छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने आज गौरेला पेंड्रा मरवाही, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, कोरबा, जशपुर और रायगढ़ इन 8 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान यहां गरज चमक के साथ बिजली गिर सकती है। तेज हवाएं चल सकती है। इससे पहले बुधवार को प्रदेशभर में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। हालांकि सरगुजा के एक-दो जगहों पर भारी पानी बरसा है। सबसे ज्यादा 80MM बारिश रामानुजगंज में हुई है। वहीं आज (गुरुवार) से उत्तरी हिस्से को छोड़कर प्रदेश के अन्य जगहों पर बारिश और इससे जुड़ी एक्टिविटी में कमी आएगी। बलरामपुर में नदी-नाले उफान पर बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश से कन्हर नदी और आसपास के नाले उफान पर हैं। इससे निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गई है। क्षेत्र के सभी तालाब और बांध लबालब भर गए हैं। जल संसाधन विभाग की टीमें बांधों और जलाशयों की निगरानी कर रही हैं। जिले में अब तक 1455.5MM बारिश हो चुकी, जो सामान्य से 56% ज्यादा है। बेमेतरा में सामान्य से 50% कम पानी बरसा प्रदेश में अब तक 1055.8 मिमी बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में अब तक 490.6 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास हुई है। रपटा पार कर रहा युवक बाइक समेत बहा दो दिन पहले धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक में सिंगपुर पठार के पास रपटे में अचानक बाढ़ का पानी आ गया। जिसे पार कर रहा युवक बाइक सहित बह गया। हालांकि, उसे तैरना आता था इसलिए उसकी जान बच गई। क्यों गिरती है बिजली बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।
