हेल्थ सेक्रेटरी बनाए गए कटारिया…बंसल बने CM सेक्रेटरी:PM से काला चश्मा लगाकर मिले थे IAS अमित, भाजपाइयों को कहा था- गेट आउट

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प्रतिनियुक्ति से लौटे IAS अमित कटारिया को स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य सचिव बनाया गया है। वहीं IAS मुकेश बंसल को मुख्यमंत्री के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने छुट्टी के दिन यानी रविवार को मंत्रालय से आदेश जारी किया है। दरअसल, कटारिया को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। कटारिया वही IAS है, जो PM मोदी से काला चश्मा लगाकर मिले थे, जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था। उन्हें नोटिस भी थमाया गया था। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी नेता को ‘गेट आउट’ भी कहा था। देखिए आदेश… पढ़िए कटारिया के करियर की टॉप कंट्रोवर्सी ये हुआ था उस दिन साल 2015 के मई माह में बस्तर दौरे पर PM नरेंद्र मोदी आए। तब डॉ रमन सिंह CM थे। बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया थे। एयरपोर्ट पर PM का स्वागत किया गया। PM मोदी विशेष विमान से जगदलपुर पहुंचे तो मुख्यमंत्री के साथ कटारिया ने उनका स्वागत किया और हाथ मिलाया। कलेक्टर ने उस वक्त नीली शर्ट पहनी थी और एक खास ब्रांड का महंगा काला चश्मा लगाए हुए थे, जिसमें ज्यादातर अफसर आमतौर से नजर आते हैं। यहां से पीएम हेलीकॉप्टर से दंतेवाड़ा गए। वहां कलेक्टर देवसेनापति ने उनकी अगवानी की, तब वे भी ऐसी ही शर्ट और चश्मे में थे। ऐसे पहनावे को राज्य शासन ने सर्विस रूल्स और प्रोटोकॉल के खिलाफ माना। सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों कलेक्टरों को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी भी दी कि भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए। तब CM रहे डॉ रमन सिंह ने कहा था- प्रधानमंत्री के दौरों में अफसरों को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। नए कलेक्टर हैं, इसलिए समझाना जरूरी था। कटारिया का चश्मा लगाकर PM से मिलना, PM के बस्तर दौरे से बड़ा राष्ट्रीय समाचार बन चुका था। बीजेपी नेता को कहा था ‘गेट आउट’ …………………………… IAS कटारिया से संबंधित और भी खबर पढ़ें 1 रुपए सैलरी लेने वाले IAS की छत्तीसगढ़ वापसी: प्रधानमंत्री से काला चश्मा लगाकर मिले तो मचा था बवाल; भाजपाइयों को कहा था-गेट आउट सेंट्रल डेपुटेशन से IAS अमित कटारिया लौट आए हैं। करीब 7 सालों से छत्तीसगढ़ से बाहर रहे कटारिया ने मंत्रालय में अपनी जॉइनिंग दे दी है। कटारिया जितने दिन छत्तीसगढ़ में रहे चर्चा में ही रहे। जब प्रदेश में थे तब शुरू-शुरू में सैलरी के रूप में सिर्फ 1 रुपए लिया करते थे। तब अपनी जॉब को सेवा मानकर किया करते थे। पढ़ें पूरी खबर…

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