बंगाल में बने सिस्टम से छत्तीसगढ़ का मौसम बिगड़ा:रायपुर-बलौदाबाजार में तेज बारिश,25 जिलों में अलर्ट; पारागांव में बिजली गिरने से 27 बकरियों की मौत

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बंगाल की खाड़ी में बने बारिश के सिस्टम का असर प्रदेश में दिखने लगा है। रायपुर में देर रात से बूंदाबांदी जारी है। बलौदा बाजार में भी तेज पानी बरस रहा है। बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी है। अन्य जिलों में भी भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, सरगुजा, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और रायपुर सहित 19 जिलों में मध्यम से भारी बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इधर, रायपुर के नवापारा क्षेत्र से लगे पारागांव में आकाशीय बिजली गिरने से 27 बकरे-बकरियों की मौत हो गई। सभी मवेशी महानदी किनारे चर रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। घटना में 7 बकरियां घायल भी हुई हैं। वहीं पिछले 24 घंटे की बात करें तो सबसे अधिक 60 मिमी बारिश मैनपुर में दर्ज की गई है। बलराम में सबसे ज्यादा बारिश, बेमेतरा में सबसे कम प्रदेश में अब तक 1078.8 मिमी बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में अब तक 495.1 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 51% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास हुई है। जबकि बलरामपुर में 1473.7 मिमी पानी गिरा है, जो सामान्य से 53% ज्यादा है। जानिए क्यों गिरती है बिजली बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।

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