अक्षय कुमार के AI वीडियो पर अमृतसर में बवाल:वाल्मीकि समाज बोला-यूट्यूब से हटाएं वीडियो, भावनाएं आहत हुईं, सेंसर बोर्ड में हमें जगह मिले

0
10

पंजाब के अमृतसर मंगलवार (23 सितंबर) को फिल्म ‘महा वाल्मीकि’ के ट्रेलर को लेकर विवाद खड़ा हो गया। अमृतसर में आदी वाल्मीकि अंबेडकर संगठन ने इस फिल्म का विरोध किया और कमिश्नर को एक मांग पत्र सौंपा। इसमें संगठन ने ट्रेलर को यूट्यूब से हटाने और फिल्म पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है। संगठन का आरोप है कि फिल्म में भगवान वाल्मीकि जी की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है, जिससे वाल्मीकि समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। दरअसल, यूट्यूब पर 1 मिनट 28 सेकेंड का वीडियो अपलोड है, जिसका टाइटल ‘महर्षि वाल्मीकि’ रखा गया है। ट्रेलर और वीडियो के थंबनेल में अभिनेता अक्षय कुमार को वाल्मीकि जी की भूमिका में दिखाया गया है। पहले जानिए ट्रेलर में क्या-क्या है?
फिल्म ‘महा वाल्मीकि’ के ट्रेलर की शुरुआत में कई ऋषि-मुनियों को दिखाया गया है। इसके बाद बर्फीले पहाड़ों की एक गुफा में अक्षय कुमार वाल्मीकि जी की भूमिका निभाते नजर आते हैं। ट्रेलर में सूर्य नमस्कार का दृश्य भी शामिल है, जिसके बाद नए दृश्य दिखाई देते हैं। फिल्म में मुख्य रूप से वाल्मीकि जी को एक गुरु के रूप में पेश किया गया है। उनके साथ कई शिष्य भी दिखाए गए हैं। ट्रेलर में धार्मिक पहलुओं को खास तौर पर दिखाने की कोशिश की गई है। इसी को लेकर वाल्मीकि समाज का कहना है कि फिल्म में गलत तथ्य पेश किए गए हैं और इससे समाज की भावनाएं आहत हो रही हैं। एक्टर अक्षय कुमार को देनी पड़ी सफाई
अक्षय कुमार ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर करके लिखा- कुछ न्यूज चैनल बिना ये जांचें कि ये असली हैं या फर्जी, इन्हें ‘खबर’ मान लेते हैं। आज के समय में, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए भ्रामक कंटेंट तेजी से तैयार किया जा रहा है तो मैं मीडिया संस्थानों से अनुरोध करता हूं कि वो जानकारी की पुष्टि करें और उसे प्रमाणित करने के बाद ही रिपोर्ट करें। अमृतसर में हो रहा विरोध..
अमृतसर में वाल्मीकि समाज के नेताओं ने मीडिया से कहा कि सेंसर बोर्ड में उनके समाज का प्रतिनिधित्व होना जरूरी है, ताकि आगे चलकर इस तरह की गलतियां न हों। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो वे बड़ा संघर्ष करेंगे। संगठन ने गूगल पर भगवान वाल्मीकि जी के इतिहास से जुड़ी गलत जानकारी हटाने की भी मांग की है। संगठन का कहना है कि समाज की धार्मिक भावनाओं का सम्मान होना चाहिए और किसी भी तरह की ऐतिहासिक या धार्मिक विकृति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here