भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार को लेकर बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मामले की CBI जांच की मांग की, जबकि विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने गड़बड़ी स्वीकार करते हुए संभागीय आयुक्त से जांच कराने की घोषणा की। मामले में सीएम साय ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने तो CBI को बैन किया था। इस दौरान बीजेपी विधायक रिकेश सेन ने कहा कि कांग्रेस को अब केंद्रीय एजेंसियों पर भरोसा कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि जो लोग CBI को बैन करते हैं और ED पर सवाल उठाते हैं, वे अब खुद जांच की मांग कर रहे हैं। मंत्री टंकराम वर्मा ने स्वीकारी गड़बड़ी विधानसभा में चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने स्वीकार किया कि भारतमाला परियोजना में अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि- मंत्री ने कहा कि सरकार मामले की विस्तृत जांच कराएगी और इसकी जिम्मेदारी आयुक्त को सौंपी गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उठाए सवाल, CBI जांच की मांग नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार के जवाब पर असंतोष जताया और कहा कि सिर्फ विभागीय जांच से दोषियों को बचने का मौका मिल जाएगा। उन्होंने कहा-‘यह एक बड़ा घोटाला है, जिसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं।’ दोनों राजनीतिक दलों के लोग भी इसमें मिले हो सकते हैं। इस मामले में सिर्फ निलंबन से कुछ नहीं होगा, बल्कि दोषी अधिकारियों पर FIR दर्ज कर उन्हें जेल भेजना चाहिए। निलंबन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दोषी कुछ समय बाद फिर बहाल हो जाते हैं और उसी तरह से काम करते हैं।’ उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि- ‘मैं नहीं कह रहा कि यह आपकी सरकार की गड़बड़ी है। इसे पिछली सरकार का घोटाला मानकर निष्पक्ष जांच करा लें। अगर पिछली सरकार के घोटाले की जांच कराने में कोई परेशानी नहीं है, तो CBI जांच की मांग स्वीकार करें।’ जांच में कोताही नहीं बरती जाएगी – साय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने CBI जांच की मांग पर विपक्ष को घेरा और कहा – राजस्व मंत्री ने अच्छे से जवाब दिया है। अगर जांच में कोई शिकायत होगी तो हमें बताईएगा। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने ही CBI को प्रदेश में बैन कर दिया था। अब वही कांग्रेस CBI जांच की मांग कर रही है। बीजेपी विधायक बोले केन्द्रीय एजेंसियों पर अचानक इतना भरोसा कैसे बीजेपी विधायक रिकेश सेन ने भी विपक्ष पर हमला बोला और कहा—”जो लोग पहले CBI को बैन करते हैं और ED पर भरोसा नहीं करते, वे आज खुद CBI जांच की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस को केंद्रीय एजेंसियों पर अचानक से इतना भरोसा कैसे हो गया?” विपक्ष की विधायकों की समिति से जांच की मांग इस पर नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की समिति बनाकर जांच कराने की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर आयुक्त से जांच कराने का निर्णय लिया। इससे नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। हाईकोर्ट जाने की चेतावनी विधानसभा से वॉकआउट करने के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है, इसलिए विपक्ष को कानूनी रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर बना हुआ है, जबकि सरकार ने जांच का आश्वासन दिया है। अब देखना यह होगा कि आगे जांच किस दिशा में जाती है।