आज दीपावली है और पूरे देश में करोड़ों लोग इस त्योहार की खुशियां मनाने और बांटने में व्यस्त हैं।। त्योहारों पर खुशियों को अनुभव करने और करीबियों के साथ साझा करने का खास तरीका होता है। दीपावली पर पटाखे जलाकर सेलिब्रेट करना इनमें से एक है। छत्तीसगढ़ समेत अन्य जगहों पर आतिशबाजी और पटाखे की आवाज गूंजने लगी है। गली-मोहल्ले में जमकर पटाखे फोड़े जा रहे हैं। लेकिन कई बार पटाखे से लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं। पटाखों से चोट लग जाती है या झुलस जाते हैं। समस्या तब और बड़ी जाती है, जब हम खुद पर प्रयोग करने लग जाते हैं। यानी हादसा होने पर जल्द राहत पाने की जुगत में दूसरों की सलाह पर या खुद ही उपचार के नाम पर कुछ ऐसा कर बैठते हैं, जो बाद में तकलीफ को और बढ़ाता है। ऐसे में दीपावली पर दुर्भाग्यवश कुछ हो जाए तो डु एंड डोन्ट़स मालूम होने चाहिए। यानी पटाखे जलाने का सही तरीका, पटाखों से जल जाने पर प्राइमरी ट्रीटमेंट, लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के हेल्पलाइन नंबर्स और हॉस्पिटल की स्थिति की जानकारी होनी चाहिए। आपकी दीपावली सेफ और हैप्पी रहे, इसलिए इस रिपोर्ट में कुछ टिप्स और स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल आपके साथ शेयर कर रहे हैं:- फर्स्ट टिप: पटाखों के साथ छेड़खानी न करें, ये खतरनाक दीपावली पर खुशियों में ग्रहण कब लगता है, जब पटाखों से आप या आपका अपना काेई जल जाए। इसलिए जरूरी है कि पटाखों को सावधानी के साथ जलाएं। रायपुर के पटाखा व्यापारी अभिषेक शर्मा बताते हैं कि इन दोनों मार्केट में चीनी पटाखे ना के बराबर हैं। वहीं जो कुछ मार्केट में आए भी है उनकी बिक्री मुश्किल से हो रही है। कारण, यह सेफ नहीं होते। इंडियन मेड पटाखे सेफ भी हैं और इको फ्रेंडली भी। लेकिन ये भी खतरनाक हो सकते हैं अगर इन पटाखों के साथ छेड़खानी की जाए। इसलिए जरूरी है कि पटाखों को हाथ में लेकर या अन्य ऐसे दूसरे तरीके से ना जलाएं जो उनके प्रकृति के उलट है। जैसे रॉकेट, अनार दाना या किसी दूसरे पटाखे को हाथ में लेकर जलाना। सेकेंड टिप: ट्रेडिशनल मेथेड सेफ है, प्रोसिजर फॉलो करें अभिषेक शर्मा बताते हैं कि पटाखे जलाने का सबसे सेफ तरीका यह है कि हम ट्रेडिशनल मेथड फॉलो करें। यानी लाइटर या माचिस से सीधे पटाखों को जलाने के बजाय अगरबत्ती या फुलझड़ी का उपयोग करें। इसके अलावा कुछ पटाखे जल्दी जलते हैं। ऐसे में ध्यान रखें कि जब भी आप इस तरह के पटाखे को जला रहे हैं तो आपके के आसपास के 20 मीटर का रेडियस खाली हो। ताकि आप पटाखा जलाने के बाद तुरंत पीछे सेफली भाग सके। अब ये समझिए कि हादसा हो जाए तो क्या करना है… थर्ड टिप: जले पर टूथपेस्ट रब करने जैसा प्रयोग न करें रायपुर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल के ENT विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मान्या ठाकुर बताती हैं कि कई लोग झुलस जाने या जल जाने पर प्राथमिक उपचार के तौर पर टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। ये गलत है। प्राथमिक उपचार के तौर पर सबसे पहले पटाखे से जल जाने वाले स्थान पर ठंडे पानी से धो लेना चाहिए। घर में किसी भी तरह का लेप लगाना सही नहीं होता है। कोशिश करनी चाहिए कि अपने निकटतम डॉक्टर से संपर्क करें। फोर्थ टिप: दीपावली जोर से मनाइए, शोर से नहीं डॉ मान्या कहती हैं कि दीपावली जोर से मनाएं, शोर से नहीं। यानी ज्यादा बारूद और तेज आवाज वाले पटाखों से बचना चाहिए। बारूद जलने से निकलने वाला धुआं आंखों-गले में जलन पैदा कर सकता है। कानों की सेफ्टी के लिए कम आवाज और स्काई शॉट वाले पटाखे प्रिफर करना चाहिए। वहीं बुजुर्गों, अस्थमा या एलर्जी के मरीज, 2 साल से छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को फायर शो से दूर रखना ही सबसे बेस्ट है। फिफ्थ टिप: ड्रेस कोड फॉलो करें, ये बहुत जरूरी पटाखे जलाते वक्त भी ड्रेस कोड फॉलो करना बहुत जरूरी है। ढीले या लहराते कपड़े (जैसे दुपट्टा, लंबा कुर्ता, साड़ी का पल्लू, या खुली बाजू वाले कपड़े) आसानी से आग पकड़ सकते हैं। पटाखे जलाते समय जब चिंगारी या जलती फुलझड़ी उड़ती है, तो ये कपड़ों से टकराकर कपड़े में आग लगा सकती हैं। वहीं व्यक्ति कॉटन के फिट कपड़े पहनता, तो चिंगारी गिरने के बाद भी जल्दी बुझ जाती और बड़ा हादसा नहीं होता। आखिरी टिप: इमरजेंसी यूटिलिटी किट तैयार रखिए फेस्टिव इमरजेंसी यूटिलिटी किट तैयार करके रखिए। इसमें दिवाली के दौरान जरूरी सेफ्टी और मेडिकल आइटम्स रखे जाते हैं। ये किट घर में ऐसी जगह रखिए, जहां से जरूरत पड़ने पर तुरंत इस्तेमाल की जा सके। परिवार के सभी सदस्यों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। दिवाली में पटाखों, दीयों और बिजली की सजावट से हादसों का खतरा बढ़ जाता है। अगर ये किट पहले से तैयार हो, तो छोटी-मोटी चोट, जलन या बिजली कट जैसी समस्याओं से तुरंत निपटा जा सकता है। ये किट समझदारी का छोटा-सा कदम है, जो बड़े हादसों को रोकता है। अस्पतालों और इमरजेंसी नंबर के बारे में भी जान लीजिए… मेकाहारा में आज OPD बंद, इमरजेंसी सर्विस 24 घंटे दीपावली पर आज यानी 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में शासकीय छुट्टी है। इस दिन अस्पताल का बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) बंद है। लेकिन मरीजों की सुविधा के लिए आपात चिकित्सा (इमर्जेंसी) विभाग 24 घंटे चालू रहेगा। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इमर्जेंसी में इलाज के लिए पर्याप्त डॉक्टर, स्टाफ और जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था की गई है। वहीं 21 अक्टूबर (मंगलवार) को ओपीडी सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सीमित समय के लिए खोली जाएगी ताकि जरूरतमंद मरीज इलाज करा सकें। DKS में तीन शिफ्ट में स्पेशल डॉक्टर ड्यूटी करेंगे डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल प्रबंधन की टीम ने बताया कि 20 और 21 अक्टूबर दोनों ही दिन तीन शिफ्ट में बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में स्पेशल डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई है। ताकि कोई भी समस्या होने पर तुरंत मरीजों को इलाज मिल सके। शहर के अस्पतालों में बेड की उपलब्धता मेकाहारा के इमरजेंसी में-20 बिस्तर
जिला अस्पताल पंडरी-10 बिस्तर
सिविल अस्पताल राखी-5 बिस्तर
सिविल अस्पताल माना-5 बिस्तर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्राथमिक उपचार की सुविधा ये इमरजेंसी नंबर नोट कर लें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन: 1076
राज्य अग्निशमन और आपातकालीन सेवा (नियंत्रण कक्ष): 771-2512330, 771-2512331, 771-2512332, 771-2512333
108 आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा: 108 (यह एक सामान्य नंबर है जो स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए है)
रायपुर जिला कॉल सेंटर: 9977222564, 9977222574, 9977222584, 9977222594
इसके अतिरिक्त, रायपुर जिला कॉल सेंटर के भी संपर्क नंबर हैं: 9977222564, 9977222574, 9977222584, 9977222594 स्वीपिंग मशीन से होगी भी सफाई रायपुर नगर निगम के अफसरों ने बताया कि दीपावली त्योहार के दौरान शहर में सफाई व्यवस्था रोजाना की तरह रहेगी। सफाईकर्मी नियमित जो सफाई करते हैं वैसे ही काम चलता रहेगा। इसके अलावा स्वीपिंग मशीन शहर की अन्य सड़कों में चलाई जाएगी। रोजाना के मुकाबले दीपावली और उसके अगले दिन शहर के अलग-अलग इलाकों में शिपिंग मशीन से सफाई का काम होगा ताकि शहरों में कचरा ना रहे। वहीं दीपावली से पहले शहर के 100 से अधिक स्थान पर स्ट्रीट लाइट सुधारी गई है।