कनाडा से रिश्तों में तनाव के बीच भारत ने सोमवार,14 अक्टूबर को कार्यकारी हाई कमिश्नर स्टीवर्ट रॉस व्हीलर समेत 6 कनाडाई डिप्लोमैट्स को देश से निष्कासित कर दिया। उन्हें 19 अक्टूबर की रात 12 बजे तक का समय दिया है। उधर, रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा ने भी भारत के 6 डिप्लोमैट्स को देश छोड़कर जाने के लिए कहा है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा में अपने हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया है। दरअसल, यह कार्रवाई ट्रूडो सरकार की रविवार को भेजी एक चिट्ठी के बाद हुई। इसमें भारतीय हाई कमिश्नर और कुछ दूसरे डिप्लोमैट्स को कनाडाई नागरिक की हत्या में संदिग्ध बताया था। हालांकि कनाडाई नागरिक की जानकारी नहीं दी, लेकिन इसे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके एक दिन बाद भारत ने आज शाम 6 बजे सख्त रुख अपनाया और कनाडाई राजदूत को तलब कर कहा, ‘कनाडा ने जो आरोप लगाए हैं, वह आधारहीन हैं।’ इसके बाद भारत ने कनाडा में अपने हाई कमिश्नर अन्य डिप्लोमैट्स वापस बुलाने की जानकारी दी। कनाडा बोला- पर्याप्त सबूत दिए, विदेश मंत्रालय ने कहा- आरोप बेतुके कनाडा पुलिस ने कहा, भारतीय एजेंट्स ने कई जानकारियां जुटाईं कनाडाई पुलिस के कमिश्नर माइक दुहेमे ने प्रेस कॉन्फ्रेस भी की। कहा, ‘कनाडा में भारतीय राजनयिक और अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर गुप्त तरीके से भारत सरकार के लिए जानकारियां जुटाई हैं। इसके लिए भारतीय अधिकारियों ने एजेंट्स का इस्तेमाल किया। इनमें से कुछ एजेंट्स को भारत सरकार के साथ काम करने के लिए धमकाया गया और उन पर दबाव बनाया गया। उन्होंने बताया कि भारत ने जो जानकारी जुटाई, उसका इस्तेमाल दक्षिण एशियाई लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है। हमने भारत सरकार के अधिकारियों को इसके सबूत दिए थे और उनसे हिंसा को रोकने और सहयोग करने की अपील की थी।’ दोनों देशों के बीच तनाव की वजह खालिस्तानी आतंकी निज्जर, पिछले साल हत्या हुई थी 18 जून 2023 की शाम को कनाडा के सरे शहर के एक गुरुद्वारे से निकलते समय निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पिछले साल 18 सितंबर को भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज किया था। इसके बाद 3 मई को निज्जर की हत्या के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ये तीनों आरोपी भारतीय हैं। कनाडाई पुलिस ने कहा कि इन पर पुलिस कई महीनों से नजर रखे हुई थी। उन्हें यकीन है कि इन्हें भारत ने निज्जर को मारने का काम सौंपा था। तब भारत ने इस मामले पर कहा था कि यह कनाडा का आंतरिक मामला है। ट्रूडो के लिए निज्जर का मुद्दा अहम क्यों
कनाडा में अक्टूबर 2025 में संसदीय चुनाव हैं। खालिस्तान समर्थकों को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी का बड़ा वोट बैंक माना जाता है। हालांकि पिछले महीने ही ट्रूडो सरकार में शामिल खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की NDP पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था। इस वजह से ट्रूडो ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था। 2021 की जनगणना के मुताबिक, कनाडा की कुल आबादी 3.89 करोड़ है। इनमें 18 लाख भारतीय हैं। ये कनाडा की कुल आबादी का 5% हैं। इनमें से 7 लाख से अधिक सिख है, जो कुल आबादी का 2% हैं। निज्जर 27 साल पहले कनाडा गया था, 3 साल पहले आतंकी घोषित PM ट्रूडो ने पीएम मोदी से मुलाकात का दावा किया
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने लाओस में ईस्ट एशिया समिट के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ट्रूडो ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान जरूरी मुद्दों पर काम करने को लेकर बातचीत हुई। लाओस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ट्रूडो ने कहा कि “मैंने इस बात पर जोर दिया कि हमें कुछ काम करना है।” ट्रूडो ने बातचीत के बारे में अधिक जानकारी देने से मना कर दिया था। हालांकि इंडियन मीडिया हाउस NDTV के मुताबिक विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस मुलाकात का खंडन किया था और कहा था कि दोनों नेताओं के बीच इस तरह की कोई मुलाकात नहीं हुई। कनाडा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… कनाडाई संसद में आतंकी निज्जर के लिए मौन रखा गया:एक साल पहले हत्या हुई थी; भारत बोला- कनिष्क प्लेन पर आतंकी हमले की बरसी मनाएंगे कनाडा की संसद में 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के एक साल पूरे होने पर उसे श्रद्धांजलि दी गई। इसके लिए संसद में एक मिनट का मौन रखा गया। कनाडाई संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में पहले स्पीकर ग्रेग फर्गस ने शोक संदेश पढ़ा और उसके बाद सभी सांसदों से निज्जर के लिए मौन रखने को कहा गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…