बच्चे ने कहा कि वह जब भी अपनी मां से मिलने जाता है तो उसे मिलने नहीं दिया जाता। कोर्ट ने पाया कि मामला क्रूरता की श्रेणी में नहीं आता। बच्चे की भावनाओं को देखते हुए और पत्नी के द्वारा आरोप साबित नहीं करने पर विचार करने के बाद कोर्ट ने एकपक्षीय तलाक को निरस्त कर दिया।