लगातार मूसलाधार बारिश के कारण शिवनाथ नदी उफान पर है। इसका पानी तट पार करते हुए पास में गांवों में प्रवेश कर गया। इस कारण करीब 11 गांवों जलमग्न हो गए। जिला मुख्यालय के कई गांव तो टापू बन गए। राहत और बचाव के लिए जिला प्रशासन ने 17 अस्थायी कैम्प खोले हैं। इन कैंपों में करीब ढाई सौ परिवारों को ठहराया गया है। ग्रामीण के मुताबिक करीब 30 साल बाद इलाके में बाढ़ जैसे हालात देखे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राजनांदगांव, डोंगरगढ़ और छुरिया विकासखंड है। मोहड़, हल्दी, धमनसरा, सिंगदाई, भवरमरा जैसे गांवों में पानी ही पानी दिख रहा है। सिस्टम मप्र की ओर बढ़ा, भारी बारिश के आसार नहीं
छत्तीसगढ़ में अब अगले दो-तीन दिन भारी बारिश के आसार नहीं है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार राज्य में सक्रिय सिस्टम मप्र की ओर बढ़ गया है। इस वजह से फिलहाल अभी बारिश से राहत रहेगी। मौसम शुष्क होने से तापमान में बढ़ोतरी होगी। इससे गर्मी परेशान करेगी। राज्य में पिछले तीन-चार दिन सक्रिय रहने के बाद सिस्टम मप्र की ओर बढ़ गया है। हालांकि समुद्र से नमी अभी भी आ रही है।इसके असर से उत्तरी और दक्षिण छत्तीसगढ़ में हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मध्य छत्तीसगढ़ यानी रायपुर और आस-पास के इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा। तीन चार दिन बाद ही नया सिस्टम सक्रिय होगा। उसके बाद बारिश होगी। तापमान भी बढ़ा
इस बीच, गुरुवार से तापमान में बढ़ोतरी शुरू होगी। बुधवार को राज्य के लगभग सभी जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री या उससे कम रिकार्ड किया गया है। गुरुवार से तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है। छत्तीसगढ़ के ज्यादातर राज्यों में सितंबर के अब तक के कोटे के हिसाब से बारिश हो चुकी है। कुछ जिलों में कोटे से ज्यादा भी पानी बरस गया है।