बेस्ट-3 को मेडल दिया जाएगा।

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