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Saturday, December 21, 2024

कब तक जेल में रहेंगी सौम्या चौरसिया:सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद भी रिहाई क्यों मुश्किल; क्या है मनीष सिसोदिया कनेक्शन

छत्तीसगढ़ कोल घोटाला मामले में राज्य सेवा की निलंबित अफसर और पूर्व CM भूपेश बघेल की सचिव रहीं सौम्या चौरसिया को जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। हालांकि सौम्या अभी जेल में ही रहेंगी। सौम्या को मनी लॉन्ड्रिंग केस में सशर्त जमानत दी गई है। वह करीब 21 महीने से जेल में बंद हैं। उनको दिसंबर 2022 में ED ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट उनकी जमानत खारिज कर चुका था। एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर जमानत दी, क्यों ये फैसला अहम है, मामले में आगे क्या होगा; भास्कर एक्सप्लेनर में 8 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ठाकुर निश्चय सिंह से… सवाल-1: सौम्या को सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर जमानत दी है? जवाब: जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्ज्वल भुयान की पीठ ने कहा कि सौम्या चौरसिया 1 साल और 9 महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं। उनके खिलाफ आरोप तय होना बाकी है और मुकदमा शुरू नहीं हुआ है। इस कारण सुनवाई ही शुरू नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि PMLA में ट्रायल में देरी और लंबे समय से जेल में रहना मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत देने का लीगल बेस है। सवाल-2: जमानत के बाद भी सौम्या चौरसिया की रिहाई मुश्किल क्यों हैं? जवाब: मनी लॉन्ड्रिंग केस में सौम्या चौरसिया को कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है। कोल घोटाले के मामले में राज्य की एजेंसी EOW/ ACB की ओर दर्ज केस हैं। इस मामले में भी उनकी गिरफ्तारी हुई है। इस केस में अभी सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में अभी उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। सौम्या के खिलाफ अभी आय से अधिक संपत्ति का मामला भी विचाराधीन है। सवाल-3: किन शर्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है ? जवाब: कोर्ट ने 3 शर्तों पर सौम्या चौरसिया को जमानत दी है। साथ ही सरकार के लिए भी निर्देश जारी किए हैं। सवाल-4: ED आरोप तय नहीं कर पाई, ऐसे में व्यक्ति को कितने समय जेल में रखा जा सकता हैं? जवाब: PMLA के तहत मामला चलने पर आरोपी को ये साबित करना होता है कि वो निर्दोष है। सवाल-5: मनीष सिसोदिया की जमानत का फायदा कैसे सौम्या चौरसिया को मिला? जवाब: कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि मनीष सिसोदिया के मामले को इसमें आधार बनाया गया था। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए यह कहा था कि, ट्रायल में विलंब संविधान की धारा 21 की अवहेलना है। संविधान की धारा 21 ED की धारा 45 से ऊपर महत्व रखते हुए विचारणीय होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर मनीष सिसोदिया को जमानत दी थी। सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए इस जस्टिस पैराबेल का जिक्र है। सवाल-6: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत का असर क्या उनसे जुड़े दूसरे मामलों में भी होगा? जवाब: इस पर कुछ कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी। यह इस निर्भर करता है कि जांच एजेंसियों द्वारा आरोप पत्र कब दाखिल किए जाते हैं। सवाल-7: कोयला स्कैम में ही EOW और ACB के मामले में क्या उन्होंने जमानत याचिका लगाई है? जवाब: याचिकाकर्ता को 31 जुलाई 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। छत्तीसगढ़ में अवैध कोयला लेवी योजना में शामिल होने और लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। इन एजेंसियों द्वारा एक साथ की जा रही जांच के कारण ED और ACB दोनों के केस में जमानत याचिकाएं दायर की गई थीं। सवाल-8: अब तक कितनी बार जमानत की कोशिशें हुई है? जवाब: सौम्या चौरसिया जमानत के लिए इससे पहले 3 बार कोशिशें कर चुकी हैं। सर्वोच्च न्यायालय में अपील: 21 महीने की हिरासत के बाद 25 सितंबर 2024 को अंतरिम जमानत मंजूर की गई।

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