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Tuesday, January 14, 2025

हिस्ट्रीशीटर जोश के बदन में धंसी DSP की 8 गोलियां:रायपुर में इसी तरह मारा गया था बमबाज मुन्ना; एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी

8 नवंबर को भिलाई में पुलिस ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अमित जोश को एनकाउंटर किया। 9 तारीख को शव का पोस्टमॉर्टम हुआ, पता चला कि अमित जोश के शरीर में 8 गोलियां लगी हैं जो DSP की हैं। 1988 में रायपुर में भी ऐसा ही एनकाउंटर हुआ था। बमबाज मुन्ना तिवारी को इनडोर स्टेडियम वाले इलाके में मारा गया था। आपको बताते हैं अमित जोश और बमबाज मुन्ना को ढेर करने वाले अफसर की कहानी उन्हीं की जुबानी….. 36 वारदातों को अंजाम देने वाले हिस्ट्रीशीटर अमित जोश को ढेर करने वाली टीम के सदस्यों ने बताया कि शुक्रवार की शाम साढ़े 4 बजे ACCU के दो कॉन्स्टेबल को अमित भिलाई के जयंती स्टेडियम के पास दिखा। करीब पौने 5 बजे वायरलेस से बदमाश अमित जोश की लोकेशन के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद एंटी साइबर एंड क्राइम यूनिट (ACCU) के टीआई तापेश नेताम समेत चार लोग गाड़ी से टाउनशिप में सर्चिंग पर निकले। गाड़ी डीएसपी क्राइम हेमप्रकाश नायक चला रहे थे। बैकअप टीम को भी सूचना दे दी गई और 15 मिनट में करीब 5.10 बजे जयंती स्टेडियम के पीछे पहुंचे। अमित जोश ने पुलिस की गाड़ी को पहचान लिया और जंगल की ओर भागने लगा। डीएसपी नायक गाड़ी से उतरने वाले थे कि अमित ने ड्राइवर सीट की तरफ एक के बाद एक दो फायर किए। पहली गोली दरवाजे में अटक गई, लेकिन दूसरी गोली नायक के पैर के पास से गुजरी और डेस्क बोर्ड में घुस गई। जवाबी फायरिंग में ढेर हो गया अमित जोश गाड़ी में ब्लैक फिल्म लगी हुई थी और बाहर से अंदर का कुछ नहीं दिख रहा था। इसका फायदा उठाकर डीएसपी क्राइम ड्राइविंग सीट से पीछे की तरफ आए और जवाबी फायरिंग शुरू की। DSP क्राइम के साथ निरीक्षक तापेश नेताम ने भी मोर्चा संभाला। डीएसपी क्राइम की पहली गोली अमित के पैर में लगी, लेकिन उसके बाद भी उसने फायरिंग नहीं रोकी। करीब 5 से 6 राउंड फायर किए। इस बीच पुलिस की ओर से भी करीब 15-16 फायर किए गए, जिसमें अमित जोश मौके पर ही ढेर हो गया। हेमप्रकाश नायक के साथ एनकाउंटर में ACCU निरीक्षक तापेश नेताम, SSI पूर्ण बहादुर, कॉन्स्टेबल अनूप शर्मा, संतोष गुप्ता, बाल मुकुंद, पन्ने गुरमीत और जुगनू शामिल थे। वहीं भिलाई CSP सत्यप्रकाश तिवारी ने दैनिक भास्कर से जोश को 8 गोली लगने की पुष्टि की है। अमित जोश की ही तरह 1988 में रायपुर में एक एनकाउंटर हुआ। मुन्ना का एनकाउंटर करने वाले तत्कालीन ASI और रिटायर्ड CSP राजीव शर्मा ने दैनिक भास्कर ने बात की। राजीव शर्मा बताते हैं कि, मुन्ना तिवारी, लल्लू तिवारी और उसके दो तीन और भाई थे। इन आरोपियों पर हत्या, हत्या की कोशिश, पुलिस पर जानलेवा हमला करने के अपराध दर्ज थे। ये सभी फरार चल रहे थे। सभी निगरानी बदमाश के खिलाफ 30-32 मामले पेंडिंग थे। उन्होंने खुलेआम रमेश हेमनानी नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी थी। बम हमले में कॉन्स्टेबल का हाथ शरीर से अलग शातिर बदमाशों ने एक और हत्या की। इस बार बैजनाथ पारा इलाके के छिब्बन पर खुलेआम बम से हमला किया गया। यहां तक की आरोपियों ने कोर्ट परिसर में भी युवक पर जानलेवा हमला किया था। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी मुन्ना ने पुलिस पर ही बम फेंक दिया। इस बम अटैक में एक कॉन्स्टेबल का हाथ शरीर से अलग हो गया था। शर्मा बताते हैं कि, हमले में उन्हें भी चोट आई थी। इसके बाद पुलिस की टीम मुन्ना के घर से वापस लौट गई। 20-25 पुलिसकर्मियों ने आरोपी को घेरा पुलिस पर हमला करने के बाद मुन्ना अंबा देवी मंदिर के पीछे यानी इनडोर स्टेडियम वाले इलाके में छिप गया। तीन दिन बाद पुलिस को जानकारी लगी और एएसपी-डीएसपी लेवल के अफसर समेत 20-25 पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया। पुलिस को देखते ही मुन्ना ने फायरिंग शुरू कर दी जिसमें उप निरीक्षक को चोंट आई। इसके बाद राजीव शर्मा और आरके शुक्ला ने भी फायरिंग की। इस फायरिंग में मुन्ना तिवारी को गोलियां लगी, जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अपराधियों के हौसले बुलंद होने की वजह टीआई और बड़े अधिकारी दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान रिटायर्ड CSP राजीव शर्मा ने कहा कि कोई अपराधी एक दिन में बडा अपराधी नहीं बनता। छोटे-छोटे केसेस में जब आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होती, ताे उनके हौसले बुलंद होते हैं। अमित जोश या मुन्ना तिवारी भी पहले छोटे अपराधी थे, लेकिन समय पर इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अपराध को ग्लैमरस तरीके से ये करने लगे। ये कहना सही होगा कि अपराधियों को रसूखदारों का संरक्षण होता है। रसूखदारों के आगे थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारी मामूली कार्रवाई करके अपराधी को छोड़ देते हैं। छोटी- छोटी घटनाओं पर पुलिस को सख्त एक्शन लेना चाहिए। जोश एनकाउंटर..क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के लिए बनी टीम हिस्ट्रीशीटर अमित जोश का शव परिजनों को सुपुर्द करने के बाद पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से बीएसपी के सेक्टर-6 में पुलिस को तैनात किया है। एनकाउंटर की जांच करने और क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के लिए एसपी जितेंद्र शुक्ला ने 3 सदस्यों की टीम का गठन किया है। इस टीम की मॉनिटरिंग सिटी एएसपी सुखनंदन राठौर कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक आगामी दिनों में मानवाधिकार आयोग और मजिस्ट्रियल जांच होगी। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने इस पूरे मामले में मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने घटना से जुड़ी जानकारी भी ली है। एनकाउंटर से जुड़े कुछ और तथ्य आमतौर पर दो तरह के एनकाउंटर होते हैं, पहला कोई खतरनाक अपराधी कस्टडी से भागने की कोशिश करता है तब उसे रोकने के लिए बंदूक का इस्तेमाल होता है। दूसरा, जब पुलिस किसी अपराधी को पकड़ने जाती है और वो पुलिस से बचने के लिए भागता है तब जवाबी फायरिंग होती है। जब एनकाउंटर की स्थिति बनती है तो पुलिस पहले उसे चेतावनी देती है इसके बाद हवाई फायर करती है। अगर इस पर भी अपराधी नहीं रुकता है और भागने की कोशिश करता है या पुलिस पर हमला करता है तो उसके पैर पर गोली मारी जाती है। इसके बाद ही शरीर के बाकी हिस्सो में फायरिंग की जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में एनकाउंटर की जांच को अनिवार्य किया था। ये जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाती है और जांच खत्म होने तक इसमें शामिल पुलिसकर्मियों को प्रमोशन या वीरता पुरस्कार नहीं मिलता। क्या हैं सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन? सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन के अनुसार, सीआरपीसी की धारा 176 के तहत हर एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट से जांच अनिवार्य होती है। पुलिसकर्मियों को हर एनकाउंटर के बाद इस्तेमाल किए गए हथियार और गोलियों का हिसाब देना होता है। ………………… अमित जोश से संबंधित और भी खबरें पढ़िए… 1. अमित जोश एनकाउंटर केस…3 सदस्यीय टीम करेगी जांच: भिलाई पुलिस ने 16 राउंड की फायरिंग, क्राइम सीन से ब्लड सैंपल, बुलेट और 8 खोखे जब्त छत्तीसगढ़ के भिलाई में पुलिस ने कुख्यात अपराधी अमित जोश को एनकाउंटर में मार गिराया है। पुलिस ने 16 राउंड फायरिंग की है। वहीं अमित ने 6-7 बार गोली चलाई है। एक गोली पुलिस की गाड़ी में भी धंसी। दुर्ग SP जितेंद्र शुक्ला ने क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के लिए 3 सदस्यीय टीम गठित की गई है। मॉनिटरिंग सिटी ASP सुखनंदन राठौर कर रहे हैं। यहां पढ़िए पूरी खबर…. 2. भिलाई में बदमाश अमित जोश का एनकाउंटर: SP बोले-भागते हुए पुलिस पर चलाई गोलियां, जवाब में लगी 3 बुलेट, 35 से ज्यादा केस थे दर्ज छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने भिलाई में पहला एनकाउंटर किया है। भिलाई क्राइम ब्रांच की टीम ने निगरानी बदमाश अमित जोश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। ACCU की टीम पकड़ने गई थी, तभी आरोपी ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में 3 गोलियां लगने से अमित जोश मारा गया है। मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है। यहां पढ़िए पूरी खबर…

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