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Saturday, December 21, 2024

क्या स्टार की वाइफ होने का फायदा मिलता है?:एक्ट्रेस पत्रलेखा बोलीं- सिर्फ राजकुमार राव की वाइफ नहीं, मेरी खुद की भी पहचान है

हाल ही में वेब सीरीज ‘IC- 814 कंधार हाईजैक’ की रिलीज के साथ चर्चा में आईं एक्ट्रेस पत्रलेखा ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने साफ कहा कि वो ‘राजकुमार राव की वाइफ’ के टैग से दूरी बनाकर खुद की पहचान बनाना चाहती हैं। पत्रलेखा ने अपने दम पर इंडस्ट्री में नाम कमाने की चाहत और स्ट्रगल के बारे में भी बात की। खुशी है कि हम एक ही इंडस्ट्री से हैं जब उनसे पूछा गया कि क्या वे और राजकुमार राव अपने प्रोजेक्ट्स पर बात करते हैं, तो पत्रलेखा ने कहा, ‘अक्सर ऐसा नहीं होता, क्योंकि कई बार स्क्रिप्ट इतनी बेहतरीन होती है या निर्देशक ऐसे होते हैं जिनके साथ काम करना ही होता है, तो बिना कुछ कहे या डिस्कस हामी भर देते हैं। हां, जब कभी दुविधा होती है, तब हम जरूर डिस्कस करते हैं। इस बात की खुशी है कि हम एक ही इंडस्ट्री से हैं।’ राजकुमार के कंधों पर बैठकर अपना नाम नहीं बनाना चाहती बातचीत के दौरान, पत्रलेखा ने खुलासा किया कि उन्हें कई बार ‘राजकुमार राव की वाइफ’ के टैग से प्रोजेक्ट्स ऑफर होते हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस टैग से बहुत तकलीफ होती है। मैं ज्यादा कोशिश करती हूं कि मैं अपना स्पेस बनाऊं और खुद को इतना मजबूत कर लूं कि कोई कुछ ना बोल पाए। मैं उनके कंधों पर बैठकर अपना नाम नहीं बनाना चाहती हूं। इसी वजह से मैं अपने होमटाउन, शिलॉन्ग से निकल गई थी क्योंकि मैं अपने पापा के कंधों पर बैठकर भी अपना नाम नहीं बनाना चाहती थी।’ खुद की पहचान बनाने की चाहत उन्होंने आगे कहा, ‘ये कोई फेमिनिज्म वाली बात है या नहीं, लेकिन मुझे इस टैग से प्रॉब्लम है, मैं इस टैग से दूर भागती हूं। नहीं तो मैं बहुत सारे प्रोजेक्ट्स कर सकती थी, है ना? पर मैं उनके कंधों पर बैठकर अपना नाम नहीं बनाना चाहती हूं।’ याद भी नहीं कि हमने आखिरी बार कब फाइट किया था क्या उनकी और राजकुमार की पर्सनालिटीज अलग हैं, तो उन्होंने बताया, ‘हमारी पर्सनालिटीज अलग हैं, लेकिन बहुत सेम भी हैं। मुझे याद भी नहीं कि हमने आखिरी बार कब फाइट किया था। हम झगड़ा नहीं करते। हां, हमारे ओपिनियंस अलग होते हैं, पर इतने सालों से हम साथ हैं कि अब एक अंडरस्टैंडिंग हो गई है। मुझे समझ में आता है कि उन्हें क्या अच्छा नहीं लगता और मैं उस पर बात नहीं करती। हमारी बाउंड्रीज भी अच्छे से सेट हो गई हैं। वैसे, हम दोनों को फिल्मों का बहुत शौक है। हम रोज एक फिल्म देख सकते हैं। एक साथ सीरीज देखने का भी बहुत शौक है। हमें घूमने का भी बहुत ज्यादा शौक है।’ राजकुमार के साथ एक और फिल्म करने की उम्मीद क्या वे और राजकुमार राव एक साथ किसी प्रोजेक्ट में नजर आएंगे? इस पर पत्रलेखा ने कहा, ‘इस लाइफटाइम में जरूर करेंगे। एक और फिल्म हम करेंगे, पर कब करेंगे, वो नहीं पता। अभी तक कुछ इतना अच्छा आया नहीं है। मैं उम्मीद करती हूं कि जो लोग सुन रहे हैं, वो कुछ लिखें हमारे लिए। पर हां, एक फिल्म हम जरूर करेंगे।’ उन्होंने आगे बताया, ‘कई फिल्ममेकर हमें एप्रोच तो करते हैं, पर कहानियां सही नहीं होतीं या निर्देशक सही नहीं होते। सिर्फ एक हेडलाइन बनाने के लिए या प्रोजेक्ट बनाने के लिए हमें साथ में नहीं आना है। हमें रिलेशनशिप ड्रामा बहुत पसंद है। यदि मौका मिले तो इस टॉपिक पर काम करना चाहेंगे।’ मुंबई में सर्वाइव करने के लिए प्रोजेक्ट्स साइन करना पड़ा क्या उन्होंने कभी सिर्फ पैसों के लिए कोई प्रोजेक्ट साइन किया? पत्रलेखा ने कहा, ‘हां, बिल्कुल किया है। मुंबई में सर्वाइव करना है, तो फिल्में करनी पडीं।’ पत्रलेखा ने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब उनका बैंक बैलेंस जीरो हो गया था, लेकिन उन्होंने उस बुरे वक्त में भी किसी तरह सर्वाइव किया। उन्होंने आगे कहा, ‘उस वक्त बहुत सारे क्लासेज करने का मन था, पर मम्मी-पापा से कितने पैसे लें? हालांकि वो कभी मना नहीं करेंगे, पर आपको भी तो एक गिल्ट होता है ना? बॉम्बे बहुत महंगा है। हालांकि, मैं खुशनसीब थी कि मेरे पेरेंट्स का घर था ओशिवारा में। मैं बहुत प्रोटेक्टेड थी। अगर आपके पास खाना और छत है, तो बॉम्बे काफी सेफ है। और मेरे पास वो सेफ्टी नेट था।’ फिल्मों के अलावा नई चीजें करने का प्लान फिल्मों के अलावा किसी और टैलेंट को एक्सप्लोर करने के बारे में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि मैं और चीजें एक्सप्लोर करूं। शायद मैं कुछ लिखूंगी। हो सकता है कि एक दिन मैं डायरेक्ट करूं। पहले मैंने सब बंद करके रखा था, सोचा था कि मुझे सिर्फ एक्टर ही बनना है। पर अब समय के साथ चीजें बदलती हैं। अब ऐसा टाइम आ गया है कि मैं और चीजें एक्सप्लोर करना चाहती हूं।’ डायरेक्शन के बारे में बात करते हुए पत्रलेखा ने बताया, ‘मैं अपना बचपन दिखाना चाहती हूं। मैं बोर्डिंग स्कूल में थी। मेरा बचपन बहुत अच्छा था। मैंने बहुत अच्छे दोस्त बनाए। बोर्डिंग स्कूल की जिंदगी बहुत अलग होती है, तो मैं वो दिखाना चाहती हूं क्योंकि मैंने उसे जिया है।’

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