कवर्धा नाले में ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत 7 बहे…धमतरी में बाइक-सवार बहा:तैरकर बचाई जान,रायपुर की सड़कों पर मछली पकड़ते दिखे लोग, आज 9 जिलों में अलर्ट

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छत्तीसगढ़ में आज मौसम विभाग ने कबीरधाम, रायपुर, मुंगेली, बिलासपुर, जीपीएम, कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर और कोरिया इन 9 जिलों में मध्यम बारिश और बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहने की संभावना है। अगले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में बारिश और उससे जुड़ी गतिविधियों में कमी आ सकती है। बीते 24 घंटे में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई, जिसमें सरगुजा और बिलासपुर के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई। रायपुर में दिन भर बारिश होती रही, नवा रायपुर की सड़कों पर पानी भर गया, जहां लोग मछली पकड़ते नजर आए। इससे पहले कवर्धा के घुमाछापर गांव के पास टमरू नाले में रेत से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बाढ़ की चपेट में आ गई, जिसमें सवार सात मजदूर भी बह गए। हालांकि सभी मजदूरों ने तैरकर अपनी जान बचा ली। बताया गया कि ट्रॉली नाले के बीच में फंसी हुई थी और अचानक तेज बारिश से पानी का बहाव बढ़ने के कारण यह हादसा हुआ। पहले देखिए तस्वीरें- रपटा पर कर रहा युवक बाइक समेत बहा धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक में सिंगपुर पठार के पास रपटे में अचानक बाढ़ का पानी आ गया। जिसे पार कर रहा युवक बाइक सहित बह गया। हालांकि, उसे तैरना आता था इसलिए उसकी जान बच गई। सूरजपुर जिले में 7 लोगों पर बिजली गिरी इससे पहले सूरजपुर जिले में 7 लोगों पर बिजली गिरी है, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। इस दौरान 6 और भी झुलसे हैं, इनमें 2 बच्चे भी शामिल हैं। 4 लोगों का इलाज कोरिया के सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। वहीं दोनों बच्चों को सोनहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एडमिट किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक महतारी वंदन योजना के तहत मिल रही राशि कटकर खाते में आ रही थी। इसे लेकर वह पालकेवरा ग्राम पंचायत सचिव के पास गए थे। सचिव को बुलाकर पेड़ के नीचे मोबाइल नंबर समेत अन्य दस्तावेज अपडेट करा रहे थे, तभी बिजली गिरी। मामला ओड़गी थाना क्षेत्र का है। बेमेतरा में सामान्य से 50% कम पानी बरसा प्रदेश में अब तक 1046.6 मिमी बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में अब तक 487.3 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास हुई है।वहीं, बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 1420.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 53% ज्यादा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिक्कत अभी बरकरार पिछले हफ्ते उत्तरी और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई। बस्तर संभाग के 4 जिलों में कई पुल टूट गए, 200 से ज्यादा घर ढह गए। नदियां-नाले उफान पर आ गए और बाढ़ जैसे हालात बन गए। प्रशासन को राहत और बचाव कार्य चलाना पड़ा। प्रभावितों को राहत शिविर में रखा गया है। फिलहाल स्थिति सामान्य की ओर बढ़ रही है, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिक्कतें अब भी बरकरार हैं। बस्तर में 200 से ज्यादा घर ढहे बस्तर संभाग में पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद चार जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर में बाढ़ से 200 से ज्यादा मकान ढह गए। 2196 लोग राहत शिविर में शिफ्ट किए गए। इन्हें स्कूल, इंडोर स्टेडियम, आश्रम जैसे जगहों पर ठहराया गया है। अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। अब बाढ़ के बाद की तस्वीरें भी सामने आई हैं। बारसूर में स्टेट हाईवे 5 पर पुल टूट गया, टूटे पुल पर अब सीढ़ी बांधकर ग्रामीण आना जाना कर रहे हैं। बता दें कि नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर के 55 से 60 गांवों के ग्रामीण अपनी रोजमर्रा के सामानों के लिए बारसूर साप्ताहिक बाजार पहुंचते हैं। क्यों गिरती है बिजली बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।

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