ज्योतिष शास्त्र में मंगल देव को ताकत, ऊर्जा और साहस का देवता माना जाता है। जब भी जातक की कुंडली में मंगल कमजोर या अशुभ होता है, तो यह झगड़े, गुस्से, चोट या फिर कठिनाइयों की वजह बनता है। ऐसे में मंगल देव को शांत करने के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय भी बताए गए हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंगल देव किस तरह से हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं और अगर कुंडली में मंगल देव की स्थिति शुभ नहीं होती है, तो क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं। वहीं हम आपको मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय भी बताने जा रहे हैं। अगर आप भी इन उपायों को सही तरीके और सच्चे मन से करते हैं, तो मंगल देव प्रसन्न होकर व्यक्ति को जीवन में सफलता, ताकत और शांति देते हैं।
मंगल देव
ज्योतिष में मंगल देव को मेष और वृश्चिक राशियों के स्वामी माने गए हैं और यह एक पुरुष ग्रह हैं। मंगल को अग्नि तत्व का अधिपति माना जाता है। यह साहस, शक्ति, ऊर्जा, जीवटता, उत्साह और पहल का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंगल देव शरीर में पाचन तंत्र और रक्त का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह गुस्से को नियंत्रित करते हैं और साथ ही जातक के स्वभाव में हिंसक प्रवृत्ति का भी संकेत देते हैं। मंगल देव को खेल और एथेलिटिक्स का भी कारक माना जाता है। साथ ही मंगल देव सैन्य पेशे या कानून प्रवर्तन के भी अधिपति हैं।
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हल्के कष्टों के लिए उपाय
रोजाना हनुमान जी की पूजा पाठ करनी चाहिए।
रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
जातक को अपने मित्रों और भाई-बहनों के साथ संबंध अच्छे रखने चाहिए।
जातक को सोना, चांदी और तांबा तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर उससे बनी अंगूठी अनामिका उंगली में धारण करनी चाहिए।
मंगल दोष से मुक्ति के लिए व्यक्ति को विकलांग लोगों को मिठाई का दान देना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
जातक को चांदी की चेन या फिर चांदी की अन्य कोई चीज धारण करनी चाहिए।
महिलाओं को पैरों में चांदी की पायल पहनने से मंगल दोष से राहत मिलती है।
मंगलवार को देसी घी का बना हलवा खुद भी खाना चाहिए औऱ दूसरों में भी बांटना चाहिए।
दूध में शहद मिलाकर पीने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है।
इसके अलावा मंगल दोष से राहत पाने के लिए कौवों और कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए।
अगर किसी विद्युत उपकरण में खराबी हो गई हो, तो उसको फौरन ठीक करवा लेना चाहिए या फिर घर से हटा देना चाहिए।
गंभीर दोषों के लिए उपाय
मंगल देव के गंभीर दोषों से बचने के लिए लाल चंदन से मंगल देव की मूर्ति तस्वीर बनवाएं। फिर उनकी लाल वस्त्र और लाल रंग की माला लिए हुए कुल्हाड़ी और गदा लिए हुए, चार हाथों में तलवार, एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में और चार पैरों वाले मेष पर सवार रूप में ध्यान करें।
मंगल देव की पूजा में लाल रंग के फूल, अगरबत्ती, वस्त्र, दीपक, धूप और गुग्गुल आदि से पूजा करें। मंगल देव की मूर्ति जिस भी धातु में हो और उनके प्रिय भोजन का भोग लगाएं और श्रद्धानुसार दान दें। मंगल के गंभीर दोषों से बचने के लिए मंगल देव के मंत्र का 10,000 बार जाप करना चाहिए
मंगल के हवन के लिए हमेशा खैरा लकड़ी का उपयोग करना चाहिए। हवन सामग्री में घी, दही, शहद आदि मिलाकर अग्नि कुंड में आहुति के रूप में अर्पित करें। फिर मंत्रों का 108 या फिर 28 बार जाप करते हुए हवन करें।
इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए हविष्य अनिवार्य है। पूजा के बाद यजमान को श्रद्धा और ब्राह्मणों की संतुष्टि के मुताबिक दक्षिणा दें।
रत्न उपाय
मूंगा रत्न मंगल देव का रत्न माना जाता है।
रत्न धारण करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अंगूठी बनवाने के लिए सोने की धातु का उपयोग करें।
इस अंगूठी को पहली बार मंगलवार के दिन और शुक्ल पक्ष में धारण करना चाहिए।
अंगूठी पहनने का समय दोपहर 12:30 बजे के आसपास हो।
मूंगा को बाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहनें।
इसको दाएं हाथ की अनामिका उंगली में भी पहना जा सकता है।
मंत्र
ॐ भौमाय नमः
बीज मंत्र
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः