छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में डिस्टलरीज को आरोपी बनाने के आवेदन पर बहस पूरी हो गई है। इस मामले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर ने शराब निर्माता कंपनी के आरोपी बनाने के लिए आवेदन लगाया था। मामले पर ED की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई। अनवर ढेबर के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि ED शराब निर्माताओं क्यों बचाना चाहती है? वहीं 25 जनवरी को अनवर के वकील रिजॉइंडर सबमिशन करेंगे। शराब कंपनियों को भी आरोपी बनाने की मांग बता दें कि आवेदन में भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज और वेलकम डिस्टलरीज फर्म और उनके मालिक के साथ अन्य लोगों को आरोपी बनाने की मांग है। अनवर ढेबर की ओर से पैरवी दिल्ली आए वकील अनुराग अहलूवालिया ने की है। वहीं ED की ओर से सौरभ पांडेय ने पक्ष रखा। शराब निर्माता कंपनी ने 1200 करोड़ कमाए, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं अनवर के वकील ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हुए आबकारी मामले में ED ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि घोटाले में 1200 करोड़ रुपए की राशि शराब निर्माता कंपनियों ने कमाए हैं। अगर ऐसा हुआ है तो अब तक शराब निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही की गई है। ED और ACB-EOW इस मामले में जांच कर रही है। लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई चालान पेश नहीं किया गया और ना ही शराब निर्माता कंपनियों के मालिकों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। आखिर ED शराब निर्माता कंपनियों को क्यों बचाना चाहती है? वकील ने कहा कि कोर्ट ने हमारा तर्क सुना है। कोर्ट में रिजॉइंडर सबमिशन के लिए समय मांगा है। 25 जनवरी को हम अपना रिजॉइंडर सबमिशन करेंगे। जांच जारी है जरूरत पढ़ने पर कार्रवाई की जाएगी ED के वकील सौरभ पांडेय ने कोर्ट ने अपना पक्ष रखने हुए कहा कि शराब घोटाले मामले में इन्वेस्टिगेशन जारी है। अब तक ED की ओर से 9 लोगों के खिलाफ हमें एविडेंस मिले, उनके खिलाफ चालान पेश किया गया था। जिन लोगों के खिलाफ हमें उचित साक्ष्य मिलते जाएंगे और हम उन्हें अरेस्ट भी करेंगे और समय पड़ने पर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान भी पेश किया जाएगा। हमने शुरू से ही कहा कि केवल शराब निर्माता के खिलाफ ही ही क्यों, इसके अतिरिक्त भी किसी की संलिप्तता पाई जाती है तो उनके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे। अब तक तीनों डिस्टलरीज पर नहीं हुआ एक्शन छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले मामले में डिस्टलरीज की भी बड़ी भूमिका रही है। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और EOW ने तीनों डिस्टलरी के संचालकों और उनसे संबंधित लोगों पर अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है। ना ही अब तक इस मामले पर किसी की गिरफ्तारी हुई है। नकली शराब बनाने से लेकर नकली होलोग्राम लगाने तक छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में शराब निर्माता कंपनियों में नकली शराब बनाने से लेकर, फर्जी होलोग्राम लगाने का काम किया जाता था। वहीं प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ की डिस्टलरियों को नकली होलोग्राम उपलब्ध कराए थे। इन होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। यूपी STF की पूछताछ में हुआ था खुलासा छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस से जुड़े नकली होलोग्राम मामले में अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से यूपी STF ने पूछताछ की थी। इसमें खुलासा किया था कि सबसे बड़ी बेनिफिशरी डिस्टलरी कंपनियां (शराब निर्माता कंपनियां) थीं। दोनों ने अफसरों को यह भी बताया कि, नोएडा स्थित विधु की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (PHSF) को होलोग्राम बनाने का टेंडर मिला था। उसी से डूप्लीकेट होलोग्राम बनाकर इन तीनों डिस्टलरीज को भेजा जाता था। वहां से अवैध शराब पर इन होलोग्राम को लगाया जाता था। वहीं यूपी STF ने पहले 2 बार पूछताछ के लिए तीनों डिस्टलरीज को लखनऊ बुलाया था, लेकिन तीनों कंपनियों के मालिक पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे। ……………………………………….. छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें अनवर ढेबर के रिश्तेदार के घर ED की रेड: गरियाबंद में तड़के 10 गाड़ियों में पहुंचे अफसर; रायपुर में चावल कारोबारी के घर दबिश गरियाबंद जिले के मैनपुर में ED ने कारोबारी इकबाल मेमन के घर छापा मारा है। टीम आज (बुधवार) सुबह 6 बजे 10 से ज्यादा गाड़ियों में कारोबारी के घर पहुंची। टीम घर में प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है। इकबाल मेमन छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर का रिश्तेदार (मौसा) बताया जा रहा है। वहीं रायपुर के मौदहापारा में चावल कारोबारी रफीक मेमन के घर भी दबिश दी गई है। पढ़ें पूरी खबर