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Saturday, March 15, 2025

साउथ कोरिया में राष्ट्रपति का हटना लगभग तय:महाभियोग चलाने में साथ दे सकती है सत्ताधारी पार्टी; राष्ट्रपति ने देश में मार्शल लॉ लगाया था

साउथ कोरिया की सत्ताधारी पार्टी ने राष्ट्रपति यून सुक-योल पर महाभियोग चलाने के संकेत दिए हैं। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक पीपुल्स पावर पार्टी के महासचिव हान डोंग-हुन ने कहा कि वे राष्ट्रपति की संवैधिानिक शक्ति को कम करने के लिए तैयार हो गए हैं। सत्ताधारी पार्टी पीपुल्स पावर पार्टी के नेता डोंग-हुन ने गुरुवार को कहा- मुझे जानकारी मिली है कि राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने के दौरान कई नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए सेना का इस्तेमाल करने की कोशिश की थी। डोंग-हुन ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि राष्ट्रपति की ताकत को कम किया जाए नहीं तो वह फिर से मार्शल लॉ लागू करने जैसा खतरनाक कदम उठा सकते हैं। इससे देश और नागरिकों को खतरा हो सकता है। राष्ट्रपति ने लागू किया मार्शल लॉ, 6 घंटे में हटा साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू कर दिया था। उन्होंने विपक्षी पार्टी पर उत्तर कोरिया के साथ सांठगांठ रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया। हालांकि यह सिर्फ 6 घंटे ही रह पाया क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने संसद में वोटिंग कराकर इसे पलट दिया। इसके बाद से विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति यून से इस्तीफा मांग रही हैं। 6 पार्टियों ने मिलकर राष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शनिवार को इस पर वोटिंग हो सकती है। इससे पहले सत्ताधारी पार्टी ने राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने से इनकार कर दिया था। डांग-हुन ने गुरुवार को कहा था कि वे महाभियोग के प्रस्ताव को खारिज करने की कोशिश करेंगे। हालांकि तब भी उन्होंने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ को लागू करने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया था। राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग सफल होगा? साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लागू होने के अगले ही दिन विपक्षी दलों ने मिलकर राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। विपक्षी दलों के पास कुल 192 सांसद हैं। 300 सीटों वाले कोरियाई संसद में महाभियोग चलाने के लिए दो-तिहाई यानी कि 200 सांसदों की जरूरत होती है। पीपुल्स पार्टी के पास 108 सीटें हैं। विपक्षी पार्टियों को महाभियोग चलाने के लिए सिर्फ 8 वोटों की जरूरत है। सत्ताधारी पीपुल्स पार्टी के महासचिव डांग-हुन के बयान के बाद माना जा रहा है कि पार्टी के कुछ विरोधी नेता राष्ट्रपति को हटाने के लिए महाभियोग का समर्थन कर सकते हैं। राष्ट्रपति यून के करीबी थे डांग-हुन, पत्नी की वजह से रिश्ते में खटास आया डांग-हुन को पहले राष्ट्रपति यून का करीबी माना जाता था, क्योंकि दोनों ने वकालत करते हुए कई साल साथ काम किया था। डांग-हुन पहले राष्ट्रपति यून की सरकार में कानून मंत्री के पद पर थे, लेकिन पीपुल्स पार्टी का महासचिव बनने के बाद दोनों के संबंध काफी खराब हो गए हैं। डांग-हुन, राष्ट्रपति की पत्नी से जुड़े घोटालों को लेकर काफी नाराज माने जाते हैं। उनका मानना है कि इससे पार्टी की छवि पर बुरा असर पड़ा है। दक्षिण कोरिया में सिर्फ 6 घंटे में ही क्यों खत्म हुआ मार्शल लॉ राष्ट्रपति योल के मार्शल लॉ के ऐलान के बाद पूरा विपक्ष थोड़ी ही देर में संसद पहुंच गया। मार्शल लॉ कानून को हटाने के लिए संसद में 150 से ज्यादा सांसद होने चाहिए। जब तक सेना संसद पर कब्जे के लिए पहुंची पर्याप्त सांसद संसद पहुंच चुके थे और कार्यवाही शुरू हो गई थी। हालांकि, सेना ने कार्यवाही रोकने की कोशिश की। सांसद में वोटिंग के लिए जा रहे कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया गया। अंदर घुसने के लिए संसद की खिड़कियां तोड़नी शुरू कीं। लेकिन, जब तक जवान भीतर पहुंचते, नेशनल असेंबली के 300 में से 190 सांसदों ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ वाले प्रस्ताव को मतदान कर गिरा दिया। दक्षिण कोरिया के संविधान के मुताबिक अगर संसद में सांसदों का बहुमत देश में मार्शल लॉ हटाने की मांग करता है तो सरकार को इसे मानना होगा। संविधान के इसी प्रावधान का विपक्षी नेताओं को फायदा मिला और सेना को अपनी कार्यवाही रोकनी पड़ी। सेना ने तुरंत संसद को खाली कर दिया और वापस लौट गए। संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर और सड़क पर मिलिट्री टैंक तैनात थे, उन्हें वापस जाना पड़ा। राष्ट्रपति योल को मार्शल लॉ लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? दक्षिण कोरिया की संसद में कुल 300 सीटें हैं। इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में जनता ने विपक्षी पार्टी DPK को भारी जनादेश दिया था। सत्ताधारी पीपल पावर को सिर्फ 108 सीटें मिलीं, जबकि विपक्षी पार्टी DPK को 170 सीटें मिलीं। बहुमत में होने की वजह से विपक्षी DPK, राष्ट्रपति सरकार के कामकाज में ज्यादा दखल दे रही थी, और वे अपने एजेंडे के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे थे। राष्ट्रपति योल ने 2022 में मामूली अंतर से चुनाव जीता था। इसके बाद से उनकी लोकप्रियता घटती चली गई। उनकी पत्नी के कई विवादों में फंसने की वजह से भी उनकी इमेज पर असर पड़ा। फिलहाल राष्ट्रपति की लोकप्रियता 17% के करीब है, जो कि देश के तमाम राष्ट्रपतियों में सबसे कम है। इन सबसे निपटने के लिए राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगा दिया। ………………………………………….. दक्षिण कोरिया से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… साउथ कोरिया में राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाया:सेना संसद घेरने पहुंची, लेकिन तब तक सांसद वोटिंग कर चुके थे; 6 घंटे में वापस लेना पड़ा साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने का आदेश वापस ले लिया है। राष्ट्रपति ने 3 दिसंबर की शाम 7 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे और अराजकता की स्थिति पैदा हो गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें… ……………………………………………………. साउथ कोरिया में रक्षा मंत्री का इस्तीफा:मार्शल लॉ लगाने की जिम्मेदारी ली, कहा- मैंने संसद में सेना भेजी; देश में नया डिफेंस मिनिस्टर नियुक्त साउथ कोरिया में मार्शल लॉ को लेकर हो रहे विवाद के बीच रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने 5 दिसंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कोरियाई न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक किम योंग ने कहा कि वे देश में हुई भारी उथल-पुथल की जिम्मेदारी ले रहे हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति यून सुक योल ने रक्षा मंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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