छत्तीसगढ़ कांग्रेस पिछले 2 साल से बिना कोषाध्यक्ष के ही चल रही है। ED की रेड के बाद पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल पिछले 2 सालों से फरार चल रहे हैं। इसके बाद से ही कोई नियुक्ति नहीं हुई है। इस पर सिंहदेव ने भी एक सवाल के जवाब में कहा कि, पार्टी का बैकबोन थोड़ा हिला हुआ है। पार्टी में कोषाध्यक्ष नहीं रहने की वजह से दिक्कतें भी आ रही हैं। साल 2013 में रामगोपाल अग्रवाल को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 2023 में 2-3 बार उनके ठिकानों पर ED ने छापा मारा था। इसके बाद से ही वे नहींं दिखें हैं। पार्टी में क्यों जरूरी है कोषाध्यक्ष? किसी भी राजनीतिक दल में ऐसा व्यक्ति जो आधिकारिक रूप से पार्टी का अकाउंट संभालता है उसे कोषाध्यक्ष कहते हैं। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक उसका नाम बताना जरुरी होता है। पार्टी से जुड़े खर्चे और बैंक में कोषाध्यक्ष के दस्तखत जरूरी होते हैं। अधिकृत रूप से कोषाध्यक्ष के दस्तखत के बिना बड़े खर्च नहीं किए जा सकते। इसके बावजूद पिछले 2 सालों से इस पद की अनदेखी की गई है। संगठन की व्यवस्था के मुताबिक पार्टी में कोषाध्यक्ष का पद दूसरे नंबर का माना जाता है। अध्यक्ष जहां संगठन संभालते हैं, वहीं कोषाध्यक्ष का काम पार्टी की आर्थिक व्यवस्था मजबूत रखना और जरूरत पड़ने पर फंड की व्यवस्था से लेकर खर्च पर नजर बनाए रखने की होती है। पार्टी में लगे थे गबन के आरोप कांग्रेस सरकार जाने के बाद रामगोपाल वर्मा पर पार्टी के अंदर से ही गबन का आरोप लगा है। कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया ने दीपक बैज को चिट्ठी लिखी थी। इसमें 5 करोड़ 89 लाख रुपए के गबन करने की बात लिखी गई। सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा था कि रामगोपाल अग्रवाल ने अपने मित्र और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी टेसू मीडिया लैब गाजियाबाद को 5 करोड़ 89 लाख रुपए दिए हैं। ये रुपए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रभारी महामंत्री की जानकारी के बिना भुगतान किया गया था। सोशल मीडिया पर भी एक्टिव नहीं कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल सार्वजनिक तौर पर एक बैठक में दिखाई दिए। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर ये बैठक हुई थी। पार्टी में लेन-देन जुड़े मामलों के लिए वे यहां आए थे। वहीं दीपक बैज के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने पर 15 जुलाई 2023 की एक तस्वीर में भी वे साथ दिखे हैं। सोशल मीडिया में भी उनकी अभी तक की आखिरी पोस्ट ED की रेड के एक दिन पहले यानी 20 जुलाई 2023 की है। इसके बाद वे सोशल मीडिया में भी एक्टिव दिखाई नहीं दिए। पार्टी की बैठकों में भी उन्होंने आना बंद कर दिया। जांच एजेंसियों को भी उनकी तलाश की है। कोल लेवी मामले के अलावा शराब घोटाले और पार्टी से जुड़े फंड को लेकर उनसे पूछताछ हो सकती है लेकिन अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि वे कहां हैं। हालांकि उनके देश छोड़कर जाने की भी चर्चा है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं अग्रवाल रामगोपाल अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं। पिछली सरकार में संगठन के साथ ही सत्ता से जुड़े कई कार्यक्रमों में भी अग्रवाल भूपेश बघेल के साथ दिखाई देते थे। इतना ही नहीं दिल्ली में भी पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात के दौरान रामगोपाल अग्रवाल भूपेश बघेल के साथ ही दिखाई दिए। पार्टी पर क्या असर पड़ा? कांग्रेस ने साल 2023 के विधानसभा, 2024 के लोकसभा और हाल ही में दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव बिना कोषाध्यक्ष के ही लड़ा हैं। चर्चा है कि, अग्रवाल ED की गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहे हैं। पार्टी से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में कोषाध्यक्ष का कामकाज भी महामंत्री संभाल रहे हैं। डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का कहना है कि पार्टी ने किसी दूसरे व्यक्ति को बैंक सिग्नेचर के लिए अधिकृत कर दिया होगा। अब उनका दस्तखत चल रहा होगा। उन्होंने कहा कि कोषाध्यक्ष का पद पार्टी में दूसरे नंबर का होता है। जबकि उपाध्यक्ष का पद उनके बाद आता है। उन्होंने कहा कि पार्टी की बैकबोन थोड़ा हिला हुआ है। कब तक होगी नए कोषाध्यक्ष की नियुक्ति? पार्टी में जिलाध्यक्षों के अलावा संगठन में भी नियुक्ति की जानी है। AICC ने अब तक केवल 3 जिलाध्यक्षों की लिस्ट ही जारी की है। इस बारे में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि नए कोषाध्यक्ष का नाम हाईकमान को भेजा जा चुका है और अब AICC नामों का ऐलान करेगी। हालांकि मंगलवार को बैज दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दूसरे पदों के अलावा कोषाध्यक्ष पद के लिए भी नए नाम का ऐलान किया जा सकता है। ———————————— छत्तीसगढ़ कांग्रेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस ने 3 जिलाध्यक्ष बदले: बस्तर-ग्रामीण में प्रेमशंकर, मुंगेली में घनश्याम, रायगढ़-ग्रामीण में नागेंद्र को कमान; 30 जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने संगठन में बदलाव शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने 3 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। जिसमें मुंगेली, बस्तर ग्रामीण और रायगढ़ ग्रामीण शामिल है। पढ़ें पूरी खबर