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Sunday, February 23, 2025

देवेंद्र यादव बोले- जहां उनकी जरूरत होगी बिना डरे जाएंगे:बलौदाबाजार हिंसा केस…7 महीने बाद विधायक जेल से रिहा; सुप्रीम कोर्ट से मिली है जमानत

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव 7 महीने बाद जेल से रिहा हुए। देवेंद्र को सुप्रीम कोर्ट से उनके बर्थडे के दूसरे दिन 20 फरवरी को बेल मिली थी। वे 17 अगस्त 2024 से यानी 188 दिन जेल में बंद थे। रायपुर सेंट्रल जेल के बाहर बड़ी संख्या में यादव के समर्थक पहुंचे। इसके बाद वे अपनी पत्नी श्रुतिका और बड़े भाई धर्मेंद्र के साथ भिलाई आए। यहां दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि जहां उनकी जरूरत होगी वे बिना डरे जाएंगे। घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए- यादव बलौदाबाजार हिंसा से पहले एक सभा में भाग लेने के बाद ही देवेंद्र यादव पर मामला दर्ज हुआ और वे जेल गए। क्या अब वो ऐसी किसी सभा में भाग लेने जाएंगे या उससे बचेंगे। इस सवाल पर देवेंद्र यादव ने कहा कि बलौदाबाजार की घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। वे वहां अपने लोगों के बीच उनकी आवाज बनकर विरोध दर्ज कराने गए थे। उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि आगे भी जहां-जहां लोगों को उनकी जरूरत होगी और उन्हें बुलाया जाएगा वो वहां बिना डरे जाएंगे और गलत का विरोध करते रहेंगे। देवेंद्र यादव रायपुर से भिलाई घर पहुंचे तो पत्नी श्रुतिका ने उनकी आरती करते स्वागत किया। इसके बाद देवेंद्र घर के अंदर अपनी मां से मिलने पहुंचे। वहां मां ने अपने बेटे को गले से लगा लिया। इस दौरान मां और बेटे दोनों के आंसू छलक उठे। जानिए क्या था मामला 10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने का विरोध करते हुए कलेक्टर और एसपी ऑफिस जला दिया था। इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज किया गया था। देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दी विधायक देवेंद्र यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में कहा गया कि बलौदाबाजार हिंसा घटना वाले दिन वह सिर्फ सभा में शामिल हुए, लेकिन वो मंच पर नहीं गए, उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने भीड़ को उकसाया होगा। कार्यक्रम में शामिल होने और वापस लौट जाने का समय हिंसक घटना के समय से बिल्कुल अलग है। जहां हिंसक घटना हुई, वहां देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे। उनकी गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर से हुई जो की घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर है। पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत और राजनीति से प्रेरित है। बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन- ग्राफिक्स में पढ़िए पुलिस ने देवेंद्र यादव के खिलाफ चालान में क्या लिखा था बलौदाबाजार हिंसा से जुड़ी तस्वीरें देखिए… आगजनी में 2.82 करोड़ का नुकसान बलौदाबाजार हिंसा में चालान रिपोर्ट के अनुसार अग्निकांड में 2.82 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी वाहन, निजी वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसी तरह से एसपी और कलेक्ट्रेट ऑफिस को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया था। प्रदर्शन के दौरान आंदोलकारियों ने पुलिसकर्मियों और शासकीय कर्मचारियों से मारपीट करके उन्हें घायल भी किया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारी घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए पेट्रोल बम लेकर पहुंचे थे। ……………………………… बलौदाबाजार हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… बलौदाबाजार हिंसा…देवेंद्र यादव का संबंध अपराधियों से:चालान में लिखा, हिंसा से पहले प्रदर्शनकारियों से कई बार बातचीत; फंडिंग का दिया आश्वासन बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने 6970 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया है। इसके कुछ अहम दस्तावेज दैनिक भास्कर के हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों में पुलिस ने घटना की पूरी जानकारी, आरोपियों की भूमिका और उनसे जुड़े सबूतों का जिक्र किया है। पढ़ें पूरी खबर

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