भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने आज कोषाध्यक्ष सहदेव यादव के CAG रिपोर्ट में किए गए दावों का खंडन किया है। CAG ने अपनी रिपोर्ट में पाया था कि IOA ने रिलायंस के साथ स्पॉन्सरशिप डील में 24 करोड़ रुपए का नुकसान उठाया है। डॉ. उषा ने इसके जवाब में मंगलवार को कहा कि IOA को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है। उषा ने कहा, यह उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की एक चाल है। उन्होंने गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। CAG का आरोप क्या था?
CAG ने भारतीय ओलिंपिक संघ और रिलायंस के बीच हुई स्पॉन्सरशिप डील पर सवाल उठाया था। 2022 में 6 इवेंट के लिए 35 करोड़ रुपए में डील हुई थी। बाद में चार और इवेंट डील में जोड़े गए, लेकिन इसके लिए कोई अतिरिक्त राशि IOA को नहीं मिली। CAG का मानना है कि इसके लिए 24 करोड़ रुपए और IOA को मिलने चाहिए थे। रिपोर्ट कहती है, 2022 में जब रिलायंस के साथ डील फाइनल हुई थी, तब इसमें दो विंटर ओलिंपिक और दो यूथ ओलिंपिक शामिल नहीं थे। तब IOA ने 6 मेगा इवेंट्स के लिए 35 करोड़ रुपए में डील फाइनल की थी। यानी एक इवेंट के लिए करीब 6 करोड़ रुपए की रकम तय हुई थी। 2023 में चार और इवेंट्स के लिए डील एक्सटेंड हुई, लेकिन इसके लिए कोई अतिरिक्त रकम नहीं ली गई है। इनमें से हर एक के लिए 6-6 करोड़ रुपए और मिलने चाहिए थे। यानी 24 करोड़ रुपए और मिलने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। IOA ने 59 की जगह 35 करोड़ रुपए ही लिए। IOA को बदनाम करने का प्रयास
IOA की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया, डॉ. उषा ने CAG रिपोर्ट में सहदेव यादव के दावों का खंडन किया। जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने IOA कार्यकारी परिषद की जानकारी के बिना काम किया। उषा के अनुसार, ये दावे उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने और IOA को बदनाम करने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास का हिस्सा हैं। CEO को डील की पूरी जानकारी दी गई
उषा ने कहा कि RIL के साथ डील को फिर से तैयार करते समय उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। डील का एग्रीमेंट खेल के लीडिंग वकीलों में से एक बेंगलुरु के NK लॉ के नंदन कामथ की देखरेख में तैयार किया गया था। CEO को इस बारे में पूरी जानकारी दी गई।