रायपुर था लाल-चंदन लोडिंग-हब…3000KM का स्मगलिंग रूट:63 करोड़ का माल दुबई भेजा, लोहे की जगह रेड-सैंडर्स की लोडिंग; काली कमाई से खरीदी फ्लैट-लग्जरी गाड़ियां

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नाम अब्दुल जाफर…काम इंटरनेशनल लाल चंदन की स्मगलिंग। मास्टरमाइंड अब्दुल जाफर ने रायपुर को लाल चंदन लोडिंग का हब बना दिया था। रायपुर से दुबई तक 3000 किलोमीटर लंबा तस्करी रूट तैयार किया। रायपुर की एक्सपोर्ट कंपनी, गोदामों का फायदा उठाकर लाल चंदन की स्मगलिंग की। इंटरनेशनल लाल चंदन सिंडिकेट का स्मगलिंग पैटर्न सेम था। रायपुर में कंटेनरों में स्पंज आयरन भरे जाते थे, फिर बीच में रेड सैंडर्स के लट्ठे लोड किए जाते थे। रायपुर से माल नागपुर, मुंबई और चेन्नई पहुंचता और वहां से इंटरनेशनल पोर्ट के जरिए सीधे दुबई डिलीवर होता था। राजेश सुब्रमण्यम, पन्नालाल मीना, राजेंद्रन और सेंटिल सिंडिकेट का हिस्सा थे। अब्दुल जाफर ने रायपुर, मुंबई, नागपुर और चेन्नई से 13 खेपों में लगभग 63 करोड़ रुपए की लाल चंदन की लकड़ी दुबई भेजी। हालांकि, रायपुर के एक गोदाम में छिपाकर रखी गई 11 मीट्रिक टन लाल चंदन की लकड़ी 2016 में ज़ब्त कर ली गई थी। इस कार्रवाई ने तस्करी के नेटवर्क की जड़ें हिला दी थी। इंटरनेशनल लाल चंदन तस्करी माफिया अब्दुल ने काली कमाई से लग्जरी गाड़ियां, फ्लैट और आलीशान प्रॉपर्टी खरीदी थी। अब ED ने 27 सिंतबर 2025 को अब्दुल जाफर पर शिकंजा कसा है। अब्दुल की 8.6 करोड़ की संपत्ति अटैच की है। मई 2025 में अब्दुल गिरफ्तार हुआ था, जो अब तक जेल में है। पढ़िए इस रिपोर्ट में रायपुर से दुबई तक लाल चंदन की तस्करी की कहानी ? अब जानिए रायपुर टू दुबई लाल चंदन तस्करी की पूरी कहानी ? दरअसल, साल 2016 का वह दिन था, जब DRI नागपुर की टीम ने रायपुर स्थित एक गोदाम में छापेमारी की। ये गोदाम लाल चंदन तस्करी के मुख्य सरगना अब्दुल जाफर के सहयोगियों का था, जहां से स्पंज आयरन और रेड सैंडर्स (लाल चंदन) की स्मगलिंग की कहानी शुरू होती थी। DRI नागपुर की टीम ने जब गोदाम में सर्चिंग की तो पता लाल-चंदन के बड़े-बड़े बंडल एक-दूसरे के ऊपर सजे हुए थे। अब्दुल जाफर ने 11 मीट्रिक टन वजन के 576 लट्ठे लाल चंदन गोदाम में छुपा रखे थे। DRI की टीम ने सारी लकड़ियां जब्ती की। DRI नागपुर की टीम ने पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने देखा कि अब्दुल जाफर और उनके सहयोगी पूरी योजना के मास्टरमाइंड थे। टीम के सामने स्पंज आयरन के नीचे छिपी लाल चंदन की लकड़ियां थीं, जो दुबई भेजी जाने वाली थीं, लेकिन उससे पहले ही छापे से प्लान फेल हो गया। अब पढ़िए कब-कब पकड़ाया सिंडिकेट का माल ? 2 अक्टूबर 2016 को नागपुर में एक कंटेनर से 1324 लट्ठे लाल चंदन जब्त किए गए, जिनका वजन 14.055 मीट्रिक टन था। गोदाम की तलाशी में 4 अक्टूबर को रायपुर में 576 लॉग (11 मीट्रिक टन) बरामद हुए और 19 अक्टूबर को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट, मुंबई में दूसरे कंटेनर से 17.060 मीट्रिक टन रेड सैंडर्स जब्त किया गया। DRI के जांच में अधिकारियों को इस सिंडिकेट के तार भी मिले। फरवरी 2016 से अक्टूबर 2016 तक 13 निर्यात खेपों के जरिए 159.110 मीट्रिक टन लाल चंदन तस्करी की गई थी, जिसकी बाजार कीमत लगभग 63.64 करोड़ रुपए थी। DRI के मुताबिक ट्रांसपोर्टर्स और मजदूरों के बयानों से पता चला कि असली माल की जगह रेड सैंडर्स डाला जाता और कंटेनर फिर से सील किया जाता। अब्दुल जाफर की भूमिका मुख्य साजिशकर्ता की थी, जिसने हर कदम पर मोर्चा संभालकर रखा था, ताकि काले कारोबार का भंडा न फूटे। लाल चंदन तस्करी केस में 2020 में हुई ED की एंट्री ED ने इस मामले में 17 मार्च 2020 को ECIR दर्ज किया। जांच में सामने आया कि अब्दुल जाफर पेशेवर अपराधी है। उसकी कमाई मेन जरिया लाल चंदन की तस्करी रहा है। अब्दुल और उसके सहयोगियों ने फरवरी 2016 से अक्टूबर 2016 तक 13 खेपों के जरिए लाल चंदन दुबई भेजा। ED की टीम को जांच में यह भी मिला कि अब्दुल जाफर ने अवैध कमाई से अपनी पत्नी, बच्चों, माता-पिता और करीबी सहयोगियों के नाम पर संपत्ति खरीदने में किया। चेन्नई में फ्लैट, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू में जमीन, तमिलनाडु में अन्य उच्च-मूल्य वाली रियल एस्टेट, कृषि भूमि और लग्जरी गाड़ी शामिल हैं। ED के मुताबिक आरोपी ने संपत्ति के स्रोत के रूप में ऋण, आभूषण बिक्री, किराएदारों से एडवांस राशि और रिश्तेदारों का हवाला दिया, लेकिन कोई प्रमाणित दस्तावेज पेश नहीं कर सका। इसके बाद ED ने उसकी संपत्ति अटैच कर दी। साझेदारी फर्म M/s A.F. Enterprises के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। अब्दुल और पार्टनरशिप फर्म पर FIR ED के मुताबिक 18 जुलाई को PMLA स्पेशल कोर्ट, नागपुर में अब्दुल जाफर और उसकी पार्टनरशिप फर्म M/s A.F. Enterprises के खिलाफ Sections 44 और 45 PMLA, 2002 के तहत मुकदमा दायर किया गया। जांच का सबसे बड़ा खुलासा मोबाइल कॉल डिटेल (CDR) के माध्यम से हुआ। अब्दुल जाफर लगातार राजेश सुब्रमण्यम, पन्नालाल मीना, राजेंद्रन और सेंटिल के संपर्क में था, जो सीधे रेड सैंडर्स तस्करी में शामिल थे। उनके मोबाइल उपकरण से रेड सैंडर्स के लॉग की तस्वीरें और वजन संबंधी स्लिप भी मिली। बयानों जांच से साबित हुआ कि सभी ने मिलकर सिंडिकेट ऑपरेट किया। ED की जांच में सामने आया कि अब्दुल जाफर का सिंडिकेट पूरी तरह संगठित और पेशेवर था, जिसने सालों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाल चंदन तस्करी की। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं हुआ है, कैसे लाल चंदन की लड़कियां रायपुर पहुंचती थी, कहां से लाई जाती थीं, फिर दुबई भेजा जाता था। ये जांच का विषय है। …………………………………………. 1200KM का ‘हवाला-कॉरिडोर’…6.60 करोड़ की डिलीवरी: रायपुर का कारोबारी गुजरात भेज रहा था, थ्री-लेयर में सीक्रेट-लॉकर, प्रोफेशनल-सिंडिकेट ने उठाया पैसा, जानिए किसकी गाड़ी में तस्करी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 500 के नोटों से भरी 2 गाड़ियां निकलीं। दोनों गाड़ियों में 6 करोड़ 60 लाख रुपए बंडलों में लोड थे। डिलीवरी प्वाइंट गुजरात थी। हवाला सिंडिकेट ने हमेशा की तरह 1200 किलोमीटर का सीक्रेट कॉरिडोर बनाया। रायपुर के कारोबारी की रकम बड़े बिजनेस हब से उठाई गई थी। प्रोफेशनल हवाला सिंडिकेट ने तीन लेयर के सीक्रेट-लॉकर में कैश छुपाया। लॉकर की डिजाइन इतनी जबरदस्त थी कि आसानी से पकड़ पाना मुश्किल था। रकम रायपुर से दुर्ग, भिलाई, नागपुर होते हुए गुजरात भेजी जा रही थी, लेकिन कुम्हारी में पकड़े गए। पढ़ें पूरी खबर…

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