छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में 7 लोगों पर बिजली गिरी है, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। इस दौरान 6 और भी झुलसे हैं, इनमें 2 बच्चे भी शामिल हैं। 4 लोगों का इलाज कोरिया के सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। वहीं दोनों बच्चों को सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक महतारी वंदन योजना के तहत मिल रही राशि कटकर खाते में आ रही थी। इसे लेकर वह पालकेवरा ग्राम पंचायत सचिव के पास गए थे। सचिव को बुलाकर पेड़ के नीचे मोबाइल नंबर समेत अन्य दस्तावेज अपडेट करा रहे थे, तभी बिजली गिरी। मामला ओड़गी थाना क्षेत्र का है। वहीं मौसम विभाग ने आज (मंगलवार) कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा और सुकमा इन चार जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। यहां गरज चमक के साथ बिजली गिर सकती है। आंधी चल सकती है। इसके बाद कल यानी 17 सितंबर से इस तरह की एक्टिविटी में कमी आएगी। इन सबके बीच सोमवार दोपहर रायपुर और रायगढ़ में बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों में ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम पानी बरसा है।। वहीं प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा बलरामपुर जिले में पानी बरसा है और सबसे कम बेमेतरा जिले में। बेमेतरा में सामान्य से 50% कम पानी बरसा प्रदेश में अब तक 1033.2 मिमी बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में अब तक 483.7 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास हुई है।वहीं, बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 1399.8मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 51% ज्यादा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिक्कत अभी बरकरार पिछले हफ्ते उत्तरी और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई। बस्तर संभाग के 4 जिलों में कई पुल टूट गए, 200 से ज्यादा घर ढह गए। नदियां-नाले उफान पर आ गए और बाढ़ जैसे हालात बन गए। प्रशासन को राहत और बचाव कार्य चलाना पड़ा। प्रभावितों को राहत शिविर में रखा गया है। फिलहाल स्थिति सामान्य की ओर बढ़ रही है, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिक्कतें अब भी बरकरार हैं। बस्तर में 200 से ज्यादा घर ढहे बस्तर संभाग में पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद चार जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर में बाढ़ से 200 से ज्यादा मकान ढह गए। 2196 लोग राहत शिविर में शिफ्ट किए गए। इन्हें स्कूल, इंडोर स्टेडियम, आश्रम जैसे जगहों पर ठहराया गया है। अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। अब बाढ़ के बाद की तस्वीरें भी सामने आई हैं। बारसूर में स्टेट हाईवे 5 पर पुल टूट गया, टूटे पुल पर अब सीढ़ी बांधकर ग्रामीण आना जाना कर रहे हैं। बता दें कि नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर के 55 से 60 गांवों के ग्रामीण अपनी रोजमर्रा के सामानों के लिए बारसूर साप्ताहिक बाजार पहुंचते हैं। क्यों गिरती है बिजली बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।