छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गृह जिले मनेंद्रगढ़ में खाट पर लिटाकर मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं सरगुजा में भी गर्भवती महिला को एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजन 7 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाए। दोनों घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। मामले कांग्रेस के पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि घटना सरकार की विफलता का प्रमाण है। जब मंत्री के क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, तो अन्य इलाकों की हालत क्या होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। पहला मामला- मनेंद्रगढ़ में खाट पर मरीज दरअसल, मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के छिपछिपी गांव की एक घायल महिला रोहिणी प्रसाद को शनिवार शाम को एंबुलेंस सेवा नहीं मिलने के कारण खाट पर रखकर मनेन्द्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाना पड़ा। बताया जा रहा है कि महिला का पैर बैलों की लड़ाई के दौरान टूट गया था। 16 घंटे बाद भी इलाज नसीब नहीं हुआ परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा पर संपर्क किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। इसके बाद मजबूरन परिजनों ने महिला को खाट पर लिटाकर मनेंद्रगढ़ अस्पताल पहुंचाया, लेकिन बदहाली ऐसी है कि महिला को 16 घंटे बाद भी इलाज नसीब नहीं हुआ। महिला रोहिणी प्रसाद का अभी तक एक्सरे नहीं हो पाया। गुलाब कमरो ने सरकार और मंत्री को घेरा पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है। मंत्री के क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, तो अन्य इलाकों की हालत क्या होगी। स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह घटना न केवल प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि राज्य की प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं पर भी सवाल खड़े करती है। दूसरा मामला- सरगुजा में गर्भवती महिला को नहीं मिली एंबुलेंस दरअसल, सरगुजा जिले के लखनपुर क्षेत्र में गर्भवती महिला को कांवड़ पर ढोकर ग्रामीण 7 किलोमीटर पैदल चले, तब उन्हें एंबुलेंस मिल सकी। महिला को कुन्नी अस्पताल लाया गया, जहां उसका प्रसव हुआ। स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह इलाका लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र में है, जहां कई गांव और टोले पहुंचविहीन हैं। ग्राम कुर्मेन के बरढोंड़गा पारा के पारस मझवार की पत्नी बिनी मझवार को प्रसव पीड़ा शनिवार दोपहर शुरू हुई। परिवारजनों ने एंबुलेंस को फोन किया , लेकिन एंबुलेंस ग्राम तिरकेला के कुरमेन तक पहुंची। आगे सड़क खराब और पहाड़ी रास्ता होने के कारण गर्भवती को एंबुलेंस तक लाने कहा गया। वनमार्ग, इसलिए नहीं बनी सड़क ग्राम पंचायत तिरकेला से कुर्मेन 4 किलोमीटर है। कुर्मेन में 25 घर हैं। गर्भवती महिला बरढोंढगा पारा की थी, जो कुर्मेन से तीन किलोमीटर दूर है। वहां सिर्फ तीन परिवार हैं। सड़क के लिए प्रस्ताव दिया गया लखनपुर सीईओ वेद प्रकाश पांडेय ने बताया कि तिरकेला से कुर्मेन वनमार्ग है, जिस कारण सड़क नहीं बन पा रही है। लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने कहा कि कई पहुंचविहीन गांवों और टोलों तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। इनमें कुर्मेन तक सड़क भी शामिल है। ………………… छत्तीसगढ़ में इससे संबंधित और भी खबरें पढ़ें छत्तीसगढ़ में कांवड़ पर मरीज…हाईकोर्ट ने CS से मांगा जवाब: मलेरिया-डायरिया से अब तक 11 मौतें; दो सगे भाइयों ने दम तोड़ा,FIR पर अड़ा परिवार छत्तीसगढ़ में मलेरिया से हो रही मौतों को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट गंभीर है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं में अव्यवस्था को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। इस मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से जवाब मांगा है। कोटा ब्लॉक में मरीज को कांवड़ से ढोने की खबर पर भी कोर्ट ने संज्ञान लिया है। पढ़ें पूरी खबर…