बालोद में 463 एनएचएम कर्मी बर्खास्त:आदेश जारी होते ही कर्मचारियों ने किया अनशन का ऐलान; स्वास्थ्य व्यवस्था भी प्रभावित

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मियों की हड़ताल गुरुवार को 32वें दिन भी जारी रही। इसी बीच बालोद जिले में पदस्थ 463 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। एक माह से अधिक समय से जारी इस हड़ताल ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। NHM कर्मचारी नियमितीकरण, ग्रेड पे, लंबित 27% वेतन वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। गुरुवार को रायपुर तूता धरना स्थल पर जेल भरो आंदोलन आयोजित किया गया। इसमें रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के हजारों कर्मचारी शामिल हुए। बालोद जिले के सभी NHM कर्मचारी भी आंदोलन में मौजूद रहे। इस बीच सीएमचएचओ ने बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिया। प्रदेश में व्यवस्था की स्थिति नाजुक प्रदेशभर में करीब 16 हजार संविदा कर्मी हड़ताल पर हैं। इसका असर सीधे शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में ओपीडी बंद हैं। जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। पोषण पुनर्वास केंद्र, स्कूल और आंगनबाड़ी में स्वास्थ्य परीक्षण बंद पड़े हैं। टीबी उपचार, नवजात शिशु देखभाल, वृद्ध स्वास्थ्य जांच और एनसीडी स्क्रीनिंग जैसी सेवाएं भी ठप हो चुकी हैं। लिखित आदेश पर हड़ताल होगा खत्म – चंदन गिरी NHM कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी चंदन गिरी ने बताया कि शासन उनकी पांच मांगें पूरी करने का दावा कर रही है। लेकिन लिखित रूप से आदेश जारी नहीं किया जा रहा है। इसलिए वे केवल लिखित आदेश मिलने पर ही हड़ताल खत्म करेंगे। 463 कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त – CMHO बालोद सीएमचएचओ जेएल उइके ने कहा कि हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही थीं। इसलिए शासन के निर्देश पर 463 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं इस आदेश के बाद बालोद जिला एनएचएम कर्मचारी संघ ने घोषणा की है कि 19 सितंबर सुबह 10 बजे से 20 सितंबर तक बस स्टैंड बालोद में अनशन किया जाएगा।

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